New Delhi: दिल्ली में छठ पूजा के आयोजन को लेकर सरकार की तरफ से हर साल भव्य तैयारियां की जाती है। इस बार छठ पूजा को लेकर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली में छठ पूजा के लिए 1000 से ज्यादा जगहों पर तैयारियां चल रही हैं। छठ महापर्व की शुरुआत 17 नवंबर से नहाय खाय के साथ हो रही है और छठव्रती 19 नवंबर की शाम को और 20 नवंबर की सुबह घाटों पर भगवान सूर्य को अर्घ्य देंगे।
New Delhi: छठ पूजा संघर्ष समिति और पूर्वांचल जागृति मंच ने दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के 29 अक्टूबर, 2021 के आदेश को रद्द करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था। वकील विजय शंकर दुबे के माध्यम से दायर याचिका में प्राधिकारियों को विभिन्न घाटों के साथ ही यमुना नदी के तट पर छठ पूजा के आयोजन की अनुमति देने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।
New Delhi: दिल्ली सरकार के वकील ने याचिका का विरोध किया। याचिका में ये भी कहा गया था कि अधिसूचना से दिल्ली में छठ पूजा करने वाले 30-40 लाख श्रद्धालु प्रभावित हुए हैं।
छठ पूजा के लिए दिल्ली हाई कोर्ट ने किया इंकार
New Delhi: इस बीच यहां ये भी बता दें कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने यमुना नदी के तट पर छठ पूजा की अनुमति देने की अनुरोध वाली याचिका पर विचार करने से बुधवार को इंकार कर दिया। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि प्रतिबंध यमुना में प्रदूषण को रोकने के लिए है। चूंकि अदालत याचिका खारिज करने के पक्ष में थी, याचिकाकर्ता ने इसे वापस लेने की अनुमति मांगी, जिसे स्वीकार कर लिया गया।
दिल्ली में बनाए गए 1000 से ज्यादा घाट
New Delhi: छठ पूजा में अब कुछ ही दिन बचे हैं। इसको लेकर पूरी शहर में धूम है। यमुना नदी के किनारे घाट बनाए जा रहे हैं।तो वहीं दिल्ली के पर्यावरण मंत्री का कहना है कि छठ पूजा को लेकर दिल्ली में लगभग 1000 से अधिक घाट को बनाया जा रहा है। छठ पूजा में छठी मैया और सूर्य की पूजा होता है। इस त्योहार को लोग बहुत ही आस्था से साथ मनाते हैं। दरअसल मान्यता है कि छठ पूजा में व्रत रखकर सूर्य और छठी मैया की उपासना करने से संतान पर कभी मुसीबत नहीं आती है।
Written By: Swati Singh
ये भी पढ़ें..