Ram Mandir: रामलला के प्राण प्रतिष्ठा में जाने वाले इमाम के खिलाफ हुआ फतवा जारी, इलियासी बोले- “मैंने कोई अपराध नहीं किया”

Ram Mandir: अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में दिल्ली के एक प्रमुख इमाम उमर अहमद इलियासी ने भाग लिया था। इस समारोह में शामिल होने के लिए इलियासी को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट ने आमंत्रित किया था। इलियासी ने इस समारोह में भाग लेकर हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच सद्भाव और भाईचारे की मिसाल पेश की थी। हालांकि, यह बात कट्टरपंथी विचारधारा रखने वाले लोगों को पसंद नहीं आई।

Ram Mandir: इमाम डॉ. उमेर अहमद इलियासी के खिलाफ फतवा जारी कर दिया गया है। उन्हें धार्मिक रूप से बहिष्कार के आह्वान के साथ जान से मारने तक की धमकी दी गई है। फतवा में इलियासी को ‘देशद्रोही’ बताया गया है और कहा गया है कि उन्होंने इस्लाम के खिलाफ काम किया है।

Ram Mandir: फतवा में इलियासी को चेतावनी दी गई है कि अगर उन्होंने भविष्य में ऐसा कोई कार्य किया तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, इमाम ने साफ तौर पर कह दिया है कि वो किसी से माफी नहीं मागेंगे। इलियासी ने फतवा जारी होने के बाद कहा है कि, “जो लोग मुझसे नफरत करते हैं, उन्हें पाकिस्तान जाना चाहिए। मैं एक भारतीय नागरिक हूँ और मैं अपने देश की संस्कृति और धर्मों का सम्मान करता हूँ।”

उमेर अहमद इलियासी ने सरसंघचालक मोहन भागवत को दी थी…

Ram Mandir: आपको बता दें कि इसके पहले भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत को राष्ट्रपिता कहने पर भी वह कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गए थे। साल 2022 में संघ प्रमुख और इमाम की मुलाकात दिल्ली के कस्तूरबा मार्ग स्थित मस्जिद में हुई थी। आजादपुर के मदरसे में उन्होंने मोहन भागवत को राष्ट्र ऋषि और राष्ट्रपति कहा था।

उमेर अहमद इलियासी ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन (AIIO) के मुखिया हैं। इस संगठन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मान्यता मिली हुई है। इस संगठन से देशभर के हजारों मस्जिदों के लाखों इमाम जुड़े हुए हैं। उमेर अहमद इलियासी को एक प्रगतिशील धार्मिक गुरु के तौर पर जाना जाता है। मुस्लिम समुदाय में उनका खास रुतबा है।

क्यों जारी हुआ फतवा?

Ram Mandir: इमाम ने कहा है कि, उन्होंने किस बात से प्रेरित होकर फतवा जारी किया गया है। यह तो वे भी जानते हैं। राम जन्मभूमि (मंदिर) ट्रस्ट ने मुझे एक बुलावा भेजा था। जिसे मैंने कुबूल कर लिया था। इमाम ने कहा, इसके बाद दो दिनों तक मैं सोचता रहा कि मुझे क्या फैसला लेना चाहिए। क्योंकि यह मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा फैसला था। लेकिन फिर मैंने सांप्रदायिक सौहार्द के लिए, देश के लिए और राष्ट्रहित में सोचा इसके बाद यह फैसला लिया और अयोध्या गया।

इमाम ने कहा कि अयोध्यावासियों ने उनका इस्तेकबाल किया। उन्होंने कहा, “मेरा मकसद ‘पैगाम-ए-मोहब्बत’ देना था, जो मैंने वहां पहुंचाया। इमाम ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है, इसलिए माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता।

वीएचपी ने की फतवे की आलोचना

Ram Mandir: इस मामले में वीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने इलयासी के खिलाफ फतवा जारी करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि उनका राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होना कुछ जिहादी कट्टरपंथी मुफ्तियों को रास नहीं आया। उन्होंने कहा कि मुफ्तियों के एक ग्रुप द्वारा उनके विरुद्ध फतवा जारी किया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण व निंदनीय दुष्कृत्य है।

Written By: Vineet Attri

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By Susheel Chaudhary

मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।