Supreme Court: इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज एक बार फिर एसबीआई को फटकार मारी है। एसबीआई द्वारा बिना यूनिक नंबरों के इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा पेश करने पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि एसबीआई को राजनीतिक दलों द्वारा प्राप्त चुनावी बॉन्ड की यूनिक अल्फा-न्यूमेरिक नंबर का खुलासा करना चाहिए था। अदालत ने इस योजना को रद्द करते हुए एसबीआई को पिछले 5 वर्षों में किए गए दान पर सभी डिटेल शेयर करने का निर्देश दिया था।
Supreme Court: चुनावी बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछे सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने SBI से मांगा जवाब है। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और प्रशांत भूषण ने कोर्ट में सवाल उठाया है। SBI की ओर से बॉन्ड का यूनिक नंबर जारी नहीं किया गया है। आपको बता दें कि कोर्ट में SBI की ओर से कोई मौजूद नहीं था। अब शीर्ष अदालत ने SBI से जवाब मांगा है। अब सोमवार को इस मामले की फिर से सुनवाई होगी।
चुनाव आयोग की ओर से दी गई सूची पर अगर नजर डालें तो सबसे ज्यादा इलेक्टोरल बॉन्ड जिन कंपनियों ने खरीदे हैं उनमें ग्रासिम इंडस्ट्रीज, मेघा इंजीनियरिंग, पीरामल एंटरप्राइजेज, टोरेंट पावर, भारती एयरटेल, डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स व वेदांता लिमिटेड, अपोलो टायर्स, लक्ष्मी मित्तल, एडलवाइस, पीवीआर, केवेंटर, सुला वाइन, वेलस्पन, सन फार्मा जैसी कंपनियों के नाम शामिल हैं।
SBI ने आदेश का पूरी तरह नहीं किया पालन
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस संजीव खन्ना, बीआर गवई, जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पांच-जजों की बेंच ने कहा कि एसबीआई ने 11 मार्च के कोर्ट के आदेश का पूरी तरह से पालन नहीं किया है, जिसमें बैंक को चुनावी बॉन्ड से संबंधित सभी जानकारी का खुलासा करने का आदेश दिया गया था। निर्वाचन आयोग ने कहा था कि आदेश में कहा गया था कि सुनवाई के दौरान सीलबंद लिफाफे में उसके द्वारा शीर्ष अदालत को सौंपे गए दस्तावेजों की प्रतियां निर्वाचन आयोग के कार्यालय में रखी जाएंगी। निर्वाचन आयोग ने कहा कि उसने दस्तावेजों की कोई प्रति नहीं रखी है।
Written By: Vineet Attri
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