Rajasthan: जयपुर के इस मंदिर में ड्रेस कोड लागू, मिनी स्कर्ट और कटी-फटी जींस में नहीं मिलेगी एंट्री, गेट पर लगाया नोटिस

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Rajasthan: देशभर में मंदिरों में ड्रेस कोड लागू करने का सिलसिला लगातार जारी है। उदयपुर के 400 साल पुराने जगदीश मंदिर में ड्रेस कोड लागू करने को लेकर हुए विवाद के बीच अब राजधानी जयपुर के झारखंड महादेव मंदिर  में छोटे कपड़ों पर बैन लगाया गया है। हाफ पैंट, बरमूडा, मिनी स्कर्ट, नाईट सूट, कटी-फटी जींस, फ्रॉक आदि कपड़े पहनकर आने पर झारखंड महादेव मंदिर श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। श्रद्धालुओं को जानकारी देने के लिए मंदिर के मुख्य गेट पर एक पोस्टर भी लगाया गया है, जिसमें साफ-साफ लिखा गया है कि मंदिर में आने वाले भक्त मर्यादित कपड़े पहनकर ही आएं।  

अभी केवल आग्रह, आने वाले दिनों में लागू होगा ड्रेस कोड

Rajasthan: झारखंड महादेव मंदिर कमेटी के अध्यक्ष जयप्रकाश सोमानी ने बताया कि अभी श्रद्धालुओं से ड्रेस कोड में आने का आग्रह किया जा रहा है। लेकिन, आने वाले समय में पारंपरिक ड्रेस कोड लागू किया जाएगा और छोटे वस्त्र पहनकर आने पर मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिंदू संस्कृति का पालन और जागरूकता के लिए कुछ श्रद्धालुओं के आग्रह पर मंदिर में ड्रेस कोड लागू करने का फैसला लिया गया है।सोमानी ने कहा कि देशभर के कई मंदिरों में पहले ही ड्रेस कोड लागू किया जा चुका है। ऐसे में अब झारखंड महादेव मंदिर में छोटे कपड़े पहनकर आने वाले श्रद्धालुओं पर रोक लगाई जाएगी। क्योंकि छोटे कपड़ों से लोगों का ध्यान भंग होता है।

पहल की भक्त ने की सरहाना

Rajasthan: एक भक्त ने कहा कि यह एक अच्छी पहल है। कपड़े व्यक्ति अपनी व्यक्तिगत पसंद के अनुरूप पहनता है लेकिन जब आप मंदिर में आ रहे हैं तो आपके पूर्वज जो कपड़े पहनकर मंदिर आते थे आपको भी वही पहनना चाहिए।बता दें, इसके पहले उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित वृंदावन मंदिर में भी भक्तों के लिए ड्रेस कोड पेश किया गया है। जिसके बाद यह पहल अब राजस्थान के जयपुर जिले में स्थित झारखंड महादेव मंदिर में भी ये पहल की गई।

सनातन को तोड़ने की नई चाल- प्रदीप मिश्रा

Rajasthan: कथा वाचक प्रदीप मिश्रा ने कहा कि पूरे भारत में सनातन धर्म आगे बढ़ रहा है। नवयुवक बच्चे मंदिर जाना शुरू कर दिए हैं। इनको रोकने के लिए कुछ विधर्मियो ने एक नई चाल चलना शुरू कर दिया है। उन्हें रोकने का प्रयास किया जा रहा है। भगवान भोलेनाथ कपड़े से खुश नहीं होते। भगवान ना वस्त्र देखते हैं न दौलत।

बात परंपरिक वस्त्रों की हो रही

Rajasthan: संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चन्द्रशेखर तिवारी ने पंडित प्रदीप मिश्रा के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि मंदिरों में पारंपरिक वस्त्र पहनकर आने की पूरे प्रदेश में यह मुहिम शुरू की गई है। जींस पहनकर आइए लेकिन जींस फुल होनी चाहिए। कटी-फटी नहीं होनी चाहिए. बरमुडा नहीं होना चाहिए। ऐसे वस्त्र नहीं होना चाहिए जिसमें कि आपके शरीर के अंतरंग भाग नजर आ रहे हों। वस्त्र पारंपरिक होना चाहिए। कई मंदिरों में महिलाएं स्नान करके नाइट सूट पहन के आ गईं। यह कोई फैशन शो का स्थान नहीं यह पर्यटन स्थल नहीं, यह धर्म स्थल है। धर्म स्थल में व्यक्ति को पारंपरिक वस्त्र में प्रवेश करना चाहिए।

Written By: Poline Barnard

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By Keshav Malan

यह कलम दिल, दिमाग से नहीं सिर्फ भाव से लिखती है, इस 'भाव' का न कोई 'तोल' है न कोई 'मोल'