Manipur News: मणिपुर में हिंसा का दौर जारी है, इस बीच मणिपुर सरकार की ओर से बड़ा फैसला लिया गया है। सरकार ने राज्य में मोबाइल इंटरनेट प्रतिबंध को हटाने का फैसला लिया है। सुरक्षा अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि मणिपुर सरकार ने चार पहाड़ी जिला मुख्यालयों में मोबाइल इंटरनेट प्रतिबंध हटा दिया है। ये जिले जातीय हिंसा से प्रभावित नहीं थे। उन्होंने कहा कि उखरूल, सेनापति, चंदेल और तामेंगलोंग जिला मुख्यालयों में परीक्षण के आधार पर इंटरनेट प्रतिबंध हटा लिया गया है।
Manipur News: यह कदम मणिपुर उच्च न्यायालय के उस आदेश के बाद उठाया गया है, जिसके तहत राज्य सरकार को हिंसा से अप्रभावित सभी जिला मुख्यालयों में प्रायोगिक आधार पर मोबाइल टावर को फिर से चालू करने का निर्देश दिया गया था। बता दें कि ये जिले नगा बहुल आबादी वाले जिले हैं।
हाईकोर्ट के निर्देश के बाद क्या आया फैसला?
Manipur News: मणिपुर सरकार का यह कदम मणिपुर हाईकोर्ट के उस निर्देश के बाद आया है, जिसमें हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को ट्रायल के आधार पर मोबाइल टावर्स का संचालन शुरू करने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि जो जिले जातीय हिंसा से प्रभावित नहीं हैं, उनमें इसकी शुरुआत की जा सकती है।
अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को इन चार जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल हो गई हैं। उखरुल जिले के एक अधिकारी ने बताया कि अभी सिर्फ जिला मुख्यालय में कुछ गिने-चुने मोबाइल टावर्स का संचालन शुरू हुआ है लेकिन अभी कनेक्टिविटी बहुत धीमी है। ट्रायल के आधार पर यह बहाली हुई है।
मोबाइल इंटरनेट सेवाओं की बहाली के बारे में पूछे जाने पर उखरुल जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा, “केवल जिला मुख्यालयों में कुछ चुनिंदा मोबाइल टावर चालू किए गए हैं। लेकिन कनेक्टिविटी खराब है। बहाली परीक्षण के आधार पर की जाएगी।”उखरुल में हाल ही में एक समारोह में राज्य के परिवहन मंत्री काशिम वाशुम ने कहा था कि चार जिलों में सेवाएं फिर से शुरू होंगी।
सितंबर में कुछ दिनों को छोड़कर मणिपुर में 3 मई से जातीय झड़पें होने के बाद से मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा हुआ है। मई में पहली बार जातीय हिंसा भड़कने के बाद से मणिपुर बार-बार होने वाली हिंसा की चपेट में है। तब से अब तक 180 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।
क्या है पुरा मामला?
Manipur News: बता दें कि मणिपुर में बीती 3 मई को शुरू हुई जातीय हिंसा के बाद से मणिपुर में मोबाइल इंटरनेट पर पाबंदी है। इस हिंसा में अब तक 180 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। मणिपुर में मैतई समुदाय को अनुसूचित जनजाति के तहत आरक्षण देने के आदेश के बाद यह हिंसा शुरू हुई।
राज्य में मैतई समुदाय की आबादी कुल जनसंख्या की 53 फीसदी है। वहीं कुकी और नगा समुदाय की आबादी 40 प्रतिशत है। कुकी और नगा समुदाय पहाड़ी जिलों में रहते हैं और मैतई समुदाय सामान्य तौर पर मैदानी इलाकों में रहता है।
Written By: Poline Barnard
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