Tawang Vivad: अरूणाचल प्रदेश के तवांग में चीनी सेना की आक्रामक हरकत ने दो वर्ष पहले लद्दाख के गलवान में हुई खूनी झड़प की याद दिलाने के साथ यह भी स्पष्ट कर दिया कि चीन अपनी शत्रुतापूर्ण गतिविधियों से बाज आना वाला नहीं हैं। तवांग की घटना ने यह भी साफ कर दिया कि चीनी सेना आगे भी भारतीय सीमा पर अतिक्रमण करने की कोशिश कर सकती हैं।
इस सबके साथ ही भारत-चीन के बीच हुई झड़प के मुद्दे पर राजनीति शुरू हो गई।कांग्रेस सहित दूसरे विपक्षी दलों ने मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया।
Tawang Vivad: वहीं कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार सीमा के मसले को दबा रही हैं, जिसके कारण चीन का दुस्साहस बढ़ता जा रहा हैं।इस दौरान पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि “चीन के दुस्साहस करने पर कांग्रेस सरकार को जागने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन वह अपनी राजनीतिक छवि चमकाने के लिए चुप्पी साधे हैं।”
जयराम रमेंश ने आरोप लगाते हुए कहां कि “देश से बड़ा कोई नहीं हैं, लेकिन मोदी जी अपनी छवि बचाने के लिए देश को खतरे में डाल रहा हैं। साथ ही प्रधानमंत्री के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि अगर ये गलती नहीं की गई होती, चीन का नाम लिया होता तो वह भारत की तरफ आँख उठाने की हिम्मत नहीं करता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कमजोर राजनीति नेतृत्व की वजह से चीन ने यह अपनाम किया हैं।”
Tawang Vivad: दूसरी ओर संसद में हंगामे को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला। कांग्रेस पर चीन को लेकर दोहरा और दोगला रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि जनता सब देख रही हैं। और देश में जब तक भाजपा की मोदी सरकार चल रही हैं, तब तक देश की एक इंच जमीन पर भी कोई कब्जा नहीं कर सकता।
अब यह देखना दुखद हैं कि जब राजनीतिक नेतृत्व को एकजुट होने के साथ ऐसा दिखना भी चाहिए, तब वह सरकार को घेरने में लगा हुआ हैं। कांग्रेस सरकार पर कुछ ज्यादा ही हमलावर हैं। कभी-कभी ऐसा लगता हैं कि उसके इस हमलावर रवैये का कारण यह है कि चीन के संदर्भ में उसकी अपनी रीति-नीति को लेकर सवाल न उठने पाएं। इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती कि डोकलाम विवाद के समय राहुल गांधी भारत सरकार को सूचित किए बिना चीनी राजदूत से मुलाकात कर आए थे।
Written By— Nitisha Agarwal
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