Uniform Civil Code: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष बोले साउथ में मामा करते हैं भांजी से शादी

Rehman

Uniform Civil Code:  समान नागरिक संहिता का मुद्दा इन दिनों सियासत में लू की तरह चल रहा है। इस पर हर राजनीतिक दल के नेताओं से लेकर धार्मिक संगठन के लोग एक के बाद एक बयानबाजी कर रहे हैं। अब यूनिफार्म सिविल कोड पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सैफुल्लाह रहमानी ने अपनी राय सामने रखी है। उन्होंने कहा कि भारत में बसने वाले लोगों के लिए यूनिफार्म सिविल कोड मुनासिब नहीं है।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष ने UCC को लेकर कहा कि संविधान बनाने वालों ने मजहबी आजादी को बरकरार रखा था। कुछ वक्त के सियासी फायदे के लिए इसके साथ छेड़छाड़ ठीक नहीं है। मौलाना सैफुल्लाह ने कहा कि हम इस मुद्दे पर लॉ कमीशन को अपनी राय देंगे। अगर लॉ कमीशन मिलने के लिए टाइम देगा तो मिलने भी जाएंगे। हम उत्तराखंड के सिविल कोड के ड्राफ्ट को हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।

लॉ कमीशन ने शुरू की प्रक्रिया

Uniform Civil Code: समान नागरिक संहिता पर लॉ कमीशन ने आम जनता से विचार विमर्श करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विधि आयोग ने नोटिस जारी करते हुए कहा है कि 22वें विधि आयोग ने एक बार फिर समान नागरिक संहिता पर व्यापक स्तर पर लोगों और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों के विचार मांगने का फैसला किया है। इसमें रुचि रखने वाले इच्छुक लोग और संगठन नोटिस जारी होने की तारीख के 30 दिन की अवधि के अंदर विधि आयोग को अपने विचार दे सकते हैं।

यूनिफॉर्म सिविल कोड पर राजनीति

Uniform Civil Code: कांग्रेस, टीएमसी, एनसीपी, जेडीयू के साथ-साथ केसीआर की पार्टी बीआरएस ने यूसीसी पर प्रतिक्रिया दी, तो वहीं बीजेपी ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर बयान पर विपक्षियों की आलोचना की। पार्टी प्रवक्ता शहजाद पूनावाल ने कहा, बीजेपी यूसीसी को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि विधि आयोग की ओर से समान नागरिक संहिता को लेकर उठाया गया नया कदम यह दर्शाता है कि मोदी सरकार अपनी विफलताओं से ध्यान भटकाने और ध्रुवीकरण के अपने एजेंडे को वैधानिक रूप से जायज ठहराने के लिए व्याकुल है।

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष सैफुल्लाह रहमानी ने आगे कहा कि लोकतांत्रिक देश में किसी पर एक कानून थोपना उसूलों के खिलाफ है। जैसे साउथ इंडिया में हिंदू धर्म को मानने वाले मामा-भांजी से शादी करते हैं। लेकिन ये नार्थ इंडिया में नहीं होता है, ऐसे बहुत से मामले है। जिनमें इस कानून के तहत विरोध नजर आएगा।

UCC किसी के भी हक में नहीं है

Uniform Civil Code: वहीं इस मुद्दे पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना फजलुर्रहीम मुजद्ददी ने कहा कि हम यूनिफार्म सिविल कोड का विरोध पहले भी करते रहे हैं, अब भी कर रहे हैं यूनिफार्म सिविल कोड किसी के भी हक में नहीं है। महासचिव ने अपने बयान में यह भी कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही विधि आयोग के अध्यक्ष से व्यक्तिगत रूप से मुलाक़ात करेंगे और स्थिति स्पष्ट करने का प्रयास करेंगे।

Written By: Vineet Attri

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By खबर इंडिया स्टाफ