Rajasthan: स्कूल-काॅलेजों में हिजाब बैन करने की तैयारी में है भजनलाल सरकार, शिक्षा मंत्री किरोणी लाल मीणा ने दूसरे राज्यों की मांगी स्टेटस रिपोर्ट

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Rajasthan: हिजाब विवाद की शुरूआत कर्नाटक में साल 2021 मे हुई थी। हिजाब पर इतना बवाल मचा था कि तत्कालीन राज्य की भाजपा सरकार ने स्कूल-काॅलेजों में हिजाब पहनने पर रोक लगा दी थी। इसके बाद मुस्लिम छात्राओं के पक्षकार हाईकोर्ट पहुंच गए थे। हाईकोर्ट ने कर्नाटक सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया था। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में भी उनको मायूसी हाथ लगी थी।हालांकि, सर्वोच्च अदालत की पीठ में भी एक राय न बनने के कारण हाईकोर्ट के फैसले को जस का तस रखा था।

Rajasthan: शिक्षा मंत्री ने दूसरे राज्यों से मांगी स्टेटस रिपोर्ट

Rajasthan: हिजाब विवाद कर्नाटक से राजस्थान पहुंच गया है। आपको बता दें कि राजस्थान की भाजपा सरकार साल 2021 की तत्कालीन कर्नाटक सरकार के नकशे-कदम पर चलती हुई  दिखाई दे रही है। अब स्कूल-काॅलेजों में हिजाब बैन करने की तैयारी कर रही है भजनलाल सरकार, डाॅ किरोणी लाल मीणा ने दूसरे राज्यों से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है।

भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य: हिजाब को लेकर पूछे थे कई सवाल

Rajasthan: कर्नाटक की तरह राजस्थान में हिजाब पर पाबंदी की तैयारी की शुरूआत जयपुर के हवा महल से नवनिर्वाचित भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य के एक सरकारी स्कूल में दिए गए बयान को माना जा रहा है। जिसमें आचार्य ने कहा था कि स्कूल-काॅलेजों मे एक ही ड्रेसकोड होना चाहिए और मैने केवल प्रधानाचार्य से पूछा था कि क्या स्कूल में दो ड्रेसकोड है।

Rajasthan: आपको बता दें कि उन्होंने ये बात जब कही थी जब उनको गणतंत्र दिवस पर कुछ मुस्लिम लड़कियां हिजाब पहन कर आई हुई दिखी थी तब प्रधानाचार्या का जबाव था कि ऐसा नहीं है। ऐसा नहीं है तो क्या है अगर हमारे बच्चे लहंगा चुन्नी पहन कर आएंगे तब आपके स्कूल का ड्रेस कोड तय है।

राजस्थान के सरकारी और निजी स्कूलों में एक ही यूनिफार्म

Rajasthan: अभी राजस्थान के सरकारी और निजी स्कूलों में एक ही यूनिफार्म होती है जिसका पालन सब स्कूल के छात्र-छात्राओं को करना होता है। मुस्लिम छात्राओं को भी हिजाब पहनने की इजाजत नहीं होती है। इसके बाद भी कुछ स्कूलों में मुस्लिम छात्राएं हिजाब पहनकर आती है। बस यहीं से इस विवाद की शुरूआत होती है।

Rajasthan: गौरतलब है कि मदरसों और इस्लामिक स्कूलों में ही हिजाब की इजाजत है। हालांकि, केवल सिख छात्रों को ही पगड़ी पहनने की इजाजत दी गई है। आचार्य बालमुकुंद के बयान के बाद स्कूल की अल्पसंख्यक छात्राओं ने आचार्य के बयान की निंदा करते हुए उनके खिलाफ नारेबाजी की और सुभाष चौक थाने को घेर लिया। एसीपी सुभाष चौक मौके पर पहुंचे और आंदोलित छात्राओं से बात की… जिसके बाद छात्राओं ने अपना विरोध प्रदर्शन को खत्म कर दिया।

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।