PM Modi: पीएम मोदी ने किया देव साहब को याद, ट्वीट कर लिखा- “आप सदाबहार आइकन हैं”

PM Modi: पीएम मोदी ने  देव साहब को याद किया। आपने तो ये गाना सुना होगा है अपना दिल तो आवारा…न जानें किस पे आएगा…जी हां, ये गाना देव साहब के ऊपर बिल्कुल फिट बैठता है। चंचल आंखे…चार्मिंग चेहरा. देव आनंद की लड़कियां दीवानी थी। एक रोमांटिक हीरो के तौर पर लाखों-करोड़ों लड़कियों के दिलों पर राज करने वाले सदाबहार एक्टर देव आनंद का जन्मदिन है। आज ही के दिन 26 सितंबर 1923 को पंजाब के शंकरगढ़ में हुआ था। देव आनंद का असली नाम धर्मदेव पिशोरिमल आनंद था। देव आनंद को गुजरे हुए भले ही कई साल बीत गया है, लेकिन उनके अंदाज और अभिनय के लोग आज भी कायल हैं।

PM Modi: इस मौके पर देव साहब के फैंस और सेलेब्स उन्हें याद कर दिल से श्रद्धांजलि दे रहे हैं। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देव साहब की याद में एक ट्रीब्यू पोस्ट अपने एक्स (पहले ट्टिटर) हैंडल शेयर किया है। पीएम मोदी ने देव आंनद के साथ अपनी दो तस्वीरें भी साझा की हैं। अपने पोस्ट में पीएम मोदी ने देव साहब के लिए एक लंबा-चौड़ा नोट भी लिखा है। अपको बता दे की 3 दिसंबर 2011 को बीमारी के चलते लंदन में उनका निधन हो गया था.देव आनंद से जुड़े यूं तो किस्से-कहानियां हैं, लेकिन कुछ किस्से ऐसे है, जो बेहद रोचक है। आइए जानते हैं उनसे जुड़े कुछ कहानियां।

क्यों लिया फिल्मों में एक्टर बनने का निर्णय?

PM Modi: देव आनंद ब्रिटिश सशस्त्र बलों की राजसी भारतीय नौसेना में शामिल होना चाहते थे, लेकिन कुछ कारणों की वजह से उनका सलेक्शन नहीं हुआ। इसी दौरान उन्होंने अशोक कुमार की अछूत कन्या और किस्मत फिल्म को देखा। इसके बाद ही उन्होंने फिल्मों में एक्टर बनने का निर्णय लिया। 1940 में देव साहब एक्टर बनने का सपना लिए मुंबई आ गए। उन्होंने चर्चगेट स्थित सेना के सेंसर कार्यालय में 65 रुपए महीना वेतन पर काम करना शुरू कर दिया।

पहला फिल्मफेयर कब मिला?

PM Modi: फिल्म काला पानी के लिए देव आनंद को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पहला फिल्मफेयर अवार्ड मिला था. इस फिल्म के लिए नलिनी जयवंत को लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार मिला। देव आनंद ने फिल्म के विशेष होने का उल्लेख करते हुए लिखा कि काला पानी ने दुनिया को मेरे बारे में एक कहानी भी दी, जो तब से मेरे प्रशंसकों के बीच घूम रही है कि मुझे काला पहनना मना है क्योंकि जब महिलाएं मुझे उस रंग के कपड़े पहने हुए देखती हैं, तो वे बेहोश हो जाती हैं. यह एक मूर्खतापूर्ण मिथक है! मैं हमेशा ही अपने फैन्स के लिए और फिल्मों में लोगों का मनोरंजन करने के लिए ये कपड़े पहनता रहा।

जिसे डूबने से बचाया उसी के प्यार में डूबे

जानी-मानी गायिका अभिनेत्री सुरैया संग उनकी मोहब्बत के किस्से मशहूर हैं। 1948 में आई विद्या में देव आनंद पहली बार सुरैया के साथ काम कर रहे थे। शूटिंग के दौरान नाव पलट गई। देव आनंद ने उन्हें डूबने से बचाया और वे खुद उनके प्यार में डूब गए। देव आनंद और सुरैया शायर, अगसर, सनम, जीत, विद्या, दो सितारे जैसी कई फिल्मों में साथ आए। उस जमाने में सुरैया हिंदी फिल्म जगत की हाईली पेड़ ऐक्ट्रेस हुआ करती थीं, फिर दोनों के बीच धर्म की दीवार भी थी।

हालांकि सुरैया की मां देव आनंद को काफी पसंद करती थीं और सिनेमैटोग्राफर द्वारका दिवेचा और अभिनेत्री दुर्गा खोटे इनके प्यार भरे खतों के लिए पोस्टमैन बनते, मगर सुरैया की नानी के कारण ये प्यार परवान नहीं चढ़ पाया। खैर, जल्द ही रूमानी तबीयत के मालिक देव आनंद ने आनन-फानन अपनी हीरोइन कल्पना कार्तिक से शूटिंग के दौरान लंच ब्रेक में कोर्ट में शादी करके सभी को चौंका दिया था। इन दोनों ने बाजी, टैक्सी ड्राइवर, हमसफर, हाउस नंबर नौ दो ग्यारह जैसी फ़िल्मों में काम किया था। आगे चलकर इनका नाम जीनत अमान से भी जुड़ा।

Written By: Poline Barnard

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By Susheel Chaudhary

मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।