Pariksha Pe Charcha: पीएम मोदी ने दिया बच्चों को दबाव झेलने का मूलमंत्र, मोबाइल से दूर रहने की बच्चों को दी सलाह

pariksha per charcha
Pariksha Pe Charcha:  प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली में ‘परीक्षा पर चर्चा’ 2023 के छठे संस्करण के दौरान छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के साथ बातचीत कर रहे हैं। पीएम मोदी ने तालकटोरा स्टेडियम में परीक्षा पे चर्चा के 6वें संस्करण से संबंधित प्रदर्शनी का भी निरीक्षण किया। 
पीएम मोदी आपको अक्सर खिलाड़ियों और बच्चों से संवाद करते हुए दिख जाएंगे। जब भी खिलाड़ी किसी भी मुकाबले को खेलने के लिए जाते है तब वो खिलाड़ियों से संवाद करते हुए और उनका उत्साहवर्धन करते नजर आते है। ऐसे ही आपको वो परिक्षा आने पर बच्चों से भी संवाद करते हुए नजर आते है। संवाद के दौरान वो बच्चों को बताते है कि परिक्षा के तनाव से कैसे दूर रहे? 
उसके लिए मोदी अपने जीवन के आधार पर प्राप्त किए गए मूल मंत्र से बच्चों को समझाते हुए कहते है कि जैसे आप परिक्षा के दौरान दबाव महसूस करते है। ठीक ऐसे ही हम भी अपने जीवन में दबाव महसूस करते है। और ऐसे ही दबावों से हमसब को सफलता पूर्वक निकलना होता है।
PM मोदी ने बच्चों के साथ संवाद करते हुए कहा कि ‘परीक्षा पर चर्चा’ मेरी भी परीक्षा है और देश के कोटि-कोटि विद्यार्थी मेरी परीक्षा ले रहे हैं… मुझे ये परीक्षा देने में आनंद आता है। परिवारों को अपने बच्चों से उम्मीदें होना स्वाभाविक है, लेकिन अगर यह सिर्फ सामाजिक स्थिति बनाए रखने के लिए है, तो यह खतरनाक हो जाता है।
Pariksha Pe Charcha: उन्होंने आगे कहा कि “सिर्फ परीक्षा के लिए नहीं वैसे भी जीवन में हमे समय के प्रबंधन के प्रति जागरूक रहना चाहिए। काम का ढेर इसलिए हो जाता है क्योंकि समय पर उसे नहीं किया। काम करने की कभी थकान नहीं होती, काम करने से संतोष होता है। काम ना करने से थकान होती है कि इतना काम बचा है।”
मोदी ने ये भी कहा कि “मेहनती बच्चों को चिंता रहती है कि मैं मेहनत करता हूं और कुछ लोग चोरी कर अपना काम कर लेते हैं। ये जो मूल्यों में बदलाव आया है ये सामज के लिए खतरनाक है। अब जिंगदी बदल चुकी है जगत बहुत बदल चुका है। आज हर कदम पर परीक्षा देनी पड़ती है। नकल से जिंदगी नहीं बन सकती है।”
Pariksha Pe Charcha: पीएम ने कहा कि “हम राजनीति में कितने ही चुनाव क्यों न जीत लें लेकिन ऐसा दवाब पैदा किया जाता है कि हमें हारना नहीं है। चारों तरफ से दबाव बनाया जाता है। क्या हमें इन दबावों से दबना चाहिए? अगर आप अपनी एक्टिविटी पर फोकस रहते हैं तो आप ऐसे संकट से बाहर आ जाएंगे। कभी भी दबावों के दबाव में न रहें।”
वहीं शिक्षी मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बच्चों के साथ संबोधन करते हुए कहा कि “परीक्षा पर चर्चा एक जन आंदोलन का रूप ले चुका है। बच्चों पर जो अभिभावक, शिक्षक और समाज का दवाब रहता है, उसको समझते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस दुविधा को स्वयं हमारे बीच समाधान देने के लिए उपस्थित हुए हैं।”
ये भी पढ़ें…
By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।