उन्होंने ये भी कहा कि “मन बहलाने का कोई साधन नहीं होने के कारण लोग ज्यादा बच्चे पैदा कर रहे हैं। अजमल ने यह बात विशेषकर मुस्लिम परिवारों के संदर्भ में कही। एक न्यूज वेबसाइट से बातचीत के दौरान उन्होंने माना कि जनसंख्या विस्फोट आज के दौर की एक बड़ी समस्या है, लेकिन उन्होंने इसके पीछे ऐसा तर्क दे डाला जिसे सुनकर आपकी भी हंसी छूट जाएगी।”
जब उनसे पूछा गया कि बढ़ती आबादी की समस्या का समाधान क्या है?
इस सवाल का जबाव देते हुए अजमल ने कहा कि “उनके पास एंटरटेनमेंट के लिए क्या आपने दिया? टेलिवीजन उनके पास है? रहने के लिए तो घर नहीं है। हवा के लिए पंखा उनके पास नहीं है। करंट नहीं है, बिजली नहीं है। इंसान हैं वो भी। गरीब जब रात को उठेगा, मियां–बीबी हैं, दोनों जवान हैं। क्या करेंगे? बच्चे ही तो पैदा करेंगे और क्या करेंगे?”
उन्होंने ये ता मानते हुए कहा कि“पॉपुलेशन एक समस्या है। इससे कोई इनकार नहीं कर सकता है। सॉल्युशन यही है कि लोगों को तालीम दो, एजुकेट करो, पढ़ाओ। जब वो पढ़–लिख लेंगे तो अपने अच्छे–बुरे को खुद समझेंगे।“
वहीं AIUDF अध्यक्ष मौलाना बदरुद्दीन अजमल के बयान पर पलटवार करते हुए BJP विधायक दिगंत कलिता ने कहा कि “आप मुस्लिम हैं और हम लोग हिंदु हैं। क्या हमें आपसे सीखना पड़ेगा? ये भगवान राम और देवी सीता का देश है। यहां बांग्लादेशी लोगों का कोई स्थान नहीं है।अगर आपको ऐसा बयान देना है तो बांग्लादेश में जाकर दें।”
ऐसा नहीं है कि अजमल मुसलमानों में ज्यादा बच्चे पैदा करने की समस्या को लेकर बेतुके बयान देने वाले पहले मुस्लिम नेता हो। इससे पहले उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान भी इसी तरह के बेतुके बयान दे चुके हैं।
उन्होंने अप्रैल 2015 में मुसलमानों को लेकर कहा था, “हम गरीब हैं, इसलिए ज्यादा बच्चे पैदा करते हैं।” उन्होंने कहा, “हम गरीब है इसलिए कोई काम नहीं है। बीबी क्लब नहीं जा सकती, यारों की महफिल में नहीं जा सकती, उसकी दोस्तें नहीं होती। वो बीबी होती है और शौहर होता है, इसलिए खानदान भी बड़ा होता है।“
फिर फरवरी 2017 में इलाहाबाद की एक चुनावी रैली में भी आजम ने कुछ ऐसा ही कुर्तक दिया। उन्होंने कहा कि मुसलमान ज्यादा बेरोजगार हैं, इसलिए ज्यादा बच्चे भी पैदा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “मुस्लिम बेरोजगार हैं जिस वजह से वो ज्यादा बच्चे पैदा करते हैं। उनके पास कोई काम नहीं है।” उन्होंने कहा “अगर अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को काम मिले तो वो ऐसा नहीं करेंगे।“
#WATCH वो(हिंदु) 40 साल से पहले 2-3 गैरकानूनी तरीके से बीवियां रखते हैं। 40 साल के बाद बच्चा पैदा करने की क्षमता कहां रहती है…उनको मुसलमानों के फॉर्मूले को अपनाकर अपने बच्चों की 18-20 साल की उम्र में शादी करा देनी चाहिए: जनसंख्या वृद्धि पर मौलाना बदरुद्दीन अजमल, AIUDF अध्यक्ष pic.twitter.com/pPZQHttrrv
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 2, 2022
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