Aligarh: सड़क के गहरे गड्ढ़ों ने एक महीने में ले लीं 3 जानें, गहरी नींद में विभागीय अधिकारी

जर्जर जट्टारी मार्ग

Aligarh: राष्ट्रीय राजमार्ग अलीगढ़-पलवल रोड़ पर आने वाले कस्बा जट्टारी में हो रहे गहरे गड्ढ़ों ने पिछले 1 महीने में 3 जानें ले ली हैं। परिजनों की उठ रही चीख-पुकार से भी विभागीय अधिकारियों की नींद टूटने का नाम नहीं ले रही है। जनप्रतिनिधि शादी-पार्टियों में व्यस्त हैं, क्योंकि अभी चुनाव नजदीक नहीं हैं। क्षेत्रीय जनता मूकदर्शक बनी हुई है और कस्बा के व्यापारी और व्यापार मंडल अपने व्यापार में मस्त है तो वहीं टप्पल क्षेत्र में सबसे ज्यादा सड़कों पर उतरने वाले तमाम किसान संगठन बिस्तर में लेटे हुए हैं। आखिर आये दिन होने वाली इन मौतों का जिम्मेदार कौन है?

सांसद ने भारी वाहनों की एंट्री पर समय सीमा की थी घोषणा

बीते वर्ष दिसंबर में अलीगढ़ सांसद सतीश गौतम ने जट्टारी में एक बैठक बुलाई थी। जिसमें भारी वाहनों की एंट्री को लेकर समय सीमा तय की थी और सड़क के गहरे गड्ढ़ों को भरने के लिए भी साढ़े छ: करोड़ रुपये पास होने की बात कही थी। सांसद के वादों पर धूल इस कदर जमी न भारी वाहनों पर लगाम लगी और न ही गड्ढ़े भरे गये। खामियाजा पिछले 1 महीने में 3 जानें चली गईं। किसी भी बहन चली गई तो किसी की प्रेमिका चली गई। तो वहीं किसी का स्वाहाग उजड़ गया।

अधिकारियों का खबर इंडिया से वादा 7 दिनों में हो जायेगा कार्य शुरू

Aligarh: राष्ट्रीय राजमार्ग के अंतर्गत आने वाले कस्बा जट्टारी की जर्जर सड़क से संबंधित विभागीय अधिकारी जीआर इंजीनियर शशी बाला सिंह ने खबर इंडिया से वादा किया है, कि सड़क की स्थिति बेहद दयनीय व खतरनाक है अगले 7 दिनों में कार्य शुरू हो जायेगा। आपको बता दें, कि सड़क के गहरे गड्ढ़ों को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों में भारी रोष है।

ट्वीटर पर एक यूजर ने लिखा है, कि हमारे जनप्रतिनिधि सड़क में गहरे गड्ढों की वजह से जान गंवाने वाले युवाओं की मौत पर चुप्पी साध लेते हैं, विभागीय अधिकारी अंधे बन जाते हैं और व्यापारी व क्षेत्रीय जनता मूकदर्शक. आखिर क्यों और कब तक?

लेखक- रोहित अत्री

 

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By Susheel Chaudhary

मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।