Aligarh: प्राथमिक स्कूल में 17 बच्चों को पढ़ाने के लिए तीन शिक्षक, पांच प्रशिक्षु और भोजन बनाने के लिए एक रसोईया, वह भी समय से नहीं पहुंचते

टप्पल क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालयों के हालात कुछ ऐसे

Aligarh: केंद्र व राज्य सरकारें लगातार प्राथमिक विद्यालयों के सौंदर्यीकरण व शिक्षा व्यवस्थाओं को लेकर आये दिन प्रयासरत हैं, लेकिन सरकारों के उन प्रयासों को शिक्षकों के साथ शिक्षा विभाग के अधिकारी पलीता लगाने में लगे हैं। इस बात का खुलासा तब हुआ कि जब खबर इंडिया की टीम दिल्ली से करीब 100 किमी. दूर उत्तर प्रदेश के जिला अलीगढ़ के ब्लॉक टप्पल में पहुंची। यहां जब हमने सिलसिलेवार तरीखे से कुछ प्राथमिक विद्यालयों का भ्रमण किया तो वहां की तस्वीरें और शिक्षा व्यवस्था का हाल हमें चौंकाने वाला और सरकारों को परेशान करने वाला था। आइये आपको बताते हैं हम कहां-कहां गये और वहां क्या-क्या हालात मिले?

ग्राउंड रिपोर्ट-1

ब्लॉक टप्पल की ग्राम पंचायत सालपुर के मजरा दरियापुर स्थित प्राथमिक विद्यालय में हम पहुंचे तो मुख्य दरवाजा था ही नहीं, परिसर में झाडियां खड़ी थीं, अंदर गए तो एक कमरे में 17 बच्चे पढ़ाई कर रहे थे, जिन्हें एक शिक्षामित्र पढ़ा रहे थे। इसके बाद देखा तो शौचालय पर ताले लटके हुए थे, खुलवाकर देखा तो अंदर गंदगी का अंबार था। इसी बीच करीब एक घंटे की देरी से हेड इंचार्ज स्कूल पहुंची और करीब डेढ़ घंटे की देरी से सहायक अध्यापिका स्कूल पहुंची।

Aligarh: देरी की वजह पूछने पर इंचार्ज ने बताया कि मैं आज ही देरी से आई हूं और सहायक अध्यापिका ने बताया कि मैं दूर से आई हूं इसलिए देर हो गई। चौंकाने वाली बात यह कि स्कूल में कुल 19 बच्चे पंजीकृत हैं, जिन्हें पढ़ाने के लिए एक इंचार्ज, एक सहायक अध्यापिका, एक शिक्षामित्र, पांच प्रशिक्षु छात्र हैं। साथ में भोजन बनाने के लिए एक रसोईया भी है।

ग्राउंड रिपोर्ट-2

Aligarh: ब्लॉक टप्पल की ग्राम पंचायत सालपुर का ही मजरा पिरोड़िया के प्राथमिक विद्यालय में पहुंचे तो यहां भी स्कूल का मुख्य दरवाजा नहीं था। कक्ष के अंदर प्रवेश किया तो देखा कि कमरों की छत चटकी हुई थी। दो कमरों में करीब 15 बच्चे पढ़ाई कर रहे थे, जिनको पढ़ाने के लिए 3 अध्यापक मौजूद थे और भोजन बनाने के लिए एक रसोईया भी मौजूद थी।

 ग्राउंड रिपोर्ट-3

Aligarh: सालपुर के मजरा राघवगढ़ी के माध्यमिक विद्यालय में हम पहुंचे तो देखा कि एक कमरे में तीन बच्चे शिक्षक की गैर मौजूदगी में बैठे थे, दूसरे कमरे में बैठे करीब 11 बच्चों को पढ़ा रहे थे। वहीं तीन बच्चे बाहर बरामदे में कंकड खेल रहे थे। रसोईया बच्चों के लिए खाना बनाने में व्यस्त थी। स्कूल में 14 बच्चे मौजूद थे और 29 बच्चे पंजीकृत हैं।

 ग्राउंड रिपोर्ट-4

ब्लॉक टप्पल की ग्राम पंचायत शाहनगर सौरोला के प्राथमिक विद्यालय की चारदीवारी ही नहीं थी। लंच समय था तो कुछ बच्चे बाहर खेल रहे थे तो कुछ खाना खा रहे थे और तीन शिक्षक कमरे में बैठे थे। जानकारी के मुताबिक स्कूल में 32 बच्चे हैं। वहीं हमने मांदक के मजरा वीधा की गढ़ी के प्राथमिक विद्यालय, हजियापुर के प्राथमिक विद्यालय और तकीपुर के प्राथमिक विद्यालय का भी भ्रमण किया, जहां पर स्कूल की इमारत, साफ-सफाई, बच्चों की संख्या के साथ शिक्षा व्यवस्था अन्य विद्यालयों से बेहतर दिखाई पड़ी।

Aligarh: हमारी ग्राउंड रिपोर्ट पर टप्पल के खंड शिक्षा अधिकारी माज्जुदीन अंसारी ने बताया, कि सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ाने का प्रयास लगातार जारी है हम गांव-गांव अभियान भी चला रहे हैं, लेकिन समय से स्कूल न पहुंचने वाले अध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। वहीं जिन स्कूलों की चारदीवारी नहीं है उसके संबंध में प्रधानाचार्यों द्वारा प्रधानों को लिखित में अवगत करा दिया गया है।

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By Susheel Chaudhary

मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।