UCC: शादी, तलाक और वसीयत पर कुछ ऐसी है राय,अधिकांश मुस्लिम महिलाएं निकाह, तलाक, विरासत पर समान कानूनों के पक्ष में

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UCC: 2024 लोकसभा चुनाव से पहले भारत में समान नागरिक संहिता का मुद्दा काफी जोर पकड़ चुका है। सरकार इस विधेयक को लाने की अपनी मंशा पहली ही साफ कर चुकी है। लेकिन UCC को लेकर मुस्लिम पक्ष की तरफ से विरोध देखने को मिल रहा है। हालांकि, News18 नेटवर्क की तरफ से किए गए एक सर्व में पाया गया है कि कम से कम 78.7% मुस्लिम महिलाएं  चाहती हैं कि पुरुषों और महिलाओं के लिए शादी की कानूनी उम्र 21 साल होनी चाहिए।

सर्वे में शामिल अधिकांश मुस्लिम महिलाये

UCC: UCC का जिक्र किए बिना, News18 के 884 पत्रकारों ने UCC के तहत आने वाले विषयों पर देश के 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 8,035 मुस्लिम महिलाओं का इंटरव्यू लिया। सर्वे में भाग लेने वालों में 18- 65 से  ज्यादा उम्र की मुस्लिम महिलाएं थीं। जो अलग-अलग इलाकों, समुदायों, शैक्षिक और वैवाहिक स्थिति और अनपढ़ से लेकर ग्रेजुएट तक थीं। जानकारी के अनुसार जब इस सर्वे में मुस्लिम महिलाओं से पूछा गया कि क्या वे भारत में सभी नागरिकों के लिए समान कानूनों का समर्थन करती हैं, तो आश्चर्यजनक रूप से सर्वे में शमिल हुई 100 फीसदी महिलाओं में से 67.2 फीसदी महिलाओं ने इसका जवाब ‘हां’ में दिया।वहीं 25.4 फीसदी महिलाओं ने समान कानून के सवाल को खारिज करते हुए, जवाब ‘नहीं’ में दिया। जबकि सर्वे में शामिल 7.4 फीसदी ऐसी भी मुस्लिम महिलाएं थीं, जिन्होंने इस सवाल के जवाब में कहा, ‘पता नहीं या कह नहीं सकती।’

मुस्लिम संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई

UCC: दरअसल UCC का मतलब एक कानून है। जो विवाह, तलाक, विरासत, गोद लेने, रखरखाव जैसे मामलों में सभी धार्मिक समुदायों पर लागू होगा। मुस्लिम संगठनों ने केंद्र की हालिया घोषणा पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई कि विधि आयोग नए सिरे से UCC पर परामर्श करेगा, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने कहा कि “बहुसंख्यकवादी नैतिकता” के नाम पर अल्पसंख्यक समुदायों की धार्मिक स्वतंत्रता और अधिकारों को खत्म नहीं करना चाहिए।

उत्तराखंड में जल्द लागू होगा यूसीसी

UCC:मालूम हो कि इस समय देशभर में यूसीसी को लेकर बहस चल रही है। यदि यूसीसी कानून की शक्ल लेता है तो इसका सीधा अर्थ होगा कि भारतीय नागरिकों पर उनके धर्म की परवाह किए बिना एक समान कानून लागू होगा। इस कानून के दायरे में विवाह, तलाक, गोद लेने और विरासत जैसे व्यक्तिगत मामलों शामिल होंगे।

UCC: जबकि एआईएमपीएलबी पूरे समुदाय के लिए बोलने का दावा करता है, न्यूज़ 18 नेटवर्क ने यह जांचने का फैसला किया कि क्या उसके विचार वास्तव में व्यापक समुदाय, विशेष रूप से महिलाओं द्वारा साझा किए गए थे, जो यथास्थिति जारी रहने पर सबसे अधिक प्रभावित होंगी।उत्तराखंड सरकार ने कहा कि शादी के लिए लड़कियों की उम्र और लिव-इन रिलेशनशिप की शर्तों सहित अन्य प्रावधानों के साथ उसका मसौदा तैयार है और इसे जल्द ही लागू किया जाएगा।

Written By: Poline Barnard

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By Keshav Malan

यह कलम दिल, दिमाग से नहीं सिर्फ भाव से लिखती है, इस 'भाव' का न कोई 'तोल' है न कोई 'मोल'