उत्तराखंड विधानसभा: सीएम धामी ने विधानसभा में पेश किया यूसीसी विधेयक, गूंजे जय श्री राम के नारे

उत्तराखंड विधानसभा

उत्तराखंड विधानसभा: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार 6 फरवरी को राज्य विधानसभा में समान नागरिक संहिता विधेयक 2024 पेश किया। ये बिल पास होने के बाद उत्तराखंड देश में आजादी के बाद यूसीसी लागू करने वाला पहला राज्य बन जाएगा। देहरादून में सीएम धामी द्वारा राज्य विधानसभा में समान नागरिक संहिता उत्तराखंड 2024 विधेयक पेश करने के बाद राज्य विधानसभा के अंदर विधायकों द्वारा “वंदे मातरम और जय श्री राम” के नारे लगाए। विपक्ष के हंगामें के बीच सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई है।

उत्तराखंड विधानसभा:मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी-“एक भारत, श्रेष्ठ भारत” का मजबूत आधार स्तम्भ…

उत्तराखंड विधानसभा: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बिल पेश करने के बाद कहा कि हमारी सरकार ने पूरी जिम्मेदारी के साथ समाज के सभी वर्गों को साथ लेते हुए समान नागरिक संहिता का विधेयक विधानसभा में पेश कर दिया है। देवभूमि के लिए वह ऐतिहासिक क्षण निकट है जब उत्तराखण्ड आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी के विजन “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” का मजबूत आधार स्तम्भ बनेगा।”

सीएम पुष्कर सिंह धामी: देश का संविधान हमें समानता और समरसता के लिए प्रेरित…

उत्तराखंड विधानसभा:आपको बता दें कि बिल पेश करने से पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि “देश के संविधान निर्माताओं की अपेक्षाओं के अनुरूप भारत के संविधान के अनुच्छेद 44 को सार्थकता प्रदान करने की दिशा में आज का दिन देवभूमि उत्तराखंड के लिए विशेष है। देश का संविधान हमें समानता और समरसता के लिए प्रेरित करता है और समान नागरिक संहिता कानून लागू करने की प्रतिबद्धता इस प्रेरणा को साकार करने के लिए एक सेतु का कार्य करेगी।”

 

बीजेपी ने बताया ऐतिहासिक क्षण

उत्तराखंड विधानसभा: वहीं, बीजेपी विधायक शिव अरोड़ा ने कहा कि “यह हमारे लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। यूसीसी से बड़ी खुशी क्या हो सकती है? यह लोगों को समान अधिकार देता है। मुख्यमंत्री धामी ने आज इसकी शुरुआत की।”

 

पूर्व सीएम हरीश रावत ने उठाए सवाल

उत्तराखंड विधानसभा: कांग्रेस नेताओं ने भी यूसीसी का विरोध किया है। यूसीसी बिल पेश होने पर उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि अगर राज्य सरकार समान नागरिक संहिता के नाम पर शासक वर्ग के लिए दूसरे समुदाय की परंपराओं में हस्तक्षेप करने के लिए कानून लाती है, तो क्या ये गलत नहीं होगा ?

बंगाल में इसे लागू नहीं किया जाएगा

 तृणमूल कांग्रेस सांसद सौगत राय ने कहा कि “बीजेपी शासित राज्यों में वे UCC लागू कर सकते हैं, पश्चिम बंगाल में इसे लागू नहीं किया जाएगा। ईडी सरकार का मुख्य हथियार है तो यह कर सकते हैं, लेकिन फिर वे किसी भी मामले को सिद्ध नहीं कर पाए हैं।”

क्या है समान नागरिक संहिता ?

उत्तराखंड विधानसभा: समान नागरिक संहिता (UCC) विधेयक का उद्देश्य नागरिक कानूनों में एकरूपता लाना है। यानी प्रत्येक नागरिक के लिए एक समान कानून होना।समान नागरिक संहिता में शादी, तलाक और जमीन-जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक ही कानून लागू होगा। अनुच्छेद 44 राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों का हिस्सा है। यह राज्य से सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता के लिए प्रयास करने का आग्रह करता है, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो।

Written By- Swati Singh.

ये भी पढ़ें…

Uttarpradesh: लक्षागृह-कब्रिस्तान विवाद में 53 साल बाद आया फैसला, जानें सालों पुराने किस मामले में हुई हिंदू पक्ष की जीत
Jaipur Literature Festival 2024: जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल मे शर्मिष्ठा मुखर्जी बोली कांग्रेस को गांधी परिवार से बाहर देखने की जरूरत
By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।