Arvind Kejriwal: केंद्र सरकार के अध्यादेश को लेकर कांग्रेस की चुप्पी से आप नाराज है। पार्टी ने फेसबुक पेज पर बयान जारी कर कहा है कि आम आदमी पार्टी के लिए समान विचारधारा वाले दलों की भविष्य में होने वाली बैठकों में भाग लेना मुश्किल होगा। केजरीवाल चाहते थे कि अध्यादेश पर कांग्रेस स्थिति स्पष्ट करे। आप नेताओं को कांग्रेस का यह बर्ताव अच्छा नहीं लगा। पटना में बैठक से नाराज होकर आप संयोजक व दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल चुपचाप निकल गए। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, सांसद राघव चड्ढा व संजय सिंह भी प्रेस वार्ता में नहीं दिखे।
पार्टी ने फेसबुक पेज पर बयान जारी कर कहा कि आम आदमी पार्टी के लिए समान विचारधारा वाले दलों की भविष्य में होने वाली बैठकों में भाग लेना मुश्किल होगा। आप ने कहा कि बैठक में 15 पार्टियां शामिल हुई। इनमें से 12 का प्रतिनिधित्व राज्यसभा में है। कांग्रेस को छोड़ अन्य सभी 11 दलों ने घोषणा की वे राज्यसभा में अध्यादेश का विरोध करेंगे। कई दलों ने कांग्रेस से काले अध्यादेश की खुले तौर पर निंदा करने का आग्रह किया, लेकिन कांग्रेस ने इन्कार कर दिया।
वहीं कांग्रेस की दिल्ली और पंजाब इकाई ने घोषणा की है कि इस मुद्दे पर मोदी सरकार का समर्थन करना चाहिए। कांग्रेस नेताओं ने संकेत दिया कि पार्टी राज्यसभा में अध्यादेश पर मतदान से दूर रह सकती है। आप ने कहा कि जब तक कांग्रेस सार्वजनिक रूप से अध्यादेश का विरोध नहीं करती है, तब तक कांग्रेस के साथ किसी भी विपक्षी एकता की बैठक में भाग लेना मुश्किल होगा।
हरीश खुराना ने आम आदमी पार्टी की ओर से जारी पटना स्टेटमेंट की कॉपी भी ट्विटर पर सभी से साझा किया। हरीश खुराना ने जो आप के स्टेटमेंट की कॉपी पब्लिक डोमेन में साझा किया है। उसमें लिखा है कि काले अध्यादेश का उद्देश्य न केवल दिल्ली में एक निर्वाचित सरकार के लोकतांत्रिक अधिकारों को छीनना है बल्कि यह भारत के लोकतंत्र और संवैधानिक सिद्धांतों के लिए भी एक महत्वपूर्ण खतरा है। यदि चुनौती न दी गई तो यह खतरनाक प्रवृत्ति अन्य सभी राज्यों में फैल सकती है, जिसके परिणामस्वरूप लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राज्य सरकारों से सत्ता छीन ली जा सकती है। इस काले अध्यादेश को गिराना जरूरी है.
केजरीवाल को अब तक किस-किस का मिला समर्थन?
Arvind Kejriwal: केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ में अरविंद केजरीवाल के द्वारा चलाई जारी मुहिम में अब तक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के चीफ शरद पवार और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे सहित कई नेताओं का समर्थन मिल चुका है।
आप नेताओं को अच्छी नहीं लगी यह बात
Arvind Kejriwal: केजरीवाल चाहते थे कि अध्यादेश पर कांग्रेस स्थिति स्पष्ट करे। इस पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि किसी राज्य से संबंधित मसला विशेष पर बात नहीं होनी है। केजरीवाल, भगवंत मान व आप नेताओं को यह अच्छा नहीं लगा।
Written By: Poline Barnard
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