Pakistan: पाकिस्तान के कब्जे वाले कशमीर में साड़े सात दशक से वहां के आम लोगों को अत्याचार का सामना करना पड़ रहा हैं। पाकिस्तान अपने नागरिकों को मूलभुत सुविधाए उपलब्ध नहीं करा पाता। लेकिन भारत के खिलाफ आए दिन जहर उगलता रहता हैं। वहां की जनता खुद अपने सरकार पर आम नागरिकों पर अपने साथ भेद भाव के आरोप लगाती हैं।अपने सरकार के ऐसे रवैया पर वहां पीओके के आम लोगों ने पाकिस्तान सरकार के खिलाफ विरोध पर उतर आए हैं। अब पीओके की जनता भारत में विलय होना चाहती हैं।
वहां के लोग 2024 का आगामी लोकसभा चुनाव भारत के साथ मिलकर लड़ना चाहते हैं। वहीं जब से पीएम मोदी अमेरिका के दौरे से आए हैं। तब से ऐसी हलचल तेज हो गई हैं। भारत की संसद में पीओके के लिए प्रस्ताव पारित किया गया हैं। भारत इस मामले को बहुत खास मानता है।भारत में शामिल करने के लिए सरकार प्रतिबध्द हैं।
रक्षा सम्मेलन के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसकी जानकारी दी की पीओके के लोग भारत में शामिल होना चाहते हैे। वहां की जनता पाकिस्तान सरकार से बिल्कुल भी सहमत नहीं हैं। पाकिस्तान अपने आवाम के संग भेदभाव का बर्ताव करती हैं। संवैधानिक तरीके से पीओके भारत का हिस्सा । समझौते में यह तय किया गया था कि पाक अधिकृत कशमीर के लोग ही यह निर्णय करे कि उनको किस देश में शामिल होंगे। भारत के चुनाव आयोग ने इसकी तैयारी कर ली हैं। पाक अधिकृत कशमीर में 24 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इसका क्षेत्रफल 13 हजार वर्ग किलोमीटर हैं। जम्मु कशमीर के क्षेत्र में कुल 1 14 सीटें विधानसभा की आती हैं। इस क्षेत्र का अभी तक पूरे तरीके से विकास नहीं हो पाया हैं। पीओके के लोगों का मानना हैं कि पाकिस्तान के साथ जुड़कर उन्होनें बहुत बड़ी गलती कर दी है। अब वो भारत में विलय होना चाहते है।
#BREAKING | 'PoK was, is and will always be the part of India,' Defence Minister Rajnath Singh's stern message to Pakistan from Jammu.#PoK #JammuAndKashmir#RajnathSingh pic.twitter.com/fe5mmUX5HW
— Republic (@republic) June 26, 2023
क्या है पीओके?
Pakistan: जब जम्मू कशमीर में राजा हरि सिंह की रियासत हुआ करती थी। सन् 1947 में जब पाकिस्तान ने कशमीर पर हमला किया। तब राजा हरि सिंह ने भारत से मदद मांग थी। रियासत को भारत में विलय के नाम पर भारत ने राजा हरि सिंह की मदद की और जम्मू कशमीर को मुक्त करा लिया। इसी दौरान पाक ने कुछ हिस्सों पर कब्जा कर लिया। उसके बाद युद्ध पर यह सहमती बनी की । पीओके के लोग जिस देश में रहना चाहते हो वहा रहने के लिए वह स्वत्त्र हैं। 1947 से यह विवाद चलता आ हरा है। पीओके की आम जनता पाकिस्तान की भेदभाव बर्ताव के कारण भारत में विलय होना चाहते हैं। पीओके को भारत सरकार अपने में विलय को तैयार हैं।
Written By: Juhi Pandit
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