Uniform Civil Code: यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) को लेकर देश में सियासी बवाल मचा हुआ है। संभावना ये भी जताई जा रही है कि 20 जुलाई से शुरू होने जा रहे संसद के मानसून सत्र में यूसीसी बिल पेश किया जा सकता है। केंद्र सरकार की तरफ से संकते मिले है कि 5 अगस्त को संसद के पटल पर यूसीसी बिल को रखा जा सकता है। वहीं धामी बोले उत्तराखंड में यूजीसी लागू होता है, तो यह देश के सामने उदाहरण बनकर उभरेगा और साथ ही उन्होंने कहा कि यूजीसी का ड्राफ्ट तैयार हो गया। समिति सरकार को ड्राफ्ट 15 जुलाई तक सौंप सकती है।
पुष्कर सिंह धामी: जरूरत पड़ने पर विधानसभा सत्र बुलाया
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि “जरूरत पड़ने पर विधानसभा सत्र बुलाया जाएगा और यह सत्र विशेष तौर पर यूसीसी पर आधारित होगा। बीते दिनों पुष्कर सिंह धामी ने कहा था यूसीसी का मसौदा जिस समिति को तैयार करने के लिए दिया गया था जिसे राज्य में लागू करना था। उसने समाज के सभी तबकों से संवाद किया है। पिछले एक साल में राज्य के करीब दो लाख से ज्यादा लोगों और प्रमुख हितधारकों के साथ इस समिति की बात हुई है।”
सीएम पुष्कर धामी ने कहा कि “बीते 30 जून को यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार कर रही समिति को अपना अंतिम मसौदा सौंपना था। पुष्कर सिंह धामी का दावा है कि यदि सही समय पर उत्तराखंड में यूसीसी लागू होता है। तो पूरे देश के सामने एक उदाहरण बन कर उभरेगा। आपको बता दें कि उत्तराखंड सरकार ने यूसीसी को लागू करने की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली है। हमारे संविधान के अनुच्छेद 44 में कहा गया है कि कानून सभी के लिए समान होना चाहिए।”
पुष्कर सिंह धामी: जनता यूसीसी का करती है समर्थन
पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि राज्य की जनता ने यूसीसी का समर्थन किया है और उसके लिए रास्ता दिखाया है। यह हमारे लिए गर्व की बात है। जिसमें यूसीसी को सम्मान, उन विचारों और सिद्धांतों के साथ लागू करने का अवसर मिला है। जिन पर संविधान की स्थापना हुई है।
#WATCH | On Uniform Civil Code (UCC), Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami says, "As soon as the Committee gives us a report after compiling everything, we will take the process forward and try to implement it at the earliest." pic.twitter.com/lpVB4mUiyx
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 8, 2023
क्या है यूनियन सिविल कोड?
Uniform Civil Code: आपको बता दें कि यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का मतलब एक देश, एक कानून यानी देश में रहने वाले सभी नागरिकों (हर धर्म, जाति, लिंग के लोग) के लिए एक कानून होना। अगर सिविल कोड लागू होता है तो विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेना और संपत्ति के बंटवारे जैसे तमाम विषयों में नागरिकों के लिए एक से कानून होंगे…
आपको बता दें कि केंद्र सरकार कि विधि आयोग ने 14 जून को उस प्रस्ताव के बारे में 30 दिनों के भीतर लोगों के साथ ही विभिन्न मान्यता प्राप्त धार्मिक संसथाओं से इस कानून पर राय मांगी गई है। वहीं इस मुद्दे को हवा जब लगी तब 27 जून को, पीएम मोदी ने भोपाल में यूसीसी के बारे में बात करते हुए कहा कि देश दो कानूनों पर नहीं चल सकता है और समान नागरिक संहिता संविधान का हिस्सा है। भाजपा के 2019 के लोकसभा चुनाव घोषणापत्र में, पार्टी ने सत्ता में आने पर यूसीसी को लागू करने का वादा किया था।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले भोपाल के एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पसमांदा मुसलमानों के बारे में और समान नागरिक संहिता पर वकालत की थी। साथ में तीन तलाक का समर्थन करने वालों पर निशाना साधा था। बोले अगर यह इस्लाम उतना ही महत्वपूर्ण था। तो पाकिस्तान इंडोनेशिया, कतर, जॉर्डन, बंगाल, सीरिया जैसे देशों में क्यों नहीं है। उन्होंने मिस्र का जिक्र करते हुए कहा। मिस्र जैसे देश ने 80 से 90 साल पहले ही इस प्रथा को खत्म कर दिया था। लेकिन कुछ लोग तीन तलाक के फंदे के माध्यम से हर समय मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ भेदभाव करने का लाइसेंस चाहते हैं।
Written By- Juhi Pandit.
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