GyanVaapi maszid survey: कोर्ट के आदेश पर श्रीकाशी विश्वनाथ धाम ज्ञानवापी स्थित श्रृंगार गौरी और अन्य देव विग्रहों की विडीयोग्राफी और सर्वे का काम आज 6 मई को होना है और उसकी रिपोर्ट 10 मई तक कोर्ट में जमा करवानी होगी। ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे करने के लिए पहुंची टीम को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जबरदस्त विरोध शुरू कर दिया है। किसी भी अप्रिय घटना को टालने के लिए मौके पर भारी पुलिसबल तैनात है।
वाराणसी : ज्ञानवापी परिसर का आज सर्वे होना है. आरोप है कि काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाया गया है. इसके नीचे 100 फीट ऊंचा आदि विश्वेश्वर का स्वयंभू ज्योतिर्लिंग है. शुक्रवार को नमाज के बाद सर्वे का विरोध करने पहुंचे मुस्लिम समुदाय के लोग. pic.twitter.com/KfX6ZNT6HM
— Himanshu Mishra 🇮🇳 (@himanshulive07) May 6, 2022
बता दें कि सिविल जज सीडी रवि कुमार की पीठ ने वादिनी राखी सिंह व पांच अन्य की याचिकाओं की सुनवाई करते हुए श्रीकाशी विश्वनाथ धाम ज्ञानवापी स्थित श्रृंगार गौरी और अन्य देव विग्रहों की विडीयोग्राफी और सर्वे करवानें का आदेश दिया है। कोर्ट ने इस काम के लिए अजय कुमार मिश्र एडवोकेट को सर्वे कमिश्नर नियुक्त कर 10 मई को रिपोर्ट मांगी है।
गौरतलब है कि याचिकाकर्ताओं का कोर्ट से अनुरोध है कि उनको दर्शन पूजा करने की इजाजत दी जाए। याचिका पर सुनवाई करते हुए सिविल जज सीडी रवि कुमार की अदालत ने दोनों पक्षों की मौजूदगी में सर्वे और वीडियोग्राफी करवाने के आदेश दिए है।
वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर क्या है विवाद जिसे कोर्ट सुलझाना चाहता है? Graphics के ज़रिये समझिये। #Shankhnaad LIVE | @chitraaum @abhishek6164 pic.twitter.com/WwwtzuIJY1
— AajTak (@aajtak) May 6, 2022
GyanVaapi maszid survey: स्वामी जितेंद्रानंद- ज्ञानवापी विवादित परिसर के सर्वे का काम पहले भी हुआ है
आपको बता दें कि पहले भी कई बार ज्ञानवापी परिसर का सर्वे हो चुका है। अखिल भारतीय संत समीति के महासचिव जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि ज्ञानवापी के विवादित परिसर का सर्वे का काम पहली बार नहीं हो रहा है। उन्होंने बताया कि पहली बार 1937 में विवादित परिसर का सर्वे हुआ था। उस वक्त के सिविल जज एसबी सिंह ने एक नहीं दो बार ज्ञानवापी के विवादित परिसर का सर्वे करवाया था। एसबी सिंह ने पहली बार सर्वे का काम संबंधित मुकदमे की सुनवाई से पहले और दूसरा निरीक्षण फैसला सुनाने के पूर्व किया था।
सिद्धगिरि बाग स्थित ब्रह्म निवास में प्रेसवार्ता में स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती कहा कि न्यायालय ने शृंगार गौरी विवाद में ज्ञानवापी मस्जिद की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी लिए एक टीम गठित की है, जो छह मई को विवादित परिसर में जाकर वीडियोग्राफी और सर्वे का कार्य करेगी। उन्होंने बताया कि मैने मांग की है कि मां श्रृंगार गौरी स्थल के सर्वेक्षण में कोई बाधा न हो इसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाया जाए।
सरस्वती ने इस मामले में कथित रूप से “भड़काऊ टिप्पणी” के लिए एसएम यासीन के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के सचिव एसएस यासीन कह रहे हैं कि वीडियोग्राफी और सर्वेक्षण के लिए किसी को मस्जिद के अंदर घुसने नहीं देंगे। यह देश संविधान ओर कानून के अनुसार चलेगा। ऐसा नहीं है कि विवादित परिसर का सर्वेक्षण पहली बार हो रहा है।
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद विवाद है काफी पुराना
आप को बतो दे कि श्रीकाशी विश्वनाथ धाम मंदिर- ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर कई बार विवाद हुए हैं। लेकिन ये विवाद आज़ादी से पहले का हैं।ज़्यादातर विवाद मस्जिद परिसर के बाहर मंदिर के इलाक़े में नमाज़ पढ़ने को लेकर ही हुआ था। सबसे अहम विवाद साल 1809 में हुआ था जिसकी वजह से सांप्रदायिक दंगे हुए थे।
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