Neha Singh Rathore: चुनाव जब-जब आता है, का बा वाली मैडम कुएं से बाहर आ जाती है और अखिलेश यादव के मंच पर स्वागत होता है, फिर योगी के खिलाफ गाना बनता है। वो गाना अखिलेश यादव अपने मंच पर बजा भी देते है। लेकिन, जब योगी कुछ अच्छा करते हैं तो नेहा राठौर को सांप सूंघ जाता है जैसे ही कुछ ऊंच-नीच होता है, का बा वाली कठपुतली ट्यून बजाने लगती है। अब सवाल ये उठता है कि नेहा सिंह राठौर को फंडिंग कौन करता है, योगी के खिलाफ गाने लिखने को कौन कहता है? कुल मिलाकर नेहा के टारगेट पर तीन लोग हैं, योगी, मोदी और सिस्टम!
कुछ लोग सवाल पूछ रहे हैं कि योगी राज में कोई सरकार के खिलाफ गाना भी नहीं गा सकता। कोई कह रहा है कि योगी सरकार आवाज दबाना चाहती है और कोई कह रहा है नेहा सिंह राठौर जैसे लोकगायिका को कानूनी नोटिस से डराया जा रहा है। हमने सोचा आपके सामने सच्चाई आनी चाहिए। कौन किसको दबा रहा है और कौन कठपुतली बनकर एजैंडा चला रहा है?
Neha Singh Rathore: इसे अच्छे से समझने के लिए नेहा सिंह राठौर के फेमस होने की पूरी टाइमलाइन देखनी पड़ेगी। साल 2020 से पहले शायद ही कोई नेहा सिंह राठौर को जानता था और अगर जानते भी थे तो कम लोग ही जानते थे। नेहा फेमस हुई उस वक्त जब बिहार में चुनाव होने वाले थे और मनोज वाजपेयी ने एक गाना निकाला बंबई में का बा. उस गाने टैग लाइन को कॉपी करने वाली नेहा बिहार पर गाना बनाने लगी। फिर बिहार वाली नेहा देखते देखते यूपी भी आ गईं।
Neha Singh Rathore: 22 जनवरी 2022 को अखिलेश यादव प्रेस कांफ्रेस करते है। नेहा सिंहराठौर का गाना उस प्रेस कांफ्रेस में सारे मीडिया वालों को सुनाया जाता है। नेहा सिंह राठौर से फिर समाजवादी पार्टी के नेता जाकर मुलाकात करते हैं। अब इसे संयोग कहें या प्रयोग….
जब बिहार में चुनाव होता है तो नेहा सिंह राठौर बिहार में एनडीए गठबंधन के खिलाफ गाना बनाती है। उस गाने को तेजस्वी यादव से लेकर आरजेडी के कई नेता ट्वीट करते हैं। नेहा सिंह राठौर की वाहवाही होती है और पहले पार्ट वन, फिर पार्ट टू निकाला जाता है। फिर यूपी में चुनाव होता है तो यूपी पर गाना बनाती है और वो गाना भी बीजेपी सरकार के खिलाफ होता है।
Neha Singh Rathore: देखते- देखते पूरे यूपी चुनाव में नेहा के गाने निकालने का सिलसिला चलता रहता है और धड़ाधड़ योगी सरकार के खिलाफ करीब 3-4 गाने आ जाते हैं। नेहा सिंह राठौर तभी गाना गाती है जब चुनाव आने वाला होता है। अब जैसे 2024 के चुनाव में करीब 12 महीने बचे हैं तो नेहा सिंह राठौर का गाना रिलीज होना फिर से चालू हो गया है।
नेहा के गाने के तीन कॉमन टारगेट हैं…
पहला टारगेट – योगी और योगी का सिस्टम
दूसरा टारगेट – उन राज्यों के खिलाफ गाना बनाओ और गाओ, जहां बीजेपी की सरकार है।
तीसरा टारगेट – अपने गाने में सिस्टम के लिए बेलगाम हो जाओ, कोई भी शब्द इस्तेमाल करो, और लोकगायिका बनकर बच जाओ।
Neha Singh Rathore: इस ट्रिक को नेहा ने कानपुर देहात में हुई घटना को लेकर भी आजमाया है लेकिन बैकफायर कर गया। क्यों बैकफायर कर गया ? सोचा है क्या आपने योगी की पुलिस या प्रशासन ने इससे पहले कभी नेहा के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया। फिर अबकी बार एक्शन की जरूरत क्यों पड़ी या नोटिस क्यों दिया गया? ये समझने के लिए हमने नेहा का हालिया आया पूरा गाना सुना.. हमने देखा कि नेहा सिंह राठौर ने पिछले 96 घंटे में तीन गाने निकाले
पहले गाने का टाइटल था – यूपी में का बा सीजन-2
दूसरे गाने का टाइटल था – बेकाबू बा बुलडोजर तोहार ए बाबा!
तीसरे गाने का बोल था – जुमलेबाज रजऊ
नेहा के गाने की एक लाइन है – बाबा के डीएम त बड़ी रंगबाज बा..
इसी में आगे कहती है बाबा के दरबार बा… ढहत घरबार बा… माई बेटी के आग में झोकत, यूपी सरकार बा…
Neha Singh Rathore: नेहा ने गाने में तुकबंदी और अनुप्रास के चक्कर में एक मिथक बनाने की भरपूर कोशिश की है कि कानपुर देहात में मां और बेटी की कातिल यूपी की ही सरकार है। नेहा राठौर ने ये भी भ्रम फैलाने की कोशिश की है कि बुलडोजर वाली हर कार्रवाई योगी आदित्यनाथ के कहने पर ही हो रही है। जबकि खुद योगी आदित्यनाथ तक ये ममाला पहुंचा तब तक उन्होंने एक्शन लेना शुरू कर दिया था।
यू पी में का बा..!
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— Neha Singh Rathore (@nehafolksinger) February 16, 2023
आपको बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में एसआईटी बनाई है और मजिस्ट्रेट जांच के भी ऑर्डर दिए गए हैं 11 लोगों के खिलाफ योगी के निर्देश पर हत्या का केस चल रहा है, इसमें कुछ अधिकारी भी हैं। उम्मीद है नेहा सिंह राठौर ये सब पढ़ लिख पाती होंगी… या फिर जानबूझ कर अंजान बनने की कोशिश कर रही है।
दरअसल, नेहा सिंह राठौर फेसम होने के लिए वैसे ही गाने तैयार करती है जिससे मोदी और योगी विरोधी उनके नाम की माला जपने लगे और ऐसा होता भी है कि कई राजनीतिक मंचों पर वो गेस्ट बनकर जाती है फूल माला पहनती है। इतने सबूत के बाद आपमें से कितने लोगों को लगता है कि नेहा सिंह राठौर पर एक्शन नहीं होना चाहिए और कितने लोग ऐसा मानते हैं कि गाने से लोगों को भ्रम में डालने वाले कलाकारों पर एक्शन बहुत जरूरी हो गया है…
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