Agniveer: उत्तर प्रदेश के जिला अलीगढ़ का दीपू इन दिनों नोएडा में रहकर 4 वर्ष से सेना में भर्ती होने की तैयारी कर रहा था। 30 जनवरी को अग्निवीर के आये रिजल्ट में उसका न. नहीं आ सका। जिसकी वजह से वह चिंता में चल रहा था। इसी वजह से युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। लेकिन दीपू द्वारा छोड़े गये 3 पेज के सुसाइड नोट ने हर किसी को भावुक कर दिया। नोट का शीर्षक था, ‘सेना में जाना ही था सपना’।
दीपू ने लिखा, कि भाई में फौजी नहीं बन पाया तुम जरूर बनना। तुम बूढ़े माता-पिता का ख्याल रखना। मैं इस जन्म में नहीं अगले जन्म में फौजी बनकर दिखाउंगा। मैंने आर्मी को अपनी जिंदगी माना था। जब वो नहीं मिली तो ये जिंदगी किस काम की।
सुसाइड नोट के पन्ने और असीमित आंसू
पेज न.1- वैसे तो मैंने कभी हार नहीं पर कहते हैं ना कि इंसान गलत काम अपनी खुशी से नहीं कर कुछ मजबुरियां उसे गलत काम करने पर मजबूर कर देती है। मम्मी मैं बहुत दिनों से सो नहीं पा रहा था। रात को नींद नहीं आती। जब से आर्मी का टेस्ट दिया था। उस दिन से इसी बात का डर था नंबर आएगा या नहीं आएगा पाना और तुम कितनी उम्मीदे लेकर थे। मै तुम्हारे लिए कुछ नहीं कर पाया। लेकिन तुम उदास मत होना। इस जन्म में न अगले जन्म में फौजी बनकर जरूर दिखाउंगा।’
Agniveer: मैने आर्मी को अपनी जिंदगी माना था। जब वो मिली नहीं तो ये जिंदगी किसा काम की। मेरे बहुत समने थे क्या क्या सोचा था मैने लेकिन मेरी मेहनत का मुझे कोई फल नहीं मिला। अमन को अच्छे से रखना प्रियंका की शादी अच्छे से करना मैं ऊपर जाकर सब देखूंगा। रोहित माफ करना मेरे दोस्त जिंदगी भर का साथ निभाने का वादा किया। लेकिन तुझे अकेला छोड़ कर जा रहा। मेरे अमन का ध्यान रखना।
पेज न.2- मम्मी मेरी एक फोटो लगाना घर में और मेरे सारे सर्टिफिकेट ट्रॉफी उन फोटो के साथ लगाना। इस जन्म न सही अगले जन्म में फौजी बनकर दिखाउंगा। बड़ी मम्मी बडे पापा तुम्हारी याद आएगी। मुझे मै क्या करू मुझे नींद नहीं आती है मै सोना चाहता हूं जी भर के।
रोहित , आमिर, संदीप, वीरेश, अभिषेक, श्यामू, हिमांशु ,विशाल तुम सब लोग से बहुत प्यार मिला। मुझे माफ कर अंदर से जीने की उम्मीद खत्म हो गई अब नहीं जिया जाता। बस याद रखना तुम्हे जब भी मेरी याद आए करे रात के आसमान की तरफ देख लिया करना। एक तारा बनकर नजर आया करुंगा। और रोना नहीं बिल्कुल भी । प्रियंका बेटा ध्यान रखना मम्मी पापा का।
Agniveer: मैंने चार साल खूब मेहनत की लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ। अपने मां- पापा का नाम रोशन नहीं कर सका। मै अपने कान्हा जी के पास जा रहा हूं। वो मुझे बुला रहे है। पापा तुम ज्यादा काम मत करना तुम बहुत काम करते हो मुझे पता है। मै वापस आउंगा जरूर, और अमन सुन ये प्यार-व्यार के चक्कर कभी मत पड़ना सब कबवास है। बस अपने टारगेट पर ध्यान रखना देना कि मुझे कुछ करना है कुछ बनाना है।
रोहित मैं चलता हूं यार, एक तारा बनकर नजर आया करुंगा
सुसाइड नोट में दीपू ने ये भी लिखा, कि याद आ रही है तेरी बहुत तू दोस्त बना लेना कोई अपना ठीक है। मुकुल भैया मुझे माफ करना मै आपसे दो साल से नहीं बोला। तुम्हारा कोई कसूर नहीं था जो किस्मत लिखा है वहीं मिलता है। और अब क्या लिखू जिता लिखूंगा उतना कम है ठीक है चलता हूं।
Agniveer: आपको बता दें, कि मृतक का नाम दीपू था। वह अलीगढ़ का रहने वाला था। वह अपने छोटे भाई अमन व बुआ के लड़के अंशु के साथ बरौला गांव में किराए पर रह रहा था। दीपू व अपने भाई के साथ यहां फौज में भर्ती होने की तैयारी कर रहा था। सोमवार को दीपू का भाई अमन व अंशु बाहर गए हुए थे। इस दौरान दीपू ने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। शाम के समय जब अमन व अंशु कमरे पर पहुंचे तो उन्हें दीपू फांसी के फंदे पर लटका मिला।