Rahul Gandhi Disqualification Case: राहुल गांधी की ठसक होगी अब दूर, हाईकोर्ट में जाकर मांगनी ही होगी माफी

Rahul Gandhi Disqualification Case

Rahul Gandhi Disqualification Case: राहुल गांधी की ठसक होगी अब दूर, कहना ही होगा माई लार्ड हम से भूल हो गयी… हमका माफी देदो… राहुल गांधी को भूलना ही होगा कि वो गांधी है और गांधी माफी नहीं मांगते… नहीं तो टूट जाएगा उनका पीएम बनने का  सपना …

Rahul Gandhi Disqualification Case: राहुल गाँधी मानहानि मामला आजकल सबकी जुबान पर है चाहे वो आम हो या खास, अभी हाल ही में गुरूवार को सुरत सेशंस कोर्ट ने साल 2019 में मोदी सरनेम वाले मामले में याचिका खारिज कर दी थी और अब राहुल गांधी अपनी याचिका को लेकर हाईकोर्ट का रूख करने वाले है। तो राजनीतिक जानकार मान कर चल रहे है कि क्या राहुल गांधी हाईकोर्ट में जाकर मोदी समनेम मामले में माॅफी मांगने जा रहे है। तो राहुल गांधी की उस ठसक का क्या होगा? जो वो छाती ठोककर कहते है कि गांधी कभी किसी से माॅफी नहीं मांगते है।

आपको याद होगा कि उन्होंने कहा था कि वो सावरकर नहीं है जो माफी मांग ले। अब क्या ये मान लिया जाए जज साहब के सामने हाथ जोड़कर कहेंगे कि माई लार्ड हमकों माफी दे दो, हमसे गलती हो गयी। अगर वो माॅफी नहीं मांगते है तो उनकी सासंदी तो गई ही है और उनका 2024 में प्रधानमंत्री का सपना भी चूर हो जाएगा। अब राहुल गांधी की हालत ऐसी है कि आगे गड्डा पीछे खाई वाली उनको समझ ही नहीं आ रहा है कि  वो क्या करे? उनकी सलाहकार कमेटी में कोई ऐसा नेतानहीं है जो उनको सहीं राय दे सके। हम तो ये ही दूआ करेंगे साहब कि भागवान उनको सदबुद्धी दे। खैर ये तो राहुल गांधी ही जाने कि हाईकोर्ट में जाकर क्या कहते है और क्या करते है?

Rahul Gandhi Disqualification Case: हम आपको बता दें कि ऐसा भी नहीं है कि राहुल गांधी ने कभी कोर्ट में माफी माँगी ही नहीं हो तो आपको बता दें साहब उन्होंने अब तक दो मामलों में माफी मांग चुके है।वर्तमान में मांफी न मांगने पर अड़ने वाले राहुल गांधी ने 8 मई 2019 को राफेल डील से जुड़े एक मामले में बिना शर्त माफी मांग ली थी।

सुप्रीम कोर्ट ने राफेल की सुनवाई पर सहमति जताई थी। जिस पर भड़कते हुए राहुल ने कह दिया था कि ‘कोर्ट ने मान लिया है कि चौकीदार ही चोर है’… जिसपर राहुल को कोर्ट की तरफ से नोटिस भेजा गया और राहुल ने जवाब में कहा कि “हां ये मेरी गलती है और मैं बिना किसी शर्त माफी मांगता हूं।”

राहुल गाँधी: आरएसएस ने गाँधी जी की हत्या नहीं कराई थी

दूसरी बार राहुल गाँधी ने साल 2016 में गाधी की हत्या को लेकर विवादित बयान दिया था तब पर राहुल गांधी ने अपने बयान को वापस लेते हुए सुप्रीम कोर्ट में कहा कि आरएसएस ने गाॅधी जी की हत्या नहीं कराई थी। माई लार्ड मुझसे गलती हो गयी है आप मुझे माफ कर दो। बात करते है सूरत कोर्ट के मामलो को लेकर तो उन्होंने कथित तौर पर ये कहा था कि सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों है?इसी बयान को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज है।

Rahul Gandhi Disqualification Case: राहुल ने एक रैली में राफेल विवाद के सौदे का जिक्र करते हुए कहा था कि आपने 30,000 करोड़ रुपये चोरी करके अपने दोस्त अनिल अंबानी को दे दिए. जाहिर है आपने पैसे चुराए हैं. चौकीदार चोर है. राहुल गांधी ने आगे कहा था कि नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, ललित मोदी, माल्या, अनिल अंबानी और नरेंद्र मोदी- चोरों का एक समूह है.”

इसके बाद राहुल ने तंज कसते हुए कहा था कि मेरा एक सवाल है. ये सारे चोरों के नामों में मोदी क्यों होता है, नीरव मोदी, ललित मोदी और नरेंद्र मोदी? हमे ये जानकारी नहीं है कि ऐसे और कितने मोदी आएंगे?”

गौरतलब है कि राहुल गाँधी पर 1 या 2 नहीं पुरे 6 अलग अलग मानहानि केस चल रहे है और अधिकांश केसों की सुनवाई गुजरात की अदालत में सुनवाई चल रही है। राहुल गाँधी के इस बयान पर की सारे चोरो का सरनेम मोदी क्यों है उनकी ससद सस्दयता खत्म हो गयी। गुजरात के सूरत के कोर्ट ने IPC की धारा 499 और 500 के तहत आपराधिक राहुल गांधी पर मानहानि का मुकदमा दर्ज कर 2 साल जेल की सजा सुनाई है।

आइये एक नज़र डालते है सभी केसों की डिटेल पर

Rahul Gandhi Disqualification Case: गाँधी की हत्या में संघ का हाथ

राहुल गांधी पर ये आरोप है कि उन्होंने 6 मार्च, 2014 को महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए महात्मा गांधी की हत्या के पीछे आरएसएस का हाथ बताया था। आरएसएस के लोगों नें गांधी जी को मारा था, और वो आज गांधीजी की बात करते हैं। इस मामले में आरएसएस की भिवंडी इकाई के आरएसएस सचिव राजेश कुंटे ने राहुल गांधी पर 2018 में मानहानि का मुकदमा दायर किया था। उनका कहना है की राहुल ने संघ की प्रतिष्ठा और मान-सम्मान पर सवाल उठाया है और मामले की सुनवाई अभीतक शुरू नहीं हुई है।

असम मठ पर टिप्पणी

दिसंबर 2015 में राहुल के खिलाफ असम में आरएसएस के एक स्वयंसेवक ने आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था. इस मामले में आरएसएस के इस स्वयंसेवक ने केस दर्ज कर ये कहा था कि उन्हें असम के बरपेटा सतरा में जाने से ये कह कर रोक दिया गया था कि वो आरएसएस से जुड़े हुए हैं।

स्वयंसेवक संघ के सदस्य ने असम की लोकल अदालत में राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था. और राहुल गाँधी के वकील की माने तो ये मामला सुनवाई के अंतिम चरण में हैं।

नोटबंदी को लेकर अमित शाह पर टिप्पणी

23 जून, 2018 में राहुल ने अपने ट्वीट में ये कहा था कि अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक के निदेशक अमित शाह जी को बधाई. पुराने नोटों को नई दौड़ में बदलने में आपके बैंक को प्रथम पुरस्कार मिला 750 रुपये.पांच दिनों में करोड़! लाखों भारतीय जिनके जीवन को आपने नष्ट कर दिया , नोटबंदी आपकी इस उपलब्धि को सलाम करती है और इस मामले पर अभी भी पूछताछ चल रही है।

महाराष्ट्र भाजपा नेता महेश श्रीश्रीमल ने नवंबर 2018 में कमांडर-इन-चोर’ वाले बयान को लेकर राहुल पर मानहानि का मुकदमा दायर किया था
उनका कहना था कि राफेल विवाद के दौरान दिया गया राहुल का ये बयान नरेंद्र मोदी पर सीधा निशाना था। इस केस में राहुल गांधी ने बॉम्बे हाईकोर्ट से संपर्क किया था और शिकायत को रद्द करने की मांग की थी। कुछ दिनों की सुनवाई के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने कार्यवाही पर रोक लगा दी थी और मामले की सुनवाई भी अभी शुरू नहीं हुई है।

राहुल गाँधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा फरवरी 2019 में ये मुकदमा महाराष्ट्र के आरएसएस कार्यकर्ता और वकील धृतिमान जोशी ने दायर किया था। धृतिमान जोशी ने याचिका में ये कहा था कि “पत्रकार गौरी की हत्या के 24 घंटे बाद राहुल ने ये बयान दिया था कि कोई आरएसएस और भाजपा की विचारधारा के खिलाफ बोलता है, तो उसे चुप कराने की कोशिश की जाती है। उस पर दवाब डाला जाता है और उसे पीटा जाता है। उसपर हमले कराए जाते हैं और यहां तक की उसे जान से भी मार दिया जाता है।”

Rahul Gandhi: अमित शाह को बताया था “हत्या का आरोपी”

राहुल गांधी ने जबलपुर में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान अमित शाह को “हत्या का आरोपी” बताया था। राहुल की इस टिप्पणी को कृष्णवदन ब्रह्मभट्ट ने बहुत ही निंदात्मक बताया था। राहुल गांधी ही नहीं ऐसे कई राजनेता है जो कि मानहानि केस में माफ़ी मांगते हुए नज़र आये है और इस फहरिस्त में सबसे आगे है।अपने सबसे प्यारे नेता केजरीवाल वो हर वक्त मानहानि केस में कई बार माफी मांग चुके है और वहीं उनके सिपहेसलार आप नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी ABVP नेता से माफ़ी मांगी थी।

कोर्ट में जज साहब के सामने माफी मांगने के साथ ही इन्होंने अदालत में खड़े होकर यह भी माना कि उन्होंने जो आरोप लगाए है वो सारे मनगढ़ंत है और इसके लिए उनको माफी दे दी जाए। माई लार्ड ने बड़ा दिल दिखाते हुए इन सब नेताओं को माफ भी कर दिया था। तो, अब बात करते है राहुल गाँधी जिस मानहानि के मामले में एक्शन हुआ है, उनमें से ज्यादातर मामलों का निपटारा माफी के साथ ही हो जाता है.अगर राहुल ने माफी मांग ली होती तो शायद उनकी संसद की सदस्यता रद्द ही न होती।

इस मामले में भी माफी भी मांग सकते थे, लेकिन शायद उनके वकीलों ने इस बार उन्हें ये सलाह दी कि वो माफी मांग ले और इसी वजह से राहुल गांधी इस मामले में फंसते चले गए और अब वो इसकी वजह से सांसद से पूर्व सांसद बन गए वकीलों नासमझी कहे या राहुल गाँधी की बुरी किस्मत जो उनके अच्छे दिन नहीं आ रहे है।

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।