Gujarat Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव का ऐलान होते ही राजनीतिक गलियारें में हलचल तेज हो गयी है। आम आदमी पार्टी और भाजपा ने तो पहले से ही राज्य में चुनाव प्रचार करना शुरू कर दिया था। और अब गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह बेघेला भी एक्टिव हो गए हैं। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए बघेला ने आम आदमी पार्टी और केजरीवाल पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि “मुफ़्त में कुछ भी नहीं है. यह 300 यूनिट मुफ्त बिजली (AAP का वादा) क्या है? किसकी बाप की दिवाली है? यह आपका (जनता) पैसा है।
Gujrat Assembly Election 2022: उन्होंने कहा कि “मुझे बताओ किसी पार्टी ने मुफ्त में शिक्षा का देने का वादा किया हो और फिर 200 करोड़ रुपये सरकारी खजाने में जमा करके अपना वादा निभाया हो?”
बघेला ने ये भी कहा कि “मैं गुजरात और देश के मतदाताओं से कहता हूं कि ‘रेवड़ी’ के झांसे में न आएं और क्या किसी पार्टी ने इसके लिए कोई फंड जुटाया है, जिससे वह अपने वादों को पूरा करेगी? यह सभी वादे जनता के पैसे के बल पर कहना आसान है।”
Gujrat Assembly Election 2022: बघेला ने विचारधारा को लेकर भी कसा तंज
गुजरात के पूर्व मंत्री ने ये भी कहा कि “आज जो लोग राजनीति में आ रहे हैं, वे अपने लिए आते हैं। मुझे आरएसएस द्वारा जनसंघ में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन अब राजनीति में आने वाले लोगों को किसने आमंत्रित किया है? वे पार्टियों में टिकट की भीख मांगने के लिए जा रहे हैं। आप अपनी खातिर आए हैं और यह विचारधारा सब ढोंग है। किसी भी पार्टी में कोई विचारधारा नहीं है- ना ही कांग्रेस में, ना ही संघ में, और न ही सीपीएम में…”
बघेला ने भाजपा पर भी साधा निशाना
Gujrat Assembly Election 2022: शंकर सिंह बघेला ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘अगली पिढ़ी के भले के लिए बीजेपी को हटाना जरूरी’ वाघेला के मुताबिक चाहे कांग्रेस गुजरात की सत्ता में हो या न हो लेकिन, बीजेपी को रोकने की जरूरत है।
उन्होंने ये भी कहा कि “गुजरात की जनता को आने वाली पीड़ी के लिए कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य को बचाना है तो इसका यही रास्ता है कि बीजेपी को निकालना पड़ेगा। कोई भी ऐसा गुजराती नहीं है जो इस वक्त परेशान न हो” और साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि “कोरोना में सरकार की बेवकूफी के कारण हजारों-लाखों लोगों की मौत हो गई।”
गौरतलब है कि वरिष्ठ नेता शंकर सिंह वाघेला राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी है। पहले वो भाजपा में थे और उसके बाद उन्होंने साल 1996 में भाजपा को अनविदा कहते हुए राष्ट्रीय जनता पार्टी (RJP) का गठन किया था। हालांकि वाघेला ने बाद में अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में कर दिया था।
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