नीतीश कुमार: बिहार सीएम आज शनिवार को ही दे सकते हैं इस्तीफा, NDA के साथ बनाएंगे सरकार ?

नीतीश कुमार

नीतीश कुमार: बिहार की राजधानी पटना में शनिवार को बैठकों का दौर जारी है।बीजेपी और जेडीयू दोनों ही पार्टी के नेता अपने शीर्ष आलाकमान के साथ बैठक कर आगे की रणनीति बनाने में जुटेंगे।सीएम आवास पर जेडीयू के नेताओं की बैठक बुलाई गई है। बिहार में एक बार फिर सियासी हलचल तेज है। महागठबंधन से अलग होकर नीतीश कुमार बीजेपी के साथ सरकार बना सकते हैं। और खबर ये आ रही है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ ब्रह्मेश्वरनाथ धाम का उद्घाटन करने के लिए पहुंचे जिसके बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा, ”जो भगवान की इच्छा होगी, वही होगा… पहली बार, मैं ही उन्हें (नीतीश कुमार) यहां लेकर आया था, और आज भी मैं उन्हें लेकर आया…”

 चिराग पासवान ने गृहमंत्री अमित शाह से बिहार की पल-पल बदलती राजनीति पर चर्चा की

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा से केंद्रीय गृह मंत्री के आवास पर मुलाकात की।

नीतीश कुमार: रविवार को मुख्यमंत्री आवास में 10 बजे विधायकों, सांसदों और पार्टी नेताओं के साथ बैठक करेंगे। सूत्रों के अनुसार रविवार दोपहर 12 बजे के बाद  नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं। साथ ही वह बहुमत का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंपेंगे इसके बाद रविवार शाम 4 बजे राजभवन में नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है।

नीतीश कुमार: शनिवार रात तक मुख्यमंत्री आवास पर बीजेपी का समर्थन पत्र पहुंच जाएगा। बीजेपी आज अपने विधायक दल की बैठक में अपने विधायकों से समर्थन पत्र पर हस्ताक्षर कराएगी। इधर, आज नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री आवास पर अपने करीबी और विश्वस्त नेताओं की बैठक बुलाई है। इस बैठक में अशोक चौधरी, विजय चौधरी, संजय झा समेत कई बड़े जेडीयू नेता सीएम आवास पर पहुचेंगे।

नीतीश ने लालू का फोन कॉल उठाना किया बंद

नीतीश कुमार: वहीं, स्पीकर की खाली कुर्सी पर विपक्ष के नेता विजय सिन्हा को बैठाया गया। गवर्नर की टी पार्टी की ये तस्वीर आज की बिहार की सियासी हालात को बताने के लिए सबसे सटीक तस्वीर बन गई है। अब इन तल्खियों के बाद बिहार में महागठबंधन का टूटना तय है। चाचा नीतीश कुमार ने भतीजे तेजस्वी की परवाह तो छोड़ ही दी है। खबर ये है कि अब बड़े भाई लालू का भी फोन कॉल नहीं उठा रहे हैं। इन डेवलपमेंट्स के बीच दिल्ली से पटना तक बैठकों का दौर आज भी जारी रहने वाला है।

महागठबंधन से नीतीश का मोहभंग?

नीतीश कुमार: बता दें कि बिहार में इस सियासी उलटफेर के संकेत शुक्रवार को रिपब्लिक डे समारोह के दौरान ही मिलने लगे थे क्योंकि आमतौर पर नीतीश के बगल में बैठने वाले तेजस्वी उनकी बगल कुर्सी को छोड़कर विधानसभा स्पीकर अवध बिहारी चौधरी के बगल में बैठे नजर आए। फिर शाम को राज्यपाल के यहां कार्यक्रम में तो नीतीश कुमार और बीजेपी नेता तो पहुंचे लेकिन तेजस्वी यादव नहीं पहुंचे। इस प्रोग्राम में भी तेजस्वी की कुर्सी नीतीश के बगल में लगी थी। जब तेजस्वी नहीं पहुंचे तो नीतीश कुमार ने अशोक चौधरी को बुलाया। अशोक चौधरी ने भी बिना देरी किए डिप्टी सीएम के लिए रखी गई कुर्सी से तेजस्वी के नाम की पर्ची हटाई और उसी कुर्सी पर बैठ गए।

नीतीश कुमार: आज शाम चार बजे बीजेपी पदाधिकारियों और विधायक दल की बैठक पटना में रखी गई है।इसमें बीजेपी के सभी सांसद और विधायक मौजूद रहेंगे।साथ ही प्रदेश प्रभारी विनोद तावडे भी मीटिंग में शामिल होने के लिए पटना पहुंच रहे हैं।28 जनवरी यानी कल सुबह 10 बजे जेडीयू विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री आवास पर होगी।जेडीयू ने अपने सभी कार्यक्रम भी रद्द कर दिए हैं।

नीतीश के लिए खुल गए NDA के दरवाजे?

नीतीश कुमार: बीजेपी की मीटिंग से पहले नीतीश की एनडीए में वापसी का पूरा प्लान तैयार है। कल तक नीतीश के लिए एनडीए के दरवाजे बंद रहने की बात कहने वाले बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने भी नीतीश को लेकर बड़ा संकेत दिए हैं। सुशील मोदी एनडीए में नीतीश के लिए दरवाजे खोलने की संभावना जता रहे हैं तो बीजेपी के विधायक ज्ञानेंद्र ज्ञानू ने अगली सरकार की पूरी टाइमलाइन बता दी।

RJD ने सभी विधायकों को पटना बुलाया

नीतीश कुमार: बिहार बीजेपी के नेता सरकार की टाइमलाइन बता रहे हैं।तो लालू खेमा भी जोड़तोड़ में जुट गया है। RJD ने भी अपने सभी विधायकों को पटना बुलाया है। आज दोपहर 1 बजे RJD कोटे के मंत्रियों और विधायकों के साथ लालू और तेजस्वी मीटिंग करेंगे तो महागठबंधन में शामिल कांग्रेस ने भी आज पूर्णिया में 2 बजे बैठक बुलाई है।

नीतीश के NDA में आने से बीजेपी को क्या फायदा?

नीतीश कुमार: अब सवाल उठता है कि नीतीश के NDA में आने से बीजेपी को क्या फायदा होगा तो इसका जवाब साफ है-सबसे पहला मोदी विरोधी I.N.D.I अलायंस की मोर्चेबंदी को बड़ा झटका लगेगा।दूसरा बिहार में अति पिछड़ा वोट बैंक भी बीजेपी के साथ होगा।तीसरा बिहार की सभी 40 लोकसभा सीटों पर बढ़त मिलने की उम्मीद होगी।

नीतीश कुमार: पिछले चुनाव में NDA ने बिहार की 40 में 39 सीट जीती थी तब नीतीश कुमार भी NDA के हिस्सा थे। बीजेपी को उम्मीद है कि 2024 में जब नीतीश फिर से साथ होंगे तो NDA वही प्रदर्शन दोहरा सकती है।

Written By- Poline Barnard.

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।