Kanpur News: प्रशासन की एक गलती ने झुका दिया योगी के बुलडोजर का सिर

अग्निकांड के बाद मौके पर मौजूद भीड़

Kanpur News: मानवता शर्मसार कुछ इस कदर हुई, कि मां और बेटी आग में जलती रहीं और योगी का बुलडोजर झोंपड़ी पर गड़गड़ाता रहा। लेकिन उन दोनों को बचाने के लिए प्रशासन का कोई भी नुमाइंदे सहायता के लिए आगे नहीं आया और मां-बेटी के कत्ल का गुनाहगार योगी के बुलडोजर को बना दिया। हालांकि, योगी का ये बुलडोजर गरीबों को हक दिलाने और उपद्रवियों को सही रास्ता दिखाने के लिए मशहूर था। लेकिन कानपुर में प्रशासन द्वारा की गई एक गलती ने योगी के बुलडोजर का सिर झुका दिया।

मामला उत्तर प्रदेश के जिला कानपुर देहात के गांव मड़ौली का है। जहां झोंपड़ी में जलकर मां-बेटी की मौत हो गई। मामले में अब तक एसडीएम, लेखपाल, थाना प्रभारी समेत 42 लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज हो चुका है। कांड की सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो ने ये साफ कर दिया, कि आग लगने के बाद योगी के बुलडोजर ने झोपड़ी को गिरा दिया। जिससे और आग भड़क गई। अगर प्रशासन द्वारा बुलडोजर चलाकर झोंपड़ी न गिराई जाती और दरवाजा तोड़कर मां-बेटी को बाहर निकाल लिया जाता तो, संभवत: उन दोनों की जान बच जाती।

मड़ौली अग्निकांड को विस्तार से जानिए

घटना 13 फरवरी की शाम गांव मड़ौली की है। जहां पुलिस जिला प्रशासन और राजस्व अधिकारी सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने गए थे। यहां पर पीड़ित कृष्ण गोपाल दीक्षित की झोपड़ी को हटना चाहा। पति कृष्ण गोपाल का आरोप है, कि प्रशासन ने बिना किसी को बताए वहां पर शिवलिंग व नल को तोड़ दिया। इतने में पत्नी प्रमिला व बेटी नेहा अपनी झोपड़ी में चली गईं और दरवाजा बंद कर लिया।

Kanpur News: प्रशासन भी झोपड़ी को तोड़ने में लगा रहा। इतने में झोपड़ी में आग लगने से मां बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गई थी। आग लगने के बाद परिजनों ने शव को उठाने से मना कर दिया। 24 घंटे बाद मंगलवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से बात करने के बाद परिजन पोस्टमार्टम कराने के लिए माने।

जमीनी विवाद ने ले ली मां-बेटी की जान

जानकारी के मुताबिक गांव मड़ौली निवासी गेदनलाल ने गांव के ही कृष्ण गोपाल दीक्षित, अंश दीक्षित, शिवम आदि के खिलाफ आबादी की जमीन पर कब्जा कर मकान बनाने की शिकायत की थी। इस पर 13 जनवरी 2023 को उपजिलाधिकारी मैथा के निर्देश पर राजस्व निरीक्षक नंद किशोर, लेखपाल अशोक सिंह चौहान ने जेसीबी से मकान ढहा दिया था।

पीड़ित कृष्ण गोपाल व उनके पुत्र शिवम ने परिजनों के साथ लोडर से बकरियां आदि लेकर माती मुख्यालय में धरना देकर आवास मुहैया कराए जाने की मांग की लेकिन एसडीएम मैथा व एडीएम प्रशासन केशव गुप्ता ने उनको माफिया बता दिया। मकान भी ध्वस्त कराने की चेतावनी दी थी।

Kanpur News: इसके बाद 14 जनवरी को तहसीलदार अकबरपुर रणविजय सिंह ने कृष्ण गोपाल, प्रमिला, शिवम, अंश, नेहा शालिनी व विहिप नेता आदित्य शुक्ला तथा गौरव शुक्ला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। मौजूदा समय में वह लोग फूस का छप्पर रखकर वहां पर रह रहे थे। उसे ही हटाने के लिए प्रशासनिक अफसरों की टीम पुलिस बल के साथ पहुंची थी। जिसमें मां-बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गई।

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By Susheel Chaudhary

मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।