Congress: ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में राहुल गांधी का दिखा नया रूप, सनातन से इस्लाम तक लगा रहे है दौड़

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Congress: कांग्रेस के बारे में कहा तो ये जाता है कि कांग्रेस पार्टी और इनके नेता हिन्दुत्व विरोधी  है, लेकिन चुनाव आते ही इनकी चाल ढल बदल जाती है…फ़िलहाल चुनावी माहौल है साहब, और इसी बीच प्रदेश कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं में हिंदू ‘बनने’ की होड़ मची हुई है….खास कर कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गाँधी का ऐसा रूप नज़र आ रहा है… जैसी उनसे बड़ा हिन्दू धर्म को मानने वाला कोई है ही नहीं…कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं के सितारे गर्दिश में हैं। कांग्रेस के नेताओं को समझ में नहीं आ रहा है कि पार्टी का फिर से उत्थान कैसे किया जाए। उनकी सबसे बड़ी दुविधा यह कि वो पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को किस रूप में जनता के सामने पेश कर रहे है।

कभी वो मंदिर जाते हैं, कभी खुद को जनेऊधारी ब्राह्मण बताते हैं, तो कभी लिंगायत बन जाते हैं। उसके बाद कभी ईसाई तो कभी मुस्लिम बन जाते हैं। कभी हिन्दू और हिन्दुत्व में फर्क बताने लगते हैं तो कभी कहते हैं उनका हिन्दुत्व में विश्वास नहीं है।

Congress: ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान भी जनता, जाति, धर्म, जिले और राज्य के हिसाब से इनका रूप बदलता रहता है। इससे पार्टी के साथ-साथ जनता भी दुविधा में है और राहुल को गंभीरता से नहीं ले रही है। राहुल गांधी अब लगातार हिंदुत्व की राजनीति ही कर रहे हैं. …लगता है राहुल गांधी को समझ आ गया की जनता का दिल जीतना है तो मोदी की राह पकड़नी पड़ेगी…

‘भारत जोड़ो यात्रा’ के एक हिस्से के रूप में कांग्रेस नेता राहुल गांधी आए दिन मंदिरों और धार्मिक स्थलों में दर्शन करते दिखाई दे रहे हैं। अक्सर वह अपने माथे पर टीका लगाए दिखाई देते हैं। कभी वो देवताओं को नमन करते हुए फोटो लगाते हैं, तो कभी पुजारियों के साथ बातचीत के वीडियो पोस्ट करते हैं। कभी-कभी ऐसा लगता है की राहुल गाँधी वो चुनाव प्रचार के लिए निकले हैं या तीर्थाटन करने।

इस वक्त राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा मध्य प्रदेश से होकर गुजर रही है। और वहाँ से एक तस्वीर सामने आई, जिसमें वो हिन्दू धर्म के सबसे बड़े अनुयायी और संत के रूप में नजर आ रहे हैं। राहुल गांधी का एक फोटो आया जो खंडवा जिले के ओंकारेश्वर में ब्रह्मपुरी घाट का है।

Congress: जहां वो हाथों में दीपक लेकर नर्मदा मां की आरती कर रहे हैं। उनकी बढ़ी हुई दाड़ी, सिर पर मालवा का साफा और बदन पर ओम लिखी हुई चुनरी ओढ़ रखी थी। हालांकि उनके हाथ में स्मार्टवॉच भी थी।

बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने राहुल की तस्वीर शेयर करते हुए ट्वीट किया था कि एक कैथोलिक मां और एक पारसी पिता के बेटे राहुल गांधी को हिंदी हार्टलैंड में इस फैंसी ड्रेस ड्रामा को बंद करना चाहिए।

भगवा आतंकवाद की थ्योरी देने वाली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष की यात्रा जब महाराष्ट्र पहुंचे तो उन पर भगवा रंग चढ़ गया। कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भगवा टोपी पहने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तस्वीर साझा कर लिखा कि, ‘रंग केसरी वीरों का… देश जोड़ेने निकले रणधीरों का।’

इस तस्वीर पर लोगों ने जमकर टिप्पणी की। कुछ सोशल मीडिया यूजर्स उन पर तंज कसते हुए रिएक्शन दिया तो वहीं कुछ लोगों ने कहा कि आखिर उन्हें भगवा की शरण में आना ही पड़ा।

Congress: ‘भारत जोड़ो यात्रा’ जब केरल पहुंची थी तो राहुल गांधी मुस्लिमों को खुश करने के लिए हिजाब पहने एक छोटी बच्ची के साथ नजर आए। राहुल गांधी की तस्वीर ने कांग्रेस की ‘तुष्टिकरण नीति’ को एक बार फिर सामने ला दिया। क्योंकि जंहा एक तरफ मुस्लिम राष्ट्र ईरान में महिलाएं अपने बाल काट रही हैं , सड़को पर प्रदर्शन कर रही और हिजाब जला रही हैं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी धार्मिक कट्टरपंथियों का समर्थन कर बच्चियों पर हिजाब पहनने का दबाव बना रहे थे।

तमिलनाडु में भारत जोड़ो यात्रा पहुंची तो वंहा राहुल गांधी ने चर्च के पादरी जॉर्ज पोन्नैया से मुट्टीडिचन चर्च में मुलाकात की थी। ये वो ही पादरी है जिसने हिंदुत्व और हिन्दू के बारे में गलत टिप्पणी की थी…

अब सवाल उठता है की क्या राहुल गांधी सिर्फ वोट की राजनीति के लिए ही मंदिरों के दर्शन कर रहे हैं? क्या उनकी हिन्दू धर्म में कोई आस्था नहीं है? सच तो ये है की राहुल गांधी ने वोटों की खातिर धार्मिक चोला ओढ़ लिया है। वोटों के नफे-नुकसान के आधार पर उन्होंने गुजरात में चुनाव प्रचार को तीर्थयात्रा में तब्दील कर दिया है।

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।