Gyanvapi ASI Survey: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर के ASI सर्वे का दिया आदेश,मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट जाने को तैयार

Gyanvapi ASI Survey

Gyanvapi ASI Survey: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे को लेकर मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका दिया।  पीठ ने केस की सुनावाई करते हुए ज्ञानवापी के एएसआई सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। आपको बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर की सिंगल बेंच ने ये फैसला सुनाते हुए मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है। प्रीतिंकर दिवाकर ने फैसला सुनाते हुए सर्वे को जारी रखने का आदेश दिया।

Gyanvapi ASI Survey: सर्वे से नहीं होगा कोई नुकसान

Gyanvapi ASI Survey: याचिका के दौरान मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट को बताते हुए कहा कि सर्वे से ढांचे को नुकसान होने की दलील दी थी, जिसके बाद एएसआई की ओर से एक एफिडेविट दाखिल कर कहा गया था कि सर्वे से कोई नुकसान नहीं होगा, जिसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ये फैसला सुनाया।

हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन: सर्वे को किसी भी स्टेज पर किया जा सकता शुरू

Gyanvapi ASI Survey: एएसआई ने कहा कि “अगर खुदाई करने की जरुरत हुई तो उसके लिए पहले कोर्ट से इजाजत ली जाएगी। कोर्ट के फैसले के बाद अब कभी भी ज्ञानवापी परिसर का एएसआई सर्वे शुरू किया जा सकता है।” 

इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण की अनुमति देने पर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि “हाई कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को सर्वेक्षण करने के लिए कहा है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज़िला कोर्ट के फैसले को तत्काल प्रभाव से प्रभावी करने के लिए भी कहा है और साथ ही कहा कि सर्वे को किसी भी स्टेज पर शुरू किया जा सकता है।” 

मुस्लिम पक्ष ने दी थी ये दलील

Gyanvapi ASI Survey: गौरतलब है कि गत 21 जुलाई को मुस्लिम पक्ष ने ज्ञानवापी का सर्वे कराए जाने के जिला अदालत के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। अंजुमन कमेटी ने ढांचे को नुकसान होने की बात कहकर सर्वे पर रोक लगाने की मांग की थी। मुस्लिन पक्ष की तरफ से अंजुमन कमेटी अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में जुट गया है। 

Gyanvapi ASI Survey: आपको बता दें कि हिंदू पक्ष के वकीलों का कोर्ट में कहना था कि विवादित जगह पर पहले मंदिर था। साल 1669 में औरंगजेब ने मंदिर तोड़कर मस्जिद बनवाई थी। विवादित परिसर में आज भी हिंदू धर्म के प्रतीक चिन्ह मौजूद हैं और इस बात की और तस्दीक करने के लिए हिंदू पक्ष ने सर्वे करवाने के लिए कोर्ट में याचिका डाली थी। जिससे ये पता चल सकेगा कि ज्ञानवापी मंदिर को तोड़कर ही मस्जिद को बनवाया गया है। एडवोकेट कमीशन की रिपोर्ट में यह बता सामने भी आयी है।

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।