Delhi Mcd Election: दिल्ली राज्य चुनाव आयुक्त विजय देव ने दिल्ली नगर चुनाव का एलान कर दिया है। 4 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे और 7 दिसंबर को नतीजे आएंगे।
Delhi Mcd Election: उन्होंने कहा कि दिल्ली में परिसीमन प्रक्रिया जरूरी थी, ये लंबी प्रक्रिया है। हमने समय सीमा में परिसीमन प्रक्रिया को पूरा किया। मतदान केंद्रों की फिर से रूपरेखा तैयार की गई। दिल्ली नगर निगम के तहत 68 निर्वाचन क्षेत्र हैं, जिनमें 250 वार्ड निर्धारित किए गए हैं।
Delhi Mcd Election: विजय देव ने ये भी कहा कि 42 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रहेंगी, जिनमें से 21 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगी। अन्य सीटें में से 104 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगी।
आप को बता दें कि नगर निगम में 15 सालों से भाजपा काबिज है। एक वक्त ऐसा भी आया जब नगर निगम को तीन भागों में बांट दिया गया था। तत्कालीन सीएम शीला दीक्षित ने साल 2011 मे दिल्ली नगर निगम अधिनियम में संशोधन करके नगम को उत्तरी,पूर्वी और दक्षिणी निगम में बांट दिया था।
पहले एक मेयर होता था लेकिन, अब तीन मेयर बनाए गए। निगम के तीन भाग में बंटने के कारण निगम पर आर्थिक बोझ बढ़ गया। इस विभाजन से सबसे ज्यादा नुकसान पुर्वी निगम को हुआ, सबसे गरीब और सबसे कम राजस्य कमाने वाला निगम था। गरीब तबके के लोग इसी निगम के अंतर्गत आते है। यहां पर आज भी प्रोपर्टी टैक्स काफी कम आता है। सबसे ज्यादा प्रोपर्टी टैक्स साउथ एमसीडी अर्जित करता है।
ऐसे में निगम के कर्मचारियों और खासकर पूर्वी और उत्तरी निगम में आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया। कई बार निगम अपने कर्मचारियों का सैलरी भी नहीं दे पा रहे थे। निगम कर्मचारियों ने कई बार सैलरी न मिलने के कारण हड़ताल तक की थी। निगम में सैलरी न बांटने के लिए मिगम में बैठी भाजपा दिल्ली सरकार को जिम्मेदारी डाल रहे थे कि वो हमें फंड मुहैय्या नहीं करवाया रहे थे।
दिल्ली सरकार इसके लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहीं थी । इस सबके पीछे का लाँजिक भी समझने की जरूरत है कि केंद्र सरकार निगम को देने के लिए फंड दिल्ली सरकार को ही भेजती है और बाद में दिल्ली सरकार तीनों निगमों को फंड देती थी।
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