Kanpur News: योगी का बुलडोजर माफिया, उपद्रवी और तानाशाहों की छाती पर चलने के लिए जाना जाता है। या फिर यूं कहें कि गरीबों को परेशान करने वालों की छाती पर खड़े होकर योगी का बुलडोजर दहाड़ने में मशहूर है। लेकिन यहां तो साहब उलट हो गया। एक ब्राह्मण परिवार झोंपड़ी में जलता रहा और योगी के प्रशासनिक अधिकारी उसी झोंपड़ी को बुलडोजर से ढ़हाते रहे।
लेकिन जलते परिवार को बचाने के लिए किसी भी अधिकारी का दिल नहीं पसीजा। क्या अब योगी का बुलडोजर उन लोगों के आशियानों पर चलेगा जो इस ब्राह्मण परिवार में हुईं 2 मौतों का जिम्मेदार होगा?
एसडीएम साहब कह रहे थे कोई बच न पाए- बेटा
बेटे शिवम ने रोते हुए कहा, कि एसडीएम, एसओ, लेखपाल सभी ने मिलकर मेरे घर में आग लगा दी। मैं और पिता बाहर नहीं निकलते तो हम भी मारे जाते। झोपड़ी के बाहर मंदिर व नल को भी तोड़ दिया। इसके पहले भी डीएम के यहां पर गए थे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई थी।
Kanpur News: एसडीएम, लेखपाल, जिलाधिकारी ने साजिश के चलते घर में आग लगाकर सब कुछ राख कर दिया। मम्मी और बिट्टी (बहन) अंदर ही रह गए। हम अंदर गए, लेकिन उनको बचा नहीं पाए। आग लगाने के बाद ये सभी लोग भाग गए। एसडीएम कह रहे थे, कि कोई बच न पाए।
अफसरों ने फूंक दिया आशियाना- पति
मृतका प्रमिला के पति कृष्ण गोपाल दीक्षित ने कहा, कि बुलडोजर लेकर एसडीएम और तहसीलदार आए थे। इनके साथ अशोक दीक्षित, अनिल दीक्षित, पुतनिया और गांव के कई लोग और भी थे। ये लोग अधिकारियों से बोले कि आग लगा दो….तो अफसरों ने आग लगा दी।
Kanpur News: हम लोग (बेटा और मैं) तो किसी तरह झोपड़ी से बाहर निकले, लेकिन मां-बेटी अंदर रह गई और जलकर उनकी मौत हो गई। हम लोगों को जलता हुआ छोड़कर ही अफसर लोग भाग गए। किसी ने किसी तरह की कोई मदद नहीं की।
तहरीर के मुताबिक क्या है पूरा मामला?
बेटे शिवम दीक्षित के द्वारा दी गई तहरीर के मुताबिक, 13 फरवरी को 3 बजे के बीच एसडीएम मैथा जानेश्वर प्रसाद, कानूनगो, लेखपाल अशोक सिंह, रुरा एसएचओ दिनेश कुमार गौतम अपने 12 से 15 पुरुष महिला सिपाहियों के साथ घर पर आए। मैं, मेरे माता-पिता और बहन झोपड़ी में आराम कर रहे थे। झोपड़ी के अन्दर 22 बकरियां भी थीं। दीपक जेसीबी ड्राइवर ने झोपड़ी को गिरा दिया। अशोक सिंह लेखपाल द्वारा आग लगा दी गई।
Kanpur News: एसडीएम मैथा द्वारा कहा गया, कि आग लगा दो झोपड़ी में कोई बचने न पाए और झोपड़ी को आग के हवाले कर दिया। किसी तरह से मैं झोपड़ी के बाहर व अन्दर लगी आग से खुद को बचाकर बाहर निकला तो एसएचओ दिनेश गौतम व अन्य 12 से 15 पुलिस कर्मियों ने पीटा। मुझे आग में फेंकने की कोशिश की गई। मेरे पिता भी आधे झुलस गए। मां प्रमिला दीक्षित और बहन नेहा दीक्षित आग से जलकर राख हो गई।
अधिकारियों के बोल..
डीएम नेहा जैन ने सफाई दी है, कि अतिक्रमण हटाने के लिए टीम पुलिस के साथ मौके पर पहुंची थी। महिलाएं आईं और रोकने का प्रयास किया। लेखपाल पर हसिया से जानलेवा अटैक भी किया। इसके बाद घर के अंदर जाकर मां-बेटी ने आग लगा ली। एसओ रूरा का हाथ भी मां-बेटी को बचाने में जल गया। मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की गई। अगर किसी अफसर की लापरवाही सामने आई तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
Kanpur News: कानपुर देहात के SP बीबीजीटीएस मूर्ति ने कहा, कि एसडीएम व अन्य कर्मचारी अवैध कब्जा हटाने गए थे। इस दौरान कुछ लोग विरोध कर रहे थे। महिला और उनकी बेटी भी प्रदर्शन में शामिल थीं। विरोध करते-करते उन दोनों ने खुद को झोपड़ी के अंदर बंद कर लिया। थोड़ी देर के बाद झोपड़ी के अंदर आग लग गई। इसमें महिला और उनकी बेटी की मौत हो गई है। आग लगने का कारण का पता लगाया जा रहा है।
राज्यमंत्री क्या बोलीं?
योगी सरकार में राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला देर रात घटनास्थल पर पहुंची। उन्होंने परिवार के साथ संवेदना व्यक्त करते हुए भावुक हो गईं और कहा, कि मेरे पास महिला कल्याण विभाग के होने का क्या फायदा, जब एक मां और एक बेटी हम नहीं बचा पा रहे हैं।
Kanpur News: उन्होंने कहा कि घटना बेहद दुखद है। जितना कष्ट इस परिवार को हो रहा है, उतना ही दुख मुझे भी हो रहा है कि मैं इस क्षेत्र की विधायक हूं और यहां पर ऐसी घटना हो रही है। महिलाओं के साथ अत्याचार ऐसे में मेरा महिला कल्याण विभाग में होना बेकार है। जब हम अपनी बेटी व एक मां को ही नहीं बचा पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले घर से बाहर निकालते फिर घर गिराया जाता। जमीन तो यूं ही पड़ी है, आगे भी पड़ी रहेगी, कोई कहीं नहीं ले जा रहा है।
दबंग की शिकायत पर अतिक्रमण हटाने आये थे अफसर- ग्रामीण
ग्रामीणों ने बताया, कि गांव में गौरव दीक्षित नाम का दबंग है। 10 दिन पहले उसने पूरी साजिश रची। इसके साथ, गांव के कुछ लोग हैं। प्रशासन, लेखपाल और एसओ भी मिले हुए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि डीएम अपने कर्मचारियों को बचा रहे हैं। इस पूरे मामले में प्रशासन दोषी है। अफसरों ने पैसा लिया है। वह जबरदस्ती अतिक्रमण हटाने पर अड़े हुए थे।
Kanpur News: आपको बता दें, कि परिवार के लोगों ने सरकार से मांग की है कि दोषियों को फांसी दी जाए। साथ ही पांच-पांच बीघा और पांच करोड़ रुपए दिया जाए। वहीं बेटे को सरकारी नौकरी दी जाए। घर में अब बेटा, बहू और पिता बचे हैं।