Ae Watan Mere Watan: सारा अली खान की इस फिल्म से देशविरोधी लोगों के पेट में हो गया दर्द

Ae Watan Mere Watan

Ae Watan Mere Watan: ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम वीडियो पर सारा अली खान की फिल्म रिलीज हो गई है। इस फिल्म में सारा ने सच्ची गांधीवादी और कांग्रेस रेडियो की फाउंडर उषा मेहता का किरदार निभाया है। वहीं कल (22 मार्च) सिनेमाघरों में ‘स्वातंत्र्य वीर सावरकर’ आने वाली है। ‘ऐ वतन मेरे वतन’ के रिव्यू में ‘स्वातंत्र्य वीर सावरकर’ का जिक्र इसलिए किया गया है क्योंकि दोनों ही फिल्में स्वतंत्रता सेनानी पर आधारित है और दोनों ही फिल्में एक दिन के अंतराल में रिलीज हो रही हैं। एक फिल्म में सारा अली खान हैं और दूसरी फिल्म में रणदीप हुड्डा। रणदीप हुड्डा ने ‘स्वातंत्र्य वीर सावरकर’ में कैसा काम किया है इसकी झलक तो हमें उनके ट्रांसफॉर्मेशन की तस्वीरों में ही देखने को मिल गई है।

Ae Watan Mere Watan: क्या है इसकी कहानी ?

‘ऐ वतन मेरे वतन’ की शुरुआत सारा अली खान उर्फ उषा मेहता से अपने पिता से यह कहने से होती है कि वह उड़ना चाहती है। उषा के पिता (सचिन खेडेकर) उन्हें आकाश में ऊंची उड़ान भरने के लिए पंख खोजने के लिए कहते हैं। इसके बाद फिल्म में 1940 के दशक की कहानी दिखाई जाती है जब सारा अली खान को भारत में ब्रिटेन के खिलाफ लड़ाई करते देखा जा सकता है। हालांकि, अंग्रेजों से लड़ाई के दौरान उषा को एहसास हो जाता है कि उसके पंख अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई की भावना और राष्ट्र के प्रति प्रेम है। इसके बाद अंग्रेजों से आजादी पाने के लिए

उषा लोगों को एकजुट करने और भारत छोड़ो आंदोलन में लग जाती है। उषा देश की आजादी के लिए अपनी जान की बाजी लगा देती है। वहीं बिना किसी बात के परवाह किए कांग्रेस रेडियो नाम से अपना रेडियो स्टेशन शुरू कर देती है। उनके दो कॉलेज के दोस्त फहद (स्पर्श श्रीवास्तव) और कौशिक (अभय वर्मा) बाकी देशभक्त नागरिक के साथ इसमें उनका साथ देते हैं।

वहीं आगे की कहानी में दिखाया जाता है कि तीनों अपने रेडियो की मदद से लोगों को एकजुट करने के लिए नए-नए रास्ते ढूंढते हैं। इन सब के बीच उनकी मुलाकात राम मनोहर लोहिया (इमरान हाशमी) से होती है। पहले भाग की कहानी उतनी खास नहीं थी, लेकिन उसके बावजूद फिल्म के दूसरे भाग में बहुत कुछ दिखाने को मिला। वहीं जब मुंबई क्राइम ब्रांच के हेड जॉन लायर को रेडियो बंद करने और अपराधियों को पकड़ने का काम सौंपा जाता है। उसके बाद फिल्म में थोड़ी लड़ाई-झगड़े, कुछ रोमांटिक पल, दोस्ती के साथ-साथ आजादी की लड़ाई के साथ फिल्म को खत्म किया जाता है।

फिल्म में सारा की कैसी एक्टिंग?

इस फिल्म में सारा अली खान लीड रोल में है, तो पूरा फोकस उन्ही पर रहता है। हालांकि वह अपने आप को साबित करने के एक अच्छे मौके से चूक गईं। ‘ऐ वतन मेरे वतन’ में जितनी बेहतरीन एक्टिंग की उनसे उम्मीद की जा रही थी, वो इनपर खरी नहीं उतरतीं। यह आप उनकी डायलॉग डिलीवरी से जान जाएंगे। हालांकि उनकी मासूमियत आपका मन मोह लेगी। वहीं किरण राव की ‘लापता लेडीज’ से सुर्खियों में आए स्पर्श श्रीवास्तव ने फिल्म में बढ़िया काम किया है। राम मनोहर लोहिया के रूप में इमरान हाशमी का काम काफी सामान्य लगता है।

निर्देशन किसने किया?

‘ऐ वतन मेरे वतन’ का निर्देशन कनन अय्यर ने किया है और लिखने में उनका साथ दरब फारुकी ने दिया है। फिल्म के गीत आपको अच्छे लगेंगे। इसके अलावा एडिटिंग और बैकग्राउंड म्यूजिक भी अच्छा है। इस फिल्म को करण जौहर, अपूर्व मेहता और सोमेन मिश्रा के प्रोडक्शन तले बनाया गया है। अगर आप सारा अली खान के फैन है, तो यह फिल्म जरूर देख सकते हैं।

Written By: Swati Singh

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By Susheel Chaudhary

मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।