Munawwar Rana passes away: मशहूर शायर मुनव्वर राणा ने ली आखिरी सांस, 71 वर्ष की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा!

Published By-Poline Barnard

Munawwar Rana passes away: दुनिया के बड़े मशहूर शायर मुनव्वर राणा का लखनऊ पीजीआई में निधन हो गया। राना पिछले कई दिनों से लखनऊ के पीजीआई में भर्ती थे। मौत की खबर से रायबरेली में शोक की लहर है। शायर के परिवार में उनकी पत्नी, चार बेटियां और एक बेटा है। राना के बेटे तबरेज ने बताया कि बीमारी के कारण वह 14 से 15 दिनों तक अस्पताल में भर्ती थे। उन्हें पहले लखनऊ के मेदांता और फिर एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया
उन्होंने 71 साल की उम्र में रविवार को करीब 11:00 बजे अंतिम सांस ली है।

जानकारी के अनुसार वह पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे और उनका इलाज लखनऊ के संजय गांधी पीजीआई के आईसीयू वॉर्ड में चल रहा था। राणा की हिंदी, अवधी, उर्दू भाषा में कई रचनाएं प्रकाशित हो चुकी हैं। उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। हालांकि देश में असहिष्णुता का आरोप लगाते हुए उन्होंने अवॉर्ड वापस लौटा दिया था।

मां पर लिखी अपनी रचनाओं के लिए थे प्रसिद्ध

Munawwar Rana passes away: रायबरेली जिले के मूल निवासी मशहूर शायर राणा को साल 2014 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। ‘मां’ पर लिखी अपनी रचनाओं से शायर राणा ने देश-विदेश में खूब ख्याति अर्जित की। माना जाता है कि मां के लिए शेर लिखने में उनको कोई मात नहीं दे सका। शायर मुनव्वर राणा जितने ज्यादा मशहूर रहे उतने ही विवादों में भी रहे। पिछले साल ही उन्होंने पिछले साल ही वाल्मीकि समुदाय की तालिबान से तुलना की थी जिसके बाद बवाल मच गया था।

मुनव्वर राणा ने कहा था- योगी फिर CM बने तो करूंगा पलायन

Munawwar Rana passes away: 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में पाकिस्तान-पलायन और जिन्ना जैसे शब्द चर्चा में थे। उसी बीच शायर मुनव्वर राणा ने एक चैनल से इंटरव्यू में कहा था कि ‘वर्तमान सरकार पलायन-पलायन रट रही है, लेकिन भाजपा सरकार में मुसलमानों में इतना खौफ है कि कोई बोल नहीं सकता है। अगर फिर भी ओवैसी की मदद से भाजपा की सरकार आ जाती है तो हमें यहां रहने की जरूरत नहीं है, मैं यहां से पलायन कर लूंगा। दिल्ली-कोलकाता चला जाऊंगा। मेरे पिता ने पाकिस्तान जाना मंजूर नहीं किया था लेकिन अब बड़े दुख के साथ मुझे यह शहर, यह प्रदेश, अपनी मिट्टी को छोड़ना पड़ेगा। मुनव्वर ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री के कंधे पर हाथ रखकर ही बुरा कर दिया, जिसकी वजह से उन्होंने उत्तर प्रदेश में भेदभाव फैला दिया है। इस सरकार ने सिर्फ नारा दिया सबका साथ सबका विकास का, हुआ कुछ नहीं है। इनका बस चले तो प्रदेश से मुसलमानों को छुड़वा दें। उनके लिए दिल्ली कोलकाता गुजरात ज्यादा सुरक्षित है।

इन लाइनों से हुए थे फैमस

Munawwar Rana passes away: दुख भी ला सकती है लेकिन जनवरी अच्छी लगी,
जिस तरह बच्चों को जलती फुलझड़ी अच्छी लगी
रो रहे थे सब, तो मैं भी फूटकर रोने लगा
मुझको अपनी मां की, मैली ओढ़नी अच्छी लगी।

ये वो पंक्तियां हैं, जिनके वायरल होते ही मुनव्वर देश-दुनिया में छा गए और लोगों को मिला एक ऐसा शायर, जिसकी हर लाइन मां से शुरू होती और मां पर ही खत्म होती थी। यह भी अजब इत्तेफाक है कि ये जनवरी आई, दुनिया से एक अजीम शख्सियत के चले जाने का दुख दे दिया, पर मुनव्वर की उस ख्वाहिश को पूरा कर दिया, जो उन्होंने अपनी मां की मौत पर कहीं थीं किमेरी ख्वाहिश है कि मैं फिर से फरिश्ता हो जाऊं।

Written By- Vineet Attri

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।