G20 Summit: G20 में आए मेहमानों का स्वागत पीएम मोदी ने कोणार्क चक्र के पास किया। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक को गले लगाया, तो वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को भारत मंडपम में बने कोणार्क चक्र के बारे में जानकारी दी। आपको बता दें कि मोदी ने कोणार्क चक्र के पास ही क्यों मेहमानों का स्वागत किया इसके क्या है मायने…
G20 Summit: क्या हैं कोणार्क चक्र के मायने?
G20 Summit: कोणार्क चक्र को 13वीं सदी में राजा नरसिंहदेव-प्रथम के शासन में बनाया गया था। 24 तीलियों वाले इस चक्र को भारत के राष्ट्रीय झंडे में भी इस्तेमाल किया गया। विश्लेषकों के मुताबिक, यह चक्र भारत के प्राचीन ज्ञान, उन्नत सभ्यता और स्थापत्य उत्कृष्टता को दर्शाता है। इतना ही नहीं कोणार्क चक्र लगातार बढ़ते समय की गति, कालचक्र के साथ-साथ प्रगति और निरंतर परिवर्तन का प्रतीक है। यह लोकतंत्र के पहिये के एक शक्तिशाली प्रतीक के रूप में कार्य करता है, जो लोकतांत्रिक आदर्शों के लचीलेपन और समाज में प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
G 20 in India | The welcome handshake of all leaders with PM Modi will showcase the Konark Wheel from Odisha. The Konark Wheel was built during the 13th century under the reign of King Narasimhadeva-I. The wheel with 24 spokes is also adapted into India's national flag and… pic.twitter.com/g8wrTpsmZM
— ANI (@ANI) September 9, 2023
भारत की हजारों साल पुरानी धारोहर से करावाया रूबरू
G20 Summit: जी-20 के शिखर सम्मेलन में दुनिया इतिहास के पन्नों से बाहर पहली बार भारत की हजारों साल पुरानी कला, संस्कृति, शिल्प, विरासत, परंपरा, धरोहर से रूबरू होगी। भारत मंडपम में मिनी भारत का प्रतिनिधित्व करता शिल्प बाजार सज गया है। विदेशी मेहमानों को भारत की पारंपरिक कला और संस्कृति की झलक के साथ यहां प्रौद्योगिकी व तकनीक का बेजोड़ मेल लुभाएगा। यहां कलाकार भारत की कला,संस्कृति, स्थानीय खानपान समेत दूसरी अनूठी चीजों को प्रदर्शित कर रहे हैं।
G20 Summit: विदेशी मेहमानों के लिए यह मिनी भारत जैसा…
G20 Summit: हॉल नंबर तीन में सजे इस अनूठे बाजार में देश के कोने-कोने से आए शिल्पकार भाग ले रहे हैं। विदेशी मेहमान यहां कश्मीर की कालीन, पंजाब की फुलकारी, मधुबनी पेंटिग्स, महाराष्ट्र के बांस के उत्पाद, असम की चाय, तंजावुर की पेंटिंग्स, पूर्वोत्तर राज्यों की लकड़ी व बांस से बनी वस्तुएं, हस्तकरघा, मिट्टी से बनी वस्तुएं, रंगाई-छपाई सब एक छत के नीचे देख सकेंगे। यह हॉल विविधता में एकता का प्रतीक है और भारतीय पारंपरिक कला व संस्कृति की झलक पेश करता है।
उत्तर प्रदेश : अयोध्या में ‘भगवान श्रीराम’ और मुरादाबाद की पीतल की नक्काशी
G20 Summit:उत्तर प्रदेश पवेलियन में विदेशी मेहमानों को अयोध्या नगरी में ‘भगवान श्रीराम’ के साथ मुरादाबाद की नक्काशी से रूबरू होने का मौका मिलेगा। यहां पर भगवान श्रीराम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की बेहद ही खूबसूरत झांकी दिखेंगी। यहां पर लाइम डेमो में मुरादाबाद के पद्मश्री अवार्डी दिलशाद हुसैन पीतल पर नक्काशी करते दिखेंगे।
G20 Summit: आपको बता दे कि छह साल की उम्र से नक्काशी शुरू की थी और उनकी ये चौथी पीढ़ी हैं। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहते हैं कि जी 20 शिखर सम्मेलन के कारण उन्हें विदेशी मेहमानों के सामने अपनी कारीगरी दिखाने का मौका मिल रहा है। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी ने जर्मनी यात्रा के दौरान उनके द्वारा छह महीने में तैयार पीतल की नक्काशी वाले मटकों को वहां भेंट स्वरूप दिया था। यहां पर विदेशी मेहमानों को नक्काशी वाले बर्तन खरीदने का मौका मिलेगा, जोकि 50 हजार से एक लाख रुपये की कीमत तक के हैं। यहां दो किलो वजन का आठ ईंच नक्काशी वाला पीतल का मटका एक लाख रुपये की कीमत का है।
पंजाब किनफुलकारी और जूती है खास
G20 Summit: पंजाब पवेलियन में विदेशी मेहमानों को विश्व प्रसिद्ध फुलकारी को बनाने की कला से लाइव रूबरू होने का मौका मिलेगा। यहां पर 67 वर्षीय पद्मश्री अवार्डी लाजवंती फुलकारी पर लाइव डेमो के दौरान बनाकर दिखाएंगी।
हरियाणा के राखीगढ़ी में खुदाई के दौरान मिले सिंधु सम्यता से जुड़े मिट्टी के बर्तन
G20 Summit: हरियाणा पवेलियन में हरियाणा के हिसार स्थित राखीगढ़ी में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की खुदाई के दौरान मिले ‘सिंधु-सरस्वती’ सभ्यता से मिलते-जुलते मिट्टी के बर्तनों को दर्शाया गया है। इसका मकसद विदेशी मेहमानों को भारतवर्ष की सबसे प्राचीनतम ”” सिंधु-सरस्वती ””सभ्यता के बेहतर सिविलाइजेशन से रूबरू करवाना था। यहां दर्शाया गया है कि हजारों वर्ष पहले उस जमाने में लोग मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाते थे।
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख : पशमीना की पेशकश
G20 Summit: विदेशी मेहमानों को केंद्र शासित प्रदेशों में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख बेहद भाने वाला है। यहां कला, संस्कृति के साथ-साथ याक की ऊन से तैयार शुद्ध पशमीना को शो केस किया गया है। जम्मू-कश्मीर के कश्मीर की की 15वीं शताब्दी की चटकीले रंग वाली पेपर मेशे पेटिंग का लाइव डेमो दिया जा रहा है। उधर, लद्दाख अपनी जीआई टैग आधारित जटिल डिजाइन, अद्वितीय पैटर्न पर आधारित काष्ठ नक्काशी पेश कर रहा है।
G20 Summit: आपको बता दे की जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए पीएम मोदी ने विदेशी नेताओं और अहम संगठनों के प्रमुखों का स्वागत किया हैं। इस दौरान पीएम मोदी जहां इन शख्सियतों के साथ तस्वीर खिंचा रहे है, वहां का बैकग्राउंड काफी खास दिखाई पड़ रहा है, दरअसल आपको फोटो में पीछे एक बड़ा सा पहिया लगा देखा होगा। आपको बता दे कि वो पहिया नहीं है। यह ओडिशा का कोणार्क चक्र है, जिसके जी-20 समिट में प्रदर्शन के कई अहम मायने हैं।
Written By- Vineet Attri.
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