Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार को दिया झटका कहा- “ED निदेशक का तीसरी बार कार्यकाल बढ़ाना अवैध”

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Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की मोदी सरकार को बड़ा झटका दिया है सुप्रीम कोर्ट ने ED चीफ संजय मिश्रा को तीसरा एक्सटेंशन देने के आदेश को रद्द कर दिया। हालांकि, वह 31 जुलाई 2023 तक इस पद पर बने रहेंगे उसके बाद नए डायरेक्टर की तलाश करनी ही होगी।

31 जुलाई तक पद पर बने रहेंगे संजय

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने कहा  “ED निदेशक संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल विस्तार अवैध है लेकिन वह 31 जुलाई 2023 तक इस पद पर बने रहेंगे ताकि सुचारू परिवर्तन और सत्ता हस्तांतरण सुनिश्चित किया जा सके क्योंकि आने वाले समय में एफएटीएफ की समीक्षा होनी है। जबकि मिश्रा का कार्यकाल 18 नवंबर को खत्म होना था यानि कि उनका रिटायर होना तया था लेकिन केंद्र सरकार ने उनको दो बार एक्सटेंशन दिया और अब भी मोदी सरकार तीसारी एक्सटेंशन देने वाली थी ।”

ईडी डायरेक्टर के एक्सटेंशन के खिलाफ याचिका दायर

Supreme Court: ईडी डायरेक्टर को लगातार मिल रहे एक्सटेंशन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर केंद्र का जवाब मांगा था इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2021 में आदेश को वापस लेने की केंद्र की अर्जी पर सवाल उठाया था।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता – मिश्रा कई गंभीर मामलों की कर रहे हैं जांच

Supreme Court: केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि “संजय मिश्रा किसी राज्य के DGP नहीं हैं, बल्कि वो एक ऐसे अधिकारी हैं, जो संयुक्त राष्ट्र में भी देश का प्रतिनिधित्व करते हैं। वह मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जांच की निगरानी कर रहे हैं। डॉयरेक्टर पद पर उनका बना रहना देशहित में जरूरी है। साथ ही FATF की समीक्षा हो रही है, ऐसे में कुछ दिशा-निर्देशों का पालन करना जरूरी है।”

Supreme Court: इससे पहले केंद्र सरकार ने एक लिखित जवाब में सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि ईडी प्रमुख के कार्यकाल विस्तार को चुनौती देने वाली याचिका मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप झेल रहे कांग्रेस नेताओं को बचाने की कोशिश है। जवाबी हलफनामे में केंद्र ने कहा कि “जनहित याचिका स्पष्ट रूप से प्रेरित है और माना जाता है कि इसका इरादा वैधानिक जांच को बाधित करना था।”

Supreme Court: बता दें कि संजय मिश्रा को पहली बार नवंबर 2018 में दो साल के लिए ईडी निदेशक नियुक्त किया गया। उनका कार्यकाल नवंबर 2020 में समाप्त हो गया। मई 2020 में वह सेवानिवृत्ति की आयु (60 वर्ष) में पहुंच चुके थे। इसी बीच 13 नवंबर, 2020 को केंद्र सरकार ने एक कार्यालय आदेश जारी करके कहा था कि राष्ट्रपति ने 2018 के आदेश को इस आशय से संशोधित किया था जिसके बाद ‘दो वर्षकी अवधि कोतीन वर्षकी अवधि में बदल दिया गया। इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।  सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2021 के फैसले में संशोधन को मंजूरी दे दी। लेकिन, ईडी निदेशक को और अधिक एक्सटेंशन देने के खिलाफ फैसला सुनाया।

Supreme Court: गौरतलब है कि साल 2021 में कोर्ट के फैसले के बाद मोदी सरकार केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) अधिनियम में संशोधन करते हुए एक अध्यादेश लेकर आई थी, जिससे ईडी निदेशक के कार्यकाल को पांच साल बढ़ाने की शक्ति मिल गई। इस संबंध में संसद द्वारा एक कानून पारित किया गया था, जिसमें ईडी निदेशक के कार्यकाल को एक बार में एक वर्ष के लिए बढ़ाने की अनुमति दी गई थी, जो अधिकतम 5 वर्षों तक था।

Written By- Vineet Attri.

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।