Rajiv Gandhi: कमलनाथ ने बीजेपी पर कसा तंज, कहा- “राजीव गांधी ने खुलवाया था राम मंदिर का ताला”

Rajiv Gandhi: कांग्रेस पार्टी के मध्य प्रदेश प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि अकेले भारतीय जनता पार्टी अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का श्रेय नहीं ले सकती है। इसके लिए हमें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की भूमिका को नहीं भूलना चाहिए। हमें इतिहास को नहीं भूलना चाहिए।उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का ताला राजीव गांधी ने खोला।

Rajiv Gandhi: इस मुद्दे पर कमल नाथ आगे बोले कि BJP राम मंदिर को अपनी संपत्ति समझकर हड़पना चाहती है। वो सरकार में थे। उन्होंने इसे बनाया। अपने घर से तो बनाया नहीं हैं।सरकार के पैसों से बनाया है। उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने पर कांग्रेस श्रीलंका में सीता माता मंदिर बनवाने का अपना वादा निभाएगी।

Rajiv Gandhi: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के बीच कमलनाथ ने यह बयान राजनीति को गरमाने वाला है। इससे कुछ दिन पहले ही कमलनाथ ने राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलाए जाने पर भी सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था, “वे राम मंदिर के बारे में ऐसे बात कर रहे हैं जैसे ये BJP का हो। राम मंदिर हमारे देश का मंदिर है। ये हमारे सनातन धर्म का बहुत बड़ा प्रतीक है। क्या ये किसी एक पार्टी का है?”

कैसे खुला था बाबरी मस्जिद का ताला?

Rajiv Gandhi: यह घटना 31 जनवरी 1986 की है। उस समय यूपी में कांग्रेस की सरकार थी। वीर बहादुर सिंह मुख्यमंत्री थे। फैजाबाद के वकील उमेश चंद्र ने राम मंदिर का ताला खुलवाने को लेकर जिला अदालत में याचिका दायिका की। एक फरवरी को डिस्ट्रिक्ट जज के ए के पांडे ने राम मंदिर का ताला खोलने का आदेश दिया। अदालत के फैसले के बाद 37 साल से बंद विवादित बाबरी मस्जिद का गेट खुल गया।

इसके बाद तत्कालीन गृह राज्य मंत्री अरुण नेहरू का एक बयान आया कि राजीव गांधी ने बाबरी मस्जिद का गेट खुलवाया था। हालांकि बाद में बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में पीएमओ में सचिव रहे वजाहत हबीबुल्लाह ने साफ किया किया प्रधानमंत्री राजीव गांधी को अदालत के आदेश के बारे में जानकारी नहीं थी। अपने राजनीतिक पारी में अरुण नेहरू ने कभी वसाहत हबीबुल्लाह के बयान का खंडन नहीं किया।

उस दौर में राम मंदिर के दरवाजा खोलने के फैसले को शाहबानो प्रकरण से जोड़कर देखा गया। 1985 में सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम महिला शाहबानो को तीन तलाक देने वाले पति को गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था। तत्कालीन राजीव गांधी की सरकार ने अदालत के फैसले के खिलाफ 1986 में एक बिल लेकर आए। इस बिल के जरिये उन्होंने अदालत के फैसले को बदल दिया।

तुष्टिकरण के आरोप में कांग्रेस चारो तरफ से घिर गई। विपक्ष ने आरोप लगाया कि शाहबानो के मसले पर तुष्टिकरण का आरोप झेल रही कांग्रेस ने राम मंदिर का पासा फेंका था।

कमलनाथ ने क्या कहा?

Rajiv Gandhi: राज्य में कांग्रेस के मुख्यमंत्री चेहरे के रूप देखे जाने वाले, अनुभवी नेता और नौ बार के सांसद ने यह भी कहा कि पार्टी श्रीलंका में सीता माता मंदिर का निर्माण फिर से शुरू करने का अपना वादा निभाएगी। उन्होंने कहा कि संस्कृति और आस्था के लिए काम करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। हमने अपनी पिछली सरकार में श्रीलंका में माता सीता के मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया शुरू की थी।

शिवराज सरकार ने प्रक्रिया रोक दी। यह सब पूर्व में उचित प्रक्रिया के तहत किया गया है।उनसे जुड़े नरम हिंदुत्व के टैग के बारे में पूछे जाने पर, खासकर खुद को हनुमान भक्त के रूप में पेश करने के बारे में पूछे जाने पर, कमल नाथ ने कहा कि मैं हिंदुत्व, नरम हिंदुत्व और सुपर हिंदुत्व जैसी शब्दावली पर टिप्पणी नहीं करता हूं।

हमारे लिए धार्मिक आस्था आचरण और विचार का विषय है प्रचार का नहीं। उन्होंने कहा कि पंद्रह साल पहले मैंने छिंदवाड़ा में 101 फीट ऊंची हनुमान प्रतिमा स्थापित की थी। कांग्रेस ने भव्य महाकाल और ओंकारेश्वर मंदिरों के लिए 455 करोड़ रुपये आवंटित किए।

Written By: Swati Singh

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By Susheel Chaudhary

मेरे शब्द ही मेरा हथियार है, मुझे मेरे वतन से बेहद प्यार है, अपनी ज़िद पर आ जाऊं तो, देश की तरफ बढ़ते नापाक कदम तो क्या, आंधियों का रुख भी मोड़ सकता हूं ।