New Delhi: ऑड-ईवन फॉर्मूले को सही बताते हुए केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिया हलफनामा, पढ़िए पूरी रिपोर्ट

New Delhi: प्रदूषण के मामले में केजरीवाल सरकार ने ऑड-ईवन को सही बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। दायर हलफनामे में दिल्ली सरकार ने एक साइंटिफिक स्टडी का हवाला देते हुए कहा है कि इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। हलफनामें में आगे कहा गया है कि इससे सड़कों पर भीड़भाड़ कम हुई है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट के इस्तेमाल में बढ़ोतरी हुई है।

New Delhi: दिल्ली सरकार ने ऑड ईवन पर सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा है कि इससे सार्वजनिक परिवहन के उपयोग में वृद्धि देखने को मिलती है। सरकार ने एक वैज्ञानिक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा, “इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ा। सड़क पर भीड़भाड़ कम हुई। ईंधन की खपत में 15% की कमी आई।” दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 2015 से इस साल जुलाई तक पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क के रूप में 1491.16 करोड़ रुपये एकत्र किए गए।

DPCC ने दायर किया अलग हलफनामा

New Delhi: दिल्ली सरकार के अलावा दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने दिल्ली सरकार से अलग से अपना हलफनामा दायर किया है। इसमें कहा गया है कि स्मॉग टावर्स को प्रायोगिक आधार पर पायलट स्टडी के लिए लगाया गया था। आईआईटी की स्टडी से पता चला है कि स्मॉग टावर का प्रभाव सीमित क्षेत्र तक ही रहता है।

दिल्‍ली में जल्‍द ऑड-ईवन लागू करने की योजना

New Delhi: दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्‍ली में बढ़ते प्रदूषण का स्‍तर को लेकर केजरीवाल सरकार से पूछा था कि वह दिल्‍ली की आबोहवा को साफ करने के लिए क्‍या कदम उठा रहे हैं। दिल्‍ली सरकार ने कोर्ट को बताया था कि वह कई कदम उठा रही है, इसके साथ ही 13 नवंबर से कारों के लिए ऑड-ईवन योजन भी लागू की जा रही है। तब सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि क्‍या ऑड ईवन से प्रदूषध के स्‍तर में कुछ होता है? इसके जवाब में दिल्‍ली सरकार ने अब हलफनाम दायर किया है।

परिवहन मंत्री गोपाल राय ने बताया था कि ऑड-ईवन के लिए संबंधित विभाग जिसमें ट्रांसपोर्ट विभाग और दिल्ली पुलिस भी शामिल हैं। गोपाल राय ने कहा था कि समीक्षा करने के बाद आगे का फैसला लिया जाएगा कि इसे आगे बढ़ाया जाए या नहीं।

दिल्‍ली के प्रदूषण में पड़ोसी राज्‍यों की भूमिका

New Delhi: दिल्ली के ‘डिसीजन सपोर्ट सिस्टम’ के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को 38 फीसदी प्रदूषण के लिए पड़ोसी राज्यों, विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा में पराली जलाए जाने से निकला धुआं जिम्मेदार था। बृहस्पतिवार को शहर में प्रदूषण के स्तर में पराली जलाने की घटनाओं का योगदान 27 फीसदी रहा, जबकि शुक्रवार को इसके 12 फीसदी रहने की संभावना है।

आंकड़ों में परिवहन को भी वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण बताया गया है, जो दिल्ली की बिगड़ती आबोहवा में 12 से 14 फीसदी का योगदान दे रहा है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार दिल्ली में ऐप आधारित टैक्सियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

Written By: Vineet Attri 

ये भी पढ़ें..

SL VS NZ: श्रीलंका को 4 विकेट से हराकर न्यूजीलैंड ने सेमीफाइनल में की मजबूत दावेदारी, पाकिस्तान की बढ़ा दी टेंशन
SA VS AFG: अफगानी टीम ने गवाई 3 विकेट, क्या साउथ अफ्रीका के खिलाफ जीतकर सेमीफाइनल में करेंगे क्वालीफाई?

By Susheel Chaudhary

मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।