New Parliament: संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र की शुरुआत आज सोमवार से हो गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निचले सदन यानी लोकसभा को संबोधित करते हुए 75 साल की संसदीय यात्रा को याद किया। अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भले ही 19 सितंबर यानी गणेश चतुर्थी के अवसर पर आगामी सत्र नए भवन में आयोजित किए जाएंगे, लेकिन पुराना संसदीय भवन लाखों भारतीयों को प्रेरणा देता रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि नए परिसर में जाने से पहले इस संसद भवन से जुड़े प्रेरणादायक क्षणों को याद करने का समय आ गया है।
New Parliament: PM Modi ने कहा, ‘हम इस संसद के निर्माण में लगे परिश्रम, कड़ी मेहनत और धन को कभी नहीं भूल सकते।’ लोकसभा में पीएम मोदी ने कहा,हम सभी इस ऐतिहासिक इमारत को अलविदा कह रहे हैं। आजादी से पहले यह सदन इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल की जगह था। आजादी के बाद इसे संसद भवन की पहचान मिली। यह सच है कि इस इमारत के निर्माण का निर्णय विदेशी शासकों ने लिया था, लेकिन हम कभी नहीं भूल सकते और गर्व से कह सकते हैं कि इसके निर्माण में जो मेहनत और पैसा लगा, वह मेरे देशवासियों का था।
जी 20 की सफलता पर पीएम ने क्या कहां?
New Parliament: उन्होंने कहा कि जी20 की सफलता देश के 140 करोड़ नागरिकों की सफलता है। यह भारत की सफलता है, किसी व्यक्ति या पार्टी की नहीं। यह हम सभी के लिए जश्न मनाने का विषय है। यह सबके लिए गर्व की बात है। आजाद भारत से जुड़ी हुई अनेक घटनाएं बीते 75 साल में इसी सदन में हुई। पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने कभी कल्पना नहीं की थी कि देश हमें इतना सम्मान देगा। गरीब का बेटा भी सांसद बनता है यह भारत के लोकतंत्र की ताकत है।
आज दुनिया भारत में अपना मित्र खोज रही है। सबका साथ सबका विकास हमें जोड़े रखा है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के इस इमारत में आतंकी हमला भी हुआ। यह हमला संसद पर नहीं बल्कि हमारी जीवात्मा पर था। देश इसे कभी नहीं भूल सकता। आतंकियों से लड़ते लड़ते जिन्होंने सदन को गोलियों से बचाया मैं उनको भी नमन करता हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वन नेशन वन टैक्स का फैसला इसी सदन ने किया। गरीबों के लिए 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला इसी सदन में हुआ। यही सदन है जहां एक वोट से अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार गिर गई थी। उन्होंने कहा कि आज जब हम इस सदन को छोड़ रहे हैं तो मैं उन पत्रकारों को भी नमन करता हूं, जिन्होंने यहां की पल-पल की जानकारी देश को उपलब्ध कराई। उनका सामर्थ्य था कि वह अंदर की बात भी जनता तक पहुंचाते थे।
उन्होंने कहा कि ये सदन से बिदाई लेना एक भावुक पल है। उन्होंने कहा कि परिवार जब एक पुराना घर छोड़कर नए घर जाता है तो बहुत सारी यादें एक पल के लिए उसे झकझोर देती हैं। और हम जब इस सदन को छोड़कर जा रहे हैं तो हमारा मन-मस्तिष्क भी उन भावनाओं से भरा हुआ है। अनेक यादों से भरा हुआ है। संबोधन के दौरान PM Modi ने संसदीय कार्यवाही की जिक्र किया और कहा कि इस संसद में कई तरह में कई तरह के अनुभव रहे हैं। नोक-झोंक से लेकर उत्साह औऱ उमंग की यादों को पीएम मोदी ने याद किया।
“सभी फैसले अब नए भवन में होंगे”
New Parliament: पुराने संसद भवन में लोक सभा में अपना आखिरी भाषण देते हुए पीएम मोदी ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से लेकर अपने पूर्ववर्ती पीएम मनमोहन सिंह के योगदान को सराहा। पिछले 75 वर्षों में दोनों सदनों को मिलाकर 7,500 के लगभग जनप्रतिनिधि (सांसद), जिसमें 600 के लगभग महिला जनप्रतिनिधि भी शामिल रही हैं, के योगदान की तारीफ की।
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi says "Tomorrow, on Ganesh Chaturthi, we will move to the new Parliament. Lord Ganesha is also known as ‘Vighnaharta’, now there will be no obstacles in the development of the country… 'Nirvighna roop se saare sapne saare sankalp Bharat… pic.twitter.com/P2DZmG3SRF
— ANI (@ANI) September 18, 2023
PM मोदी ने पत्रकारों को किया याद?
New Parliament: प्रधानमंत्री मोदी ने संसद सत्र के संबोधन में उन पत्रकारों को भी याद किया जो कई दिनों से संसद में रिपोर्टिंग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘ऐसे पत्रकार जिन्होंने संसद को कवर किया, शायद उनके नाम जाने नहीं जाते होंगे लेकिन उनको कोई भूल नहीं सकता है। सिर्फ खबरों के लिए ही नहीं, भारत की इस विकास यात्रा को संसद भवन से समझने के लिए उन्होंने अपनी शक्ति खपा दी।’
खबरों के लिए के लिए नहीं, बल्कि भारत की विकास यात्रा के लिए उन्होंने सबकुछ खपा दिया, उनको याद करने का समय है- जैसी ताकत यहां की दीवारों की रही है, वैसा ही दर्पण उनकी कलम में रहा है। कई पत्रकार बंधुओं के लिए भी ये सदन छोड़ना आज भावुक पल रहा होगा।’
Written By: Poline Barnard
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