Ramnvami Violence: पुलिस पर लगाया पक्षपात का गंभीर आरोप
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी हावड़ां में हई हिंसा ममाले में कहा कि “यहां पहले शांति और अमन बहाल करने का हमारा अनुरोध है। पुलिस कुछ काम नहीं कर रही है। हिंदू के जितने भी घर थे, उन्हें खत्म कर दिया गया। काजीपाड़ा क्षेत्र में सभी हिंदुओं को अपनी जान बचाने के लिए भागना पड़ा। पुलिस के सामने सभी संपत्ति खत्म हो रही है।”
पश्चिम बंगाल के विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में हावड़ा और डालखोला में हिंसा की घटनाओं के संबंध में एक जनहित याचिका दायर की है, जिसमें NIA जांच और ऐसे क्षेत्रों में केंद्रीय बलों की तत्काल तैनाती की मांग की गई है। कार्यवाहक न्यायमूर्ति ने जनहित याचिका… pic.twitter.com/eoqOwBwAb4
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 31, 2023
गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस से लिया हालात का जायजा
Ramnavmi Violence: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने हावड़ा में हुई हिंसा को लेकर कहा कि “केवल हावड़ा नहीं पूरे बंगाल में भय का वातावरण बना हुआ था…ममता बनर्जी जो भाषण दे रही थी वो देश को शर्मसार करने वाला है। तुष्टीकरण की हद है। जिस समय उनका बयान आया उसके बाद ही आगजनी की ख़बरे शुरू हुई। बंगाल में ममता बनर्जी ने ऐसा माहौल बना दिया है जैसे इस्लामिक स्टेट हो।”
Ramnavmi Violence: गौरतलब है कि गुरुवार (30 मार्च) को हावड़ा शहर में काजीपाडा इलाके के आसपास रामनवमी की शोभायात्रा निकाले जाने के दौरान दो समूहों के बीचझड़प हो गई थी। इसके बाद पुलिस की भारी तैनाती की गई थी। जिसके बाद के बाद शांति बरकरार थी लेकिन शुक्रवार जुमे की नमाज के बाद फिर दोनों समुदायों के बीच हिंसा हुई।
हिंसा के दौरान कई दुकानों और ऑटो–रिक्शा में तोड़फोड़ की गई, जबकि कुछ पुलिस वाहनों सहित कई कार में आग लगा दी गई। आग बुझाने के लिए दमकल की चार गाडिय़ों का इस्तेमाल किया गया। भीड़ को तितर–बितर करने के लिए पुलिस ने बल का इस्तेमाल किया।
ममता बनर्जी: हिंसा के लिए भाजपा और हिंदू संगठन जिम्मेदार
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रामनवमी के पावन अवसर पर निकाली गई शोभयात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच हुई हिंसा के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है। बनर्जी ने एबीपी आनंदा से कहा कि “हावड़ा की घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। हिंसा के पीछे न तो हिंदू थे और ना ही मुस्लिम थे। बजरंग दल और अन्य ऐसे संगठनों के साथ बीजेपी के कार्यकर्ता भी हथियारों के साथ हिंसा में शामिल हुए थे।”
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