Uniform Civil Code: मानसून सत्र में पेश हो सकता है UCC बिल, केंद्र सरकार ने दिए संकेत

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Uniform Civil Code: केंद्र सरकार ने संकेत दिए है कि इस मानसून सत्र में ‘यूनिफार्म सिविल कोड’ को पेश किया जा सकता है। इसकी संभावना पहले से ही जानकार जता रहे थे। पीएम मोदी ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए ‘यूनिफार्म सिविल कोड’ समर्थन किया था। तब से ही इस बात का अंदाजा हो गया था कि अब कभी भी संसद के पटल पर UCC कानून को पारित होने के लिए रखा जा सकता है।

कपिल मिश्रा: 5 अगस्त को संसद में यूसीसी को पेश किया जा सकता

Uniform Civil Code: इसकी तस्दीक खुद भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने भी कि है उन्होंने ट्विट करते हुए कहा है कि “5 अगस्त को संसद में यूसीसी को पेश किया जा सकता है।” वो अपने ट्विट में आगे लिखते है कि “5 अगस्त को हुआ राम मंदिर का निर्णय, 5 अगस्त को हटी धारा 370, 5 अगस्त भी आने वाला है और यूनिफार्म सिविल कोड (UCC) को इस दिन कानून को पेश किया जा सकता है।”  

 

Uniform Civil Code: आपको बता दें कि सूत्रों ने कहा कि विधेयक को संसदीय स्थायी समिति को भेजा जा सकता है जो समान नागरिक संहिता पर विभिन्न हितधारकों की राय सुनेगी। कानून और कार्मिक पर स्थायी समिति के कार्यक्रम के मुताबिक यह 14 जून, 2023 को भारत के विधि आयोग द्वारा जारी सार्वजनिक नोटिस पर कानून पैनल और कानून मंत्रालय के कानूनी मामलों और विधायी विभागों के प्रतिनिधियों के विचारों को सुनेगी। 

Uniform Civil Code: PTI ने सुत्रों के हवाले से बताया है कि मानसून सत्र जुलाई के तीसरे सप्ताह में पुरानी संसद में ही शुरू हो सकता है। और बाद में मानसून सत्र के बीच में नए ससद सत्र में शिफ्ट किया जा सकता है।

Uniform Civil Code: गौरतलब है कि मोदी ने कहा था कि “सभी समुदायों के लोगों के लिए समान कानूनों की जोरदार वकालत की और दावा किया कि संवेदनशील मुद्दे पर मुसलमानों को उकसाया जा रहा है। यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने भी यूसीसी की वकालत की है, लेकिन वोट बैंक की राजनीति करने वाले इसका विरोध कर रहे हैं।”

पीएम मोदी: इनको नहीं है किसी से भी…

 पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि “विपक्ष के नेता केवल वोट बैंक की राजनीति के लिए ही यूसीसी का विरोध कर रहे है। इनको मुसलमानों से कोई प्रेम नहीं है। ये केवल राजनीतिक लाभ लेना चाहते है।

Uniform Civil Code: केन्द्र सरकार असल मुद्दे से भटका रही है ध्यान

Uniform Civil Code: असदुद्दीन ओवैसी का कहना था कि क्या समान नागरिक संहिता के नाम पर देश के बहुलवाद और विविधता को छीन लिया जाएगा। ओवैसी ने अपने बयान में यह साफ कर दिया कि एनडीए की सरकार ने तीन तलाक के विरुद्ध कानून को बनाया। लेकिन इस कानून का जमीनी स्तर पर कोई फर्क नहीं दिखा। उल्टा इस कानून के चलते महिलाओं का शोषण होने लगा।

विपक्षी पार्टी खासकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए बोला कि सरकार असल मुद्दे जैसे कि मणिपुर हिंसा बेरोजगारी असल मुद्दे से जनता का ध्यान भटका रही है। सरकार हमेशा यूसीसी के नाम पर जनता का शोषण करती है।

क्या है यूनियन सिविल कोड?

Uniform Civil Code: आपको बता दें कि यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का मतलब एक देशएक कानून यानी देश में रहने वाले सभी नागरिकों (हर धर्मजातिलिंग के लोगके लिए एक कानून होना। अगर सिविल कोड लागू होता है तो विवाहतलाकबच्चा गोद लेना और संपत्ति के बंटवारे जैसे तमाम विषयों में नागरिकों के लिए एक से कानून होंगे

Uniform Civil Code: गौरतलब है लॉ कमीशन ने फिर से ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड’ पर कंसल्टेशन (परामर्शप्रक्रिया शुरू कर दी है। आयोग ने बुधवार (14 जूनको देश के लोगों से राॅय मांगी। 22वें विधि आयोग ने समान नागरिक संहिता के बारे में मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों के विचारों को जानने के लिए फिर से निर्णय लिया।

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By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।