PM Modi: श्रीलंका के न्याय मंत्री राजपक्षे ने नागपुर में आयोजित शांति सम्मेलन के इतर कहा कि हमनें अपनी अधिकतर समस्याओं का समाधान प्रधानमंत्री मोदी नेतृत्व से भारत सरकार से मिले समर्थन से कर लिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी ने राजनितिक और आर्थिक संकट में देश के मदद के लिए मोदी सरकार की सराहना की और कहा की “श्रीलंका में जल्द ही समान्य स्थिति बहाल हो जाने की उम्मीद है साथ ये भी कहा की श्रीलंका सरकार जल्द ही सत्य और सुलह आयोग गठित करेगी, ताकि द्विपीय देश में सभी समुदायों की आपसी सहमति से लंबे समय से लंबित शांति को बहाल किया जा सके।”
मोदी सरकार की मदद से अधिकांश समस्याओ का हुआ हल
PM Modi: श्रीलंका के मंत्री विजयदासा राजपक्षे ने कहा कि श्रीलंका सरकार दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद तमिल लोगों और नेताओं से नियमित रूप से संवाद कर रही है। महाराष्ट्र के नागपुर शहर में आयोजित शांति सम्मलेन के मौके पर न्याय मंत्री राजपक्षे ने कहा की “हमने मोदी सरकार की मदद से अपनी अधिकांश समस्या निस्तारित कर ली है।”
PM Modi: श्रीलंका 30 साल तक गृहयुद्ध का ग्वाहा बना
PM Modi: दरअसल, श्रीलंका पिछले साल अभूतपूर्व आर्थिक संकट में घिर गया था। इसके बाद रानिल विक्रमसिंघे के नेतृत्व में सरकार बनी। राजपक्षे ने कहा कि “श्रीलंका ने 30 साल तक गृहयुद्ध का साक्षी रहा है जिसमें करीब 60 हजार लोगों की जान गई। मैंने युद्ध प्रभावित लोगों की मदद के लिए कई कदम उठाए हैं। हमने 2016 में प्रक्रिया शुरू की और लापता लोगों के लिए शांति स्थापना और सुलह के लिए कार्यालय खोला।”
अर्थवयवस्था बहाल करने पर काम जारी
PM Modi: राजपक्षे ने कोरोना महामारी के बाद आर्थिक संकट से निपटने के प्रयासों पर भी चर्चा की। 2022 में श्रीलंका एक अभूतपूर्व वित्तीय संकट की चपेट में आ गया था। इसमें श्रीलंका में राजनीतक उथल पुथल मच गयी। उन्होंने कहा कि “जब हमने सत्ता संभाली तो अर्थव्यवस्था बुरे दौर से गुजर रही थी महंगाई दर 97 प्रतिशत थी। हम बहुत मुश्किल दौर से गुजर रहे थे। जब सत्ता में आए तो हमारे पास 20 लाख अमेरिकी डॉलर भी नहीं थे और यह सच्चाई हमने जनता से साझा की।”
PM Modi: उन्होंने कहा कि “हम महंगाई दर 21 प्रतिशत तक लाने में सफल रहे। लोगों को अब बिजली कटौती और कोयले की कमी का सामना करना नहीं पड़ रहा है। आवश्यक वस्तुएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। हमारा विदेश मुद्रा भंडार 3.5 अरब अमेरिकी डॉलर है और इसके पांच अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।”
Written By: Didhiti Sharma
ये भी पढ़े…