Nuh Violence: हरियाणा के नूंह में 31 जुलाई यानी सोमवार को ‘बृज मंडल धार्मिक यात्रा’ के दौरान हिंसा भड़की थी। दोनों समुदायों के बीच भीषण टकराव हुआ था। हिंसा की आग में दोनों समुदायों के घर झुलसे थे और अब हरियाणा सरकार ने हिंसा करने वाले लोगों की पहचान करके उनके अवैध धरों और दुकानों पर योगी के बुलडोजर की तर्ज पर खट्टर सराकर ने बुलडोजर चलाने का निर्णय लिया जिसके बाद से ही नूंह इलाके में स्थित एसकेएम मेडिकल काॅलेज के अवैध निर्माणों पर बुलडोजर की कार्यवाही की थी। तावडू इलाके में भी ताऊ का बुलडोजर ताबड़तोड़ चला था जिसमें अवैधरूप से रह रहे रोहिंग्या की बस्ती पर चला था। अब तक मेवात क्षेत्र में आने वाले नूंह की बात करें तो अब तक नूंह के जिला नगर योजनाकार ने बताया था कि नलहर रोड पर अवैध रूप से बनी 45 से अधिक व्यावसायिक दुकानों के साथ ही 100 से ज्यादा अवैध मकानों केो बुलडोजर ने तोड़ दिया और साथ ही 500 से ज्यादा अवैध रेड़ी पटरी वालों के अवैध अतिक्रमण को भी बहुलडोजर ने हटा दिया। अब पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए नूंह में चल रहे बुलडोजर पर रोक लगा दी।
हरियाणा के नूंह में अवैध घरों और दुकानों के साथ ही रोहिंग्याओं की अवैध बस्ती पर कुछ दिन पहले सीएम मनोहर लाल खट्टर के आदेश के बाद प्रशासन ने बुलडोजर चलाया था। जिसके बाद AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने खट्टर सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि “गरीब मुसलमानों की संपत्तियों पर केवल शक के आधार पर बुलडोजर चलवाया जा रहा है।”
ओवैसी: महज इल्ज़ाम की बुनियाद पर सैकड़ों ग़रीब…
Nuh Violence: उन्होंने आगे कहा कि “सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कोई भी बुलडोज़र एक्शन लेने से पहले सरकार को क़ानून की प्रक्रिया (due process) का पालन करना होगा। बिना बिल्डिंग मालिक को अपनी बात रखने का मौका दिए कोई कार्रवाई नहीं हो सकती। बस इल्ज़ाम की बुनियाद पर सैकड़ों ग़रीब परिवारों को बेघर कर दिया गया।भले ही संघी अपनी बर्बरता पर गर्व करते हों, लेकिन न ये क़ानूनी तौर पर सही है और न ही इंसानियत के तक़ाज़े से जायज़ है। हरियाणा में सिर्फ़ ग़रीब मुसलमानों को निशाना बनाया गया है और एक तरफ़ा कार्रवाई की जा रही है। असली मुज़रिम बंदूक़ लेकर खुले आम घूम रहे हैं।उनके आगे तो खट्टर सरकार ने अपने घुटने टेक दिए।मिट्टी के मकान और झुग्गी-झोपड़ियों को तोड़ कर अपने-आप को ताक़तवर समझना क्या बड़ी बात है?”
ओवैसी ने दी थी अधिकारी के बयान पर प्रतिक्रिया
Nuh Violence: आपको बता दें कि नूंह के डिप्टी कमिश्नर के उस वीडियो क्लिप पर औवेसी ने प्रतिक्रिया दिया है, जिसमेंं कमिश्नर ने कहा था कि बुलडोजर की कार्रवाई एक नियमित प्रक्रिया थी और किसी को निशाना बनाने के लिए कार्रवाई नहीं की जा रही है।
Nuh Violence: वहीं, राज्य अधिकारियों ने भी बुलडोजर कार्रवाई और नूंह हिंसा मामले के बीच किसी भी संबंध से इनकार किया है। हालांकि, अधिकारियों का यह भी कहना है कि ध्वस्त की जा रही कुछ दुकान और घर हिंसा में शामिल लोगों से संबंधित था।
Nuh Violence: प्रशासन की दलील केवल अवैध संपत्ति पर ही चला है बुलडोजर
Nuh Violence: हरियाणा के नूंह में बीते सप्ताह भड़की हिंसा के बाद भले ही अब शांति हो लेकिन इलाक़े में तनाव साफ़ तौर पर महसूस किया जा सकता है. हिंसा के बाद प्रशासनिक कार्रवाई करते हुए कई घरों और दुकानों पर बुलडोज़र चलाए गए हैं. एक ओर प्रशासन का दावा है कि उन्होंने सिर्फ़ अवैध निर्माण पर कार्रवाई की है, लेकिन जिनके घर और दुकान तोड़े गए हैं, उनका दावा है कि उनके पास पूरे काग़ज थे. उनका कहना है कि प्रशासन की ये कार्रवाई बिना किसी नोटिस के की गई है..
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