NFT: नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) का बाजार अब फिर से जिंदा होता दिख रहा है, क्योंकि क्रिप्टो बाजार तेजी पर है। बिटकॉइन (Bitcoin), ईथर (Ether), सोलाना (Solana) और पॉलीगॉन (Polygon) जैसी क्रिप्टोकरेंसी की कीमत में बढ़ोतरी के साथ, इन altcoins से जुड़ी NFT चेन का एक समूह प्राइस ट्रैकर पर चढ़ना शुरू हो गया है।
NFT: ये भी देखा गया है कि पिछले कुछ समय में पार्ट टाइम जॉब और निवेश के नाम पर कई सारे फ्रॉड के मामले सामने आए हैं। अब इस कड़ी में भारत सरकार की तरफ से एक बड़ा एक्शन लिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस दिशा में कड़ा कदम उठाते हुए करीब 100 से ज्यादा ऐसी वेबसाइट्स को ब्लॉक कर दिया है जो पार्ट टाइम जॉब और अवैध निवेश के नाम पर लोगों से ठगी कर रही थीं।
NFT: बताया जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जो वेबसाइट्स ब्लॉक की गई है उन्हें देश के बाहर से ऑपरेट किया जा रहा था। आपको बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत इन वेबसाइट्स को ब्लॉक किया है।
I4C division of the Ministry of Home Affairs, through its vertical National Cybercrime Threat Analytics Unit (NCTAU), had last week identified and recommended to ban over 100 websites involved in organized investment and task based – part time job frauds. pic.twitter.com/yLI1vvayVY
— ANI (@ANI) December 6, 2023
भारत से बाहर भेजा गया पैसा
NFT: मंत्रालय ने बताया कि इन वेबसाइट्स का संचालन विदेशी कंपनियां कर रही थीं। ये कंपनियां लोगों को चूना लगाने के लिए डिजिटल विज्ञापन, चैट मैसेंजर आदि का इस्तेमाल कर रही थीं। बयान के अनुसार यह भी पता चला है कि बड़े स्तर पर होने वाली आर्थिक धोखाधड़ी से होने वाली कमाई को कार्ड नेटवर्क, क्रिप्टोकरेंसी और अंतरराष्ट्रीय फिनटेक कंपनियों का इस्तेमाल करते हुए देश के बाहर भेजा गया था।
नेशनल साइबरक्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल और 1930 हेल्पलाइन के जरिए धोखाधड़ी के ऐसे मामलों की कई शिकायतें प्राप्त हुई थीं। मंत्रालय ने कहा कि ये अपराध नागरिकों के लिए खतरा बन रहे थे और इनसे डाटा सुरक्षा पर भी संकट बन रहा था।
100 से ज्यादा वेबसाइट्स ब्लॉक
NFT: इंडियन साइबरक्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) ने पिछले हफ्ते वर्टिकल नेशनल साइबरक्राइम थ्रेट एनालिटिक्स यूनिट (NCTAU) की मदद से अवैध निवेश और पार्ट टाइम जॉब फ्रॉड करने वाली 100 वेबसाइट्स की पहचान की थी।इन वेबसाइट्स को मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (MeitY) ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (IT Act, 2000) का इस्तेमाल करते हुए ब्लॉक कर दिया है।
स्कैमर्स का मुख्य टारगेट महिलाएं और बेरोजगार युवा थे। धोखेबाजों ने Google और मेटा जैसे प्रमुख प्लेटफॉर्म पर रणनीतिक रूप से रखे गए डिजिटल विज्ञापनों के माध्यम से इन लोगों को लुभाया।
इन विज्ञापनों में अक्सर आकर्षक कीवर्ड जैसे “घर बैठे नौकरी” और “आसान कमाई” का इस्तेमाल किया जाता था। इन विज्ञापनों पर क्लिक करने के बाद, पीड़ितों को व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे लोकप्रिय मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर धोखेबाजों से संपर्क किया जाता था।
नौकरी घोटालों से खुद को कैसे बचाएं?
NFT: केंद्र ने कहा, आपको किसी भी ज्यादा कमीशन देने वाली ऑनलाइन योजनाओं में पैसा लगाने से पहले हमेशा उसके बारे में जानना और समझना चाहिए। अगर कोई अज्ञात व्यक्ति आपसे व्हॉट्सएप या टेलीग्राम पर संपर्क करता है, तो बिना वेरिफिकेशन के पैसे के लेनदेन से बचने चाहिए।
केंद्र ने कहा, हमेशा यूपीआई ऐप में दिए दए रिसीवर के नाम को वेरिफाई करना चाहिए, अगर रिसीवर कोई रेंडम व्यक्ति है तो यह धोखाधड़ी वााला अकाउंट हो सकता है,साथ ही पैसा लेने वाले सोर्स की भी जांच हमेशा करनी चाहिए।
केंद्र ने कहा कि लोगों को अज्ञात खातों से लेनदेन करने से बचना चाहिए, क्योंकि ये मनी लॉन्ड्रिंग और यहां तक कि आतंक फंडिंग में शामिल हो सकते हैं, ऐसे खाते पुलिस द्वारा ब्लॉक किए जा सकते हैं या फिर इन पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।ठगों द्वारा इस्तेमाल किए गए फोन नंबरों और सोशल मीडिया हैंडल की रिपोर्ट राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर भी करनी चाहिए।
Written By: Poline Barnard
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