Cluster Bomb: अमेरिका क्यो दे रहा यूक्रेन को क्लस्टर बम, क्या है क्लस्टर बम ?

Cluster Bomb

Cluster Bomb: अमेरिका, यूक्रेन को क्लस्टर बम देने जा रहा है जिसे लेकर काफी विवाद हो रहा है। इसी बीच अमेरिकी सेना ने क्लस्टर बम ट्रेनिंग का एक वीडियो जारी किया है। अमेरिकी सेना की ये ट्रेनिंग बेहद खतरनाक है, घातक है। इस ट्रेनिंग में इस्तेमाल किए जा रहे बम इतने विनाशकारी हैं कि वो जिनेवा कन्वेंशन के तहत प्रतिबंधित हैं। इन्हें कलस्टर बम कहते हैं। ये बम हवा में खुलते हैं और कई छोटे बम छोड़ते हैं रिलीज किए गए काफी बम अक्सर फटते नहीं हैं और बाद में आम नागरिकों की मौतों का कारण बनते हैं अमेरिका ने इन्हीं बम को यूक्रेन को देने की मंजूरी दे दी है। जिससे यूक्रेन तो खुश है लेकिन नाटो देशों ने इस फैसले पर चिंता जताई है।

क्लस्टर बम क्या हैं?

Cluster Bomb:  क्लस्टर बम एक प्रकार का हथियार होता है। जो कई छोटे-छोटे बमों का एक बड़ा रूप है। जिसमें रॉकेट, मिसाइल या तोपों के जरिये किसी क्षेत्र में बड़ी तादाद में छोटे-छोटे बम फैला दिए जाते हैं ये बीच आसमान में फैलाए जाते हैं। जब क्लस्टर बम उड़ान भरता है। तो वह अपने निचले भाग से सब-म्यूनिशन को छोड़ देता है। जिससे इसके एक साथ कई हथियार बिखर जाते हैं। और वे विभिन्न स्थानों पर हमला कर सकते हैं। यह एक बड़े क्षेत्र को एक साथ आक्रमण करने की क्षमता प्रदान करता है। बड़ी संख्या में एक साथ टारगेट पर बम गिरने से सामने वालों को बड़ा नुकसान होता है।

अमेरिका क्लस्टर बम यूक्रेन क्यों भेज रहा है?

Cluster Bomb:  यूक्रेन की सेनाओं के पास गोले-बारूदों की बेहद कमी है। इसका मुख्य कारण यह है कि, रूसियों की तरह, वे अपने हत्यारों को असाधारण रूप से हाई रेट पर उपयोग करते हैं और यूक्रेन के पश्चिमी सहयोगी उन्हें उस गति से नए हथियार नहीं दे सकते हैं। जिसकी उन्हें आवश्यकता है। पर्याप्त गोला-बारूद के अभाव में यूक्रेन ने अमेरिका से रूसी पैदल सेना को निशाना बनाने के लिए क्लस्टर हथियारों की आपूर्ति को फिर से स्टॉक करने के लिए कहा है।

रूस ने भी दी चेतावनी

Cluster Bomb:  रूस ने यूक्रेन को क्लस्टर हथियारों की आपूर्ति करने के अमेरिकी फैसले की निंदा करते हुए कहा है कि इससे नरसंहार और विश्व शांति के लिए खतरा पैदा होगा। रूस की समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती ने शुक्रवार को दी खबर में अंतरराष्ट्रीय मामलों पर ड्यूमा स्टेट समिति के अध्यक्ष लियोनिद स्लटस्की के हवाले से बताया है कि अमेरिका का फैसला नरसंहार बढ़ाने वाला है। और उसे अपने यूरोपीय सहयोगियों के साथ मिलकर भविष्य में न्यायोचित होने का सामना करना पड़ेगा। स्लटस्की ने कहा, ‘‘रूस इसका माकूल जवाब देगा और हमारी सैन्य इकाइयों को दुश्मन द्वारा क्लस्टर हथियारों के संभावित उपयोग के बारे में सूचित किया गया है।

108 देश संधि पर कर चुके हैं हस्ताक्षर

Cluster Bomb: 2008 में डबलिन में कन्वेंशन ऑन क्लस्टर म्यूनिशन नाम से अंतरराष्ट्रीय संधि अस्तित्व में आई।  इस संधि के तहत क्लस्टर बमों को रखने बेचने या इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी गई थी। हालांकि दुनिया के कई देशों ने इस संधि का विरोध किया। और इसके सदस्य नहीं बने जिसमें भारत, रूस, अमेरिका, चीन, पाकिस्तान और इस्राइल शामिल थे।  सितंबर 2018 तक इस संधि पर दुनिया के 108 देश हस्ताक्षर कर चुके हैं।  क्लस्टर बम को वैश्विक तरीके से बैन करने का प्रयास उसके मानवीय पर्यावरणीय और नैतिक दुष्प्रभावों के कारण किया गया है।

रूस के हवाई हमलों से तबाह यूक्रेन

Cluster Bomb: वहीं यूक्रेन की सेना ने रविवार सुबह कहा कि पिछले 24 घंटे में रूस ने 40 हवाई हमलों और रॉकेट लांचर से 46 हमलों के अलावा ईरान निर्मित दो शाहेद ड्रोन से हमले किये दो क्रूज मिसाइलें दागी और दो विमान भेदी मिसाइलें छोड़ीं। डोनेत्स्क के गवर्नर पावलो किरिलेंको ने रविवार को कहा कि शनिवार को क्षेत्र के दो निवासियों की मौत हो गई।यूक्रेनी अभियोजक जनरल के कार्यालय के अनुसार देश में अन्य जगहों पर, रविवार को दक्षिणी क्षेत्र खेरसॉन में रूसी सेना द्वारा छोड़े गए एक विस्फोटक उपकरण में विस्फोट होने से आठ और 10 साल की उम्र के दो लड़के घायल हो गए। गवर्नर ऑलेक्ज़ेंडर प्रोकुदिन ने कहा कि रूस ने खेरसॉन क्षेत्र में 69 गोले दागे हैं।

Written By: Vineet Attri

ये भी पढ़े…

दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा लाए अध्यादेश पर कांग्रेस ने दिया केजरीवाल को समर्थन, पवन खेड़ा-‘कांग्रेस पार्टी हमेशा संघीय ढांचें की रक्षा में…’
Team India: शुभमन गिल का फ्लॉप शो जारी ,कहीं ये खिलाड़ी ना करा दे टीम से बाहर पढ़िए विस्तृत रिपोर्ट

By Keshav Malan

यह कलम दिल, दिमाग से नहीं सिर्फ भाव से लिखती है, इस 'भाव' का न कोई 'तोल' है न कोई 'मोल'