Parliament Monsoon Session: संसद में हंगामा, विपक्ष काला कपड़ा पहनकर पहुंचेंगे संसद, लोकसभा 2:00 बजे के लिए स्थगित

Parliament Monsoon Session

Parliament Monsoon Session: विपक्षी गठबंधन इंडिया नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A ) के घटक दलों के सभी सांसद मणिपुर मुद्दे को लेकर सरकार के विरोध में काले कपड़े पहनकर संसद में हंगामा करेंगे। विपक्षी सांसद की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा अब तक संसद में मणिपुर मुद्दे पर ध्यान नहीं देने के विरोध में इंडिया के घटक दलों के सभी सांसदों को काले कपड़े पहन कर संसद पहुंचने के लिए कहा गया है‌।

लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाई कांग्रेस

Parliament Monsoon Session: कांग्रेस ने मणिपुर मुद्दे को लेकर संसद में जारी गतिरोध के बीच अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की है। जिस पर सदन में चर्चा करने की मंजूरी दे दी है।

अविश्वास प्रस्ताव पर तय होगी चर्चा की तिथि

Parliament Monsoon Session: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सभी नेताओं के साथ विचार विमर्श करने के बाद अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करने की तिथि को तय करेंगे। वहीं कांग्रेस का मानना है कि अविश्वास प्रस्ताव पर गुरुवार से ही चर्चा शुरू हो जानी चाहिए। तो वहीं प्रमुख विपक्षी दल ने कहा कि यह प्रस्ताव विपक्षी गठबंधन इंडिया नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव अलायंस की ओर से सामूहिक तौर पर लाया गया है। विपक्षी दल यह चाहता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी जल्द से जल्द मणिपुर मुद्दे पर अपना राय दें।

केंद्र सरकार के खिलाफ लाया गया दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव

Parliament Monsoon Session: बीते 9 साल में यह दूसरी बार होगा। जब केंद्र की मोदी सरकार दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेगी। जुलाई 2018 में मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव पेश कर चुकी है। इस अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में 126 वोट पड़े थे। जबकि इसके खिलाफ 325 सांसदों ने वोट दिया था।

अविश्वास प्रस्ताव के बावजूद भी मोदी सरकार क्यों चुप है

Parliament Monsoon Session: इस बार का अविश्वास प्रस्ताव पहले से तय है। क्योंकि संख्या बल साफ तौर से भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में है। और निचले सदन में विपक्षी दलों की सदस्यों की संख्या 150 से कम है। लेकिन विपक्षी दलों का मानना है कि वह मणिपुर मुद्दे को लेकर केंद्र की सरकार को घेरने में सफल रहेंगे।

क्या है अविश्वास प्रस्ताव, चर्चा के लिए पर 50 सदस्यों का समर्थन होना अनिवार्य

Parliament Monsoon Session: अविश्वास प्रस्ताव पर कम से कम 50 संसद सदस्यों का समर्थन होना जरूरी है। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करने की तिथि तय करने के संदर्भ में 10 दिनों के भीतर फैसला करना होता है। सदन की जैसी मंजूरी मिलती है फिर मतदान होता है। अगर सत्तापक्ष इस प्रस्ताव पर वे मतदान में हार जाता है। तो प्रधानमंत्री समेत पूरे मंत्री परिषद को इस्तीफा देना होता है।

अविश्वास प्रस्ताव का इतिहास

Parliament Monsoon Session: भारतीय संसदीय के इतिहास में अविश्वास प्रस्ताव लाने का सिलसिला देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के समय से ही शुरू हो गया था। 1963 में पंडित जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ आचार्य कृपलानी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए थे। इस प्रस्ताव के पक्ष में केवल 62 वोट आए थे और विपक्ष में 347 मत आए थे। इसके बाद लाल बहादुर शास्त्री इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, पी.वी नरसिंह राव, अटल बिहारी वाजपेई, और डॉ मनमोहन सिंह समेत कई प्रधानमंत्रियों को अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ चुका है।

Written By: Juhi Pandit 

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By Keshav Malan

यह कलम दिल, दिमाग से नहीं सिर्फ भाव से लिखती है, इस 'भाव' का न कोई 'तोल' है न कोई 'मोल'