Indian Navy: मौत की सजा से 8 नौसैनिकों को बड़ी राहत, कतर कोर्ट ने स्वीकार की भारत की अर्जी

Indian Navy: भारत के लिए एक राहत भरी बड़ी खबर सामने आई है। कतर में जासूसी के आरोप में मौत की सजा पाने वाले भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को उम्मीद की किरण दिखी है। मिली जानकारी के अनुसार विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने 16 नवंबर को इसकी पुष्टि की थी। उन्होंने कहा भारत सरकार के द्वारा इस फैसले के खिलाफ अपील दायर करने की बात कही थी। कुछ दिनों के बाद सुनवाई होगी।

Indian Navy: बता दें कि नौसेना के इन आठ पूर्व अफसरों को कतर में फांसी की सजा सुनाई गई थी। बता दें कि आठ पूर्व नेवी अफसरों की मौत की सजा के खिलाफ भारत सरकार ने यह याचिका दायर की है। कतर की अदालत ने 23 नवंबर 2023 को इसे स्वीकार कर लिया और अब अपील का अध्ययन कर जल्द इस पर सुनवाई शुरू करेगी। दरअसल, अगस्त 2022 में इन आठ अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था।

पिछले महीने सुनाई थी मौत की सजा

Indian Navy: बता दें कि कतर की एक अदालत ने 26 अक्टूबर को आठों भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने कतर की अदालत के इस फैसले को चौंकाने वाला बताया था। साथ ही इस मामले में सभी कानूनी विकल्प तलाशने की बात कही थी। तब सरकार ने कहा था कि कतर अदालत की ओर से सजायाफ्ता भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को राहत दिलाने की कोशिश की जा रही है। फिलहाल मौत की सजा के खिलाफ अपील दायर की गई है जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।

अभी तक सार्वजनिक नहीं किए गए आरोप

Indian Navy: इस मामले में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि भारत इस मामले में कतर के अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहा है। साथ ही सरकार भारतीय नागरिकों को सभी कानूनी और कांसुलर संबंधी मदद देना जारी रखेगी। इस पूरी प्रक्रिया में फैसले को कतर सरकार ने गोपनीय रखा।

इस मामले में न तो कतर के अधिकारियों और ना ही नई दिल्ली ने भारतीय नागरिकों के खिलाफ आरोपों को सार्वजनिक किया गया है। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इन सभी भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारियों पर इजरायल के लिए जासूसी करने का आरोप है।

नेवी के जिन आठ पूर्व अफसरों को मौत की सजा सुनाई गई है, उनके नाम- कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेंदू तिवारी, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और राजेश हैं। इन सभी पूर्व अफसरों ने भारतीय नौसेना में 20 साल तक सेवा दी थी। नेवी में रहते हुए उनका कार्यकाल बेदाग रहा है और अहम पदों पर रहे हैं।

विदेश मंत्रालय ने क्या कहा था?

Indian Navy: विदेश मंत्रालय ने कहा था, ‘हम मृत्युदंड के फैसले से हम बेहद स्तब्ध हैं और विस्तृत फैसले का इंतजार कर रहे हैं। हम परिवार के सदस्यों और कानूनी टीम के संपर्क में हैं और सभी कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं। हम इस मामले को बहुत महत्व देते हैं और इस पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। हम सभी कांसुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे। हम फैसले को कतर के अधिकारियों के समक्ष भी उठाएंगे। इस मामले की कार्यवाही की गोपनीय प्रकृति के कारण इस समय कोई और टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।’

Written By: Vineet Attri 

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By Susheel Chaudhary

मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।