Published By-Poline Barnard
New Delhi: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने कुछ वीडियो के संबंध में भारत में यूट्यूब के सरकारी-सार्वजनिक नीति प्रमुख मीरा चैट को तलब किया है। NCPCR ने नाबालिगों को अभद्र तरीके से चित्रित करने वाले कुछ वीडियो के संबंध में 15 जनवरी मीरा चैट को व्यक्तिगत रूप से आयोग के सामने पेश होने के लिए कहा है।
मां-बेटे के लिपलॉक वाले वीडियो से आपत्ति
New Delhi: प्रियंक कानूनगो ने आगे कहा है कि, इस तरह के वीडियो का व्यावसायीकरण पोर्न बेचने के बराबर है। जिस भी प्लेटफॉर्म पर इस तरह के वीडियो को बढ़ावा दिया जा रहा है। जहां बच्चों को अब्यूज किया जा रहा है। इस तरह के अपराध को करने वालों को जेल जाना होगा। यूट्यूब इंडिया के अधिकारियों को इस पर एक्शन लेना होगा। बताया जा रहा है कि इन वीडियो में मां और बेटे के बीच लिप लॉक (चुंबन) जैसी चीजों को दिखाया गया है।
NCPCR प्रमुख ने कहा है कि, “यूट्यूब पर इस तरह के वीडियो यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा (POCSO) अधिनियम, 2012 का उल्लंघन करते हैं। उन्होंने आगे कहा है कि,“यूट्यूब को इसे ठीक करना होगा। अपराधियों को जेल जाना होगा। ऐसे वीडियो पोर्न बेचने जैसा है। कोई भी मंच जो ऐसे वीडियो पेश करता है जहां बच्चों का यौन शोषण किया गया है। उसे जेल जाना होगा।
ऐसे यूट्यूब चैनलों को किया जा रहा चिन्हित
New Delhi: NCPCRप्रमुख ने कहा है कि संगठन ने यूट्यूब पर मां और बेटों से जुड़े संभावित अश्लील कृत्यों को चित्रित करने वाले कुछ वीडियो और चैनलों को चिन्हित किया है।यह बच्चे की भलाई और संभावित नुकसान के बारे में गंभीर चिंता पैदा करता है। इन वीडियो को नाबालिगों द्वारा भी देखा जाता है, जो महत्वपूर्ण चिंताएं भी पैदा करता है। NCPCRने यूट्यूब पर चल रही सभी अश्लील चुनौतियों की एक सूची के लिए कहा है, जिसमें “माताओं और बेटों से जुड़े संभावित अश्लील कृत्यों को दर्शाया गया हो।
बाल अधिकार निकाय ने कहा, “यदि आप कानूनी बहाने के बिना इस आदेश का पालन करने में विफल रहते हैं, तो आपको नागरिक प्रक्रिया संहिता, 1908 के आदेश XVI के नियम 10 और नियम 12 में दिए गए गैर-उपस्थिति के परिणामों के अधीन किया जाएगा।
Written By:Vineet Attri
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