Ramcharitra Manas Controversy: बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर द्वारा रामचरितमानस के बारे में की गई शर्मनाक और विवादित बयान को लेकर विवाद अभी शांत भी नहीं हुआ था कि अब समाजवादी पार्टी के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी इस पवित्र ग्रंथ को लेकर विवादित बयान दिया है।
मौर्य ने तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस के कुछ हिस्सों पर यह कहते हुए पाबंदी लगाने की मांग की है कि उनसे समाज के एक बड़े तबके का जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर अपमान होता है जिसके बाद अब बीजेपी से भी सवाल होने लगे हैं।
अखिलेश यादव: मोर्य के विवादित बयान पर बड़े एक्शन की हो रही है तैयारी
अखिलेश यादव ने रामचरितमानस पर बढ़ते विवाद के बाद पार्टी के मीडिया सेल को स्वामी के बयान पर कुछ भी बोलने से रोका दिया है। सूत्रों के मुताबिक सपा प्रमुख मंगलवार को स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरित्र मानस वाले विवादित बयान पर प्रेस कांफ्रेंस कर सकते हैं।
खबर ये भी आ रही है कि सपा प्रमुख अखिलेश याद स्वामी के बयान पर बड़ा काफी गुस्सें में दिखाई दे रहे है और हो ये भी सकता है कि वो स्वामी पर कठोर और बड़ा फैसला ले सकते हैं। आपको बता दें कि सपा के अंदर ही कई विधायकों और पार्टी नेताओं ने भी स्वामी के बयान से दूरी बना ली है और ये नाराज नेताओं का गुट ही अकिलेश यादव पर बड़ा एक्शन लेने का दबाव बना रहे हैं।
वहीं सपा नेता ऋचा सिंह ने कहा कि “छद्म समाजवादी स्वामी प्रसाद मौर्य को लोहिया जी के समाजवाद को पढ़ना चाहिए जो समाजवाद और श्रीराम में सामंजस्य देखते हैं।” साथ ही उन्होंने कहा कि “स्वामी को इस बात का भी स्पष्टीकरण देना चाहिए कि अभी तक उन्होंने अपनी बेटी को उन्होंने समाजवाद रास्ता क्यों नहीं दिखाया या वो भी अवसर आने पर।”
सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह ने तो यहां तक कह दिया कि “स्वामी समाजवादी नहीं हैं। दूसरी ओर 2024 चुनाव के मद्देनजर पार्टी का मानना है कि ये स्वामी का बयान पार्टी के लिए ठीक नहीं ह। आने वाले चुनावों में सपा को स्वामी के विवादित और शर्मनाक बयान से नुकसान उठाना पड़ सकता है।”
भाजपा नेता अपर्णा यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस के बयान पर कसा तंज
बुलंदशहर कोतवाली नगर क्षेत्र के नुमाइश ग्राउंड में रविवार 22 जनवरी को हो रहे एक शाम सांवरिया सेठ के नाम कार्यक्रम में पहुंची थी। वहीं समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस के बयान पर भाजपा नेता अपर्णा यादव ने तंज कसते हुए कहा कि “शबरी के झूठे बेर खाकर श्रीराम ने समस्त कास्ट बैरियर को तोड़ा और झूठे बेर खाकर सतयुग में उन्होंने ने एक परम उदाहरण दिया। राम भारत का चरित्र है और राम किसी एक धर्म या मजहब के नहीं हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि “आज भी भारत में कहा जाता है बेटा हो तो राम जैसा हो, इस तरह की टिप्पणी करना बयान देना अपनी राजनीति गर्म करने के लिए किसी ने भी दिया हो वह अपने खुद के चरित्र को दिखा रहे हैं।” और साथ ही कहा कि “इसके साथ ही अपर्णा यादव ने कहा कि यह उनके खुद के चरित्र का दर्पण है वह कितना नीचे स्तर का है।”
बता दें कि पूर्व मंत्री सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि रामचरितमानस के कुछ हिस्सों पर मुझे आपत्ति है और तुलसीदास की रामायण में कुछ ऐसे अंश हैं, जिन पर हमें आपत्ति है। किसी भी धर्म में किसी को गाली देने का हक नहीं है। तुलसीदास की रामायण में चौपाई है और इसमें वह शूद्रों को अधम जाति का होने का सर्टिफिकेट दे रहे हैं, धर्म के नाम पर विशेष जाति का अपमान किया गया है।
दरअसल, सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरुण राजभर ने रामचरितमानस विवाद पर कहा कि “सपा के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य “श्रीरामचरितमानस“को प्रतिबंधित की बात कर रहे है, बेटी भाजपा से सांसद हैं क्या बेटी भी सहमत है? याद है सपा के ही एक नेता ने श्रीराम जी को काल्पनिक बताया था तो अखिलेश यादव पार्टी से निष्कासित कर दिये थे, क्या अब इनको भी बाहर का रास्ता दिखायेगे।“
स्वामी प्रसाद मोर्य ने बागेश्वर धाम पर पर भी दिया शर्मनाक बयान
वहीं सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने बागेश्वर धाम पर भी शर्मानाक बयान देते हुए कहा था कि “धर्म के ठेकेदार ही धर्म का सौदा कर रहे हैं, यह देश का दुर्भाग्य है। समाज सुधारकों की कोशिशों से ही देश आज तरक्की की राह पर है लेकिन दकियानूसी सोच वाले बाबा समाज में अंधविश्वास, ढकोसला और रूढ़िवादी परंपराओं को फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।”
मौर्य ने तंज कसते हुए ये भी कहा कि “अगर बाबा के ही पास सारी बीमारियों का इलाज है तो सरकार ने बेकार में ही अस्पताल और मेडिकल कॉलेज चला रही है. ऐसे बाबा पर सरकार को नजर रखने की जरुरत है।”
#WATCH | I don't have any issue with #Ramcharitramanas but a few parts of Ramcharitramanas have insulting comments & sarcasm specifying particular castes & sects, those should be banned…: SP leader #SwamiPrasadMaurya pic.twitter.com/qmPB8OuESh
— TOI Lucknow News (@TOILucknow) January 22, 2023