Afganistan: तालिबानियों के बारे में सोचने भर से ही डर के मारे आप के शरीर में सिहरन पैदा हो जाना लाजिमी है। जब भी आप तालिबानी दहशतगर्दो के बारे में सोचोगे तो उनका वो जुल्मों सितम याद आ जाएगा। जब उन्होंने कुछ महीनों पहले अफगानिस्तान में मासूम जनता पर बेतहासा जु्ल्म ढाया था। वो मंजर आपके दिमाग में धुमेगा और सोच–सोच कर आप परेशान हो जाएंगे। जब तालिबानियों ने अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा कर लिया था। आफगानिस्तान के लोग देश को किसी भी कीमत पर छोड़ना चाहते थे। उनकी शक्ल पर साफ–साफ तालिबानियों का खोफ झलक रहा था। वो जानते थे कि अगर उन्होंने देश नहीं छोड़ा तो तालिबानी लड़ाके उनकी माँ–बहनों के साथ दरिंदगी करने से भी बाज नहीं आएंगे और इनका ये डर अब सहीं साबित भी हो रहा हैं।
Afganistan: ऑस्ट्रलिया कि महिला जर्नलिस्ट ने तालिबानियों की पोल क्या खोल के रख दी? उस महिला पत्रकार लिन ओ’डॉनेल पर तालिबानियों का कहर ही टूट पड़ा उसको भूखे – प्यासे तीन दिन तक पिंजरे में कैद रखा औऱ जब तक उसको आजाद नहीं किया, जब तक उसने सार्वजनिक रूप से माँफी नहीं माँग ली।
Afganistan: उसका सिर्फ इतना कसूर था कि उसने एक ऐसी लड़की की कहानी बतायी थी कि कैसे तालिबानी लड़ाके यहां की महिलाओं से जबर्दस्ती निकाह करते हैं और उन्हें केवल सेक्स टाँय समझते है।उनके शरीर को ये हैवान बड़ी बेरहमी से नौचते है।उनसे बेगम की तरह नहीं यौन दासियों की तरह व्यवहार करते हैं।उसकी ये ही हरकत तालिबानियों को नाग्वार गुजरी और दे दी उसको भयानक सजा।
बता दें कि फॉरिन पॉलिसी डॉट कॉम वेबसाइट के लिए लिखने वालीं लिन अकसर चर्चाओं में रहती हैं। लिन ने ट्वीट किया-“मैं और मसूद हुसैनी बामियान में तालिबान लड़ाकों द्वारा महिलाओं और लड़कियों से जबरन शादी–सेक्स स्लेवरी(सेक्स के लिए गुलाम बनाना) की इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट करने गई थी। इसके बाद से वे थोड़े नाराज हैं।”
मसूद पुलित्ज़र पुरस्कार विजेता फ्रीलांसर फोटोग्राफर हैं। लिन ने बुधवार(20 जुलाई) को खुलासा किया कि उन्हें तालिबान द्वारा माफी मांगने के लिए मजबूर किया गया था। जर्नलिस्ट ने इसका भी खुलासा किया है कि तालिबान ने चेतावनी दी थी कि या तो वे माफी मांगे या फिर जेल जाने तैयार रहें। तालिबान को लिन की LGBTQ लोगों पर उनकी रिपोर्टिंग भी मंजूर नही हुई। तालिबान का तर्क है कि अफगानिस्तान में एक भी समलैंगिक नहीं है।
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