Amritpal Singh: डिब्रूगढ़ जेल में भूख हड़ताल पर बैठा खालिस्तानी आतंकी, पत्नी किरणदीप का दावा

Amritpal Singh

Amritpal Singh: अमृतपाल को 35 दिनों तक फरार रहने के बाद 23 अप्रैल, 2023 को पंजाब पुलिस ने मोगा जिले के रोडे गांव के एक गुरुद्वारे से गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें एनएसए के तहत असम की डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल भेज दिया गया था। अब खबर है की वारिस पंजाब दे का प्रमुख और खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह इन दिनों असम की डिब्रूगढ़ जेल में भूख हड़ताल पर बैठा है। जेल में बंद अमृतपाल सिंह के सहयोगियों ने भी भूख हड़ताल शुरू कर दी है।उनकी यह भूख हड़ताल ‘टेलीफोन तक पहुंच न होने और खाने की खराब गुणवत्ता’ को लेकर है।

Amritpal Singh: आपको बता दें कि इन सभी को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत डिब्रूगढ़ जेल में बंद किया गया है। यह जानकारी अमृतपाल की पत्नी किरणदीप कौर ने गुरुवार को जेल में अपने पति से मुलाकात के बाद मीडिया को दी। अपने पति के साथ एकजुटता दिखाते हुए किरणदीप ने कहा कि उन्होंने भी भूख हड़ताल शुरू करने का फैसला किया है।

किरणदीप: अमृतपाल समेत सभी सिख कैदी भूख हड़ताल

किरणदीप ने कहा कि “मैं हर हफ्ते अपने पति से मिलने के लिए अमृतसर से डिब्रूगढ़ जेल जाती हूं। उनसे मेरी मुलाकात भी हुई और मुलाकात के दौरान पता चला कि अमृतपाल समेत सभी सिख कैदी भूख हड़ताल पर हैं।उनकी हड़ताल के पीछे एक कारण यह है कि पंजाब सरकार द्वारा उन्हें अपने-अपने परिवारों से फोन पर संपर्क करने की अनुमति नहीं दी जा रही है।”

Amritpal Singh: असम पुलिस ने इस मुद्दे पर कहा कि “जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को डिब्रूगढ़ जेल का दौरा करने और मुद्दों का आकलन करने की सलाह दी गई है। जेल में बंद कैदियों के सर्वोत्तम हित में मौजूदा नियमों के अनुरूप उनका समाधान किया जाएगा।”

जेल में केदियों के लिए व्यवस्था खराब

Amritpal Singh: इसके साथ ही कैदियों का कहना है कि “जेल में खाने-पीने की व्यवस्था अच्छी नहीं है। कभी दाल-सब्जियों में नमक ही नहीं होता और कभी रोटियां खाने लायक नहीं होती, उसमें तंबाकू होती है, जो खाना बनाता है, वह तंबाकू का सेवन करता है। उन्हीं हाथों से सभी का खाना बनाता है।”

Amritpal Singh: कैदियों का आगे कहना है कि “परिवार के एक सदस्य की मुलाकात में उसके 20-25 हजार रुपये खर्च हो जाते हैं और जेल में बंद सभी कैदियों के परिवार इतने समृद्ध नहीं हैं, जोकि इतना खर्च उठा सकें। इसके अलावा फोन की सुविधा नहीं होने की वजह से कैदियों की वकीलों से भी बात नहीं हो पाती है, जिसकी वजह से सही-गलत का पता नहीं चल पाता है।”

फोन करने की नहीं है इजाजत

Amritpal Singh: गौरतलब है कि अमृतपाल सिंह की पत्नी ब्रिटेन की नागरिक है। उनका दावा है कि जेल प्रशासन और वहां मौजूद कर्मचारी अमृतपाल सिंह की बातें नहीं समझ पाते हैं। किरणदीप ने कहा कि “दुभाषिया की अनुपस्थिति के कारण संचार की कमी है। उन्होंने एक इंट्रेप्टर की मांग की, जिससे कम्युनिकेशन आसानी से हो सके।”

Written By-Poline Barnard

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बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।