Supreme Court: लिव इन रिलेशनशिप के रजिस्ट्रेशन की मांग वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग को पूर्ण रूप से अव्यवहारिक बताते हुए याचिकाकर्ता की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को इस याचिका पर सुनवाई शुरू हुई। कोर्ट में यह याचिका अधिवक्ता ममता रानी ने दाखिल की थी। इस याचिका में लिव इन रिलेशनशिप के रजिस्ट्रेशन की मांग की गई थी।
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में दिल्ली के श्रद्धा मर्डर केस और निक्की यादव हत्याकांड का हवाला दिया था। याचिकाकर्ता की यह दलील थी कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए लिव इन में रहने वाले लोगों की जानकारी जुटाई जाए क्योंकि लिव इन पार्टनर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मुक्कमल जानकारी पुलिस के पास हो। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता की इस मांग को अव्यवहारिक करार देते हुए याचिका को खारिज कर दिया।
Supreme Court: लिव इन संबंधों के रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था बनाने की मांग सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. कोर्ट ने इसे अव्यवहारिक बताया है. याचिका में श्रद्धा वालकर और निक्की यादव हत्याकांड का हवाला दिया गया था। इसमें कहा गया था कि गोपनीय तरीके से चल रहे ऐसे संबंध लगातार जघन्य अपराध की वजह बन रहे हैं।
Supreme Court: चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जे बी पारडीवाला की बेंच के सामने जब यह मामला लगा तो उन्होंने इस पर हैरानी जताई. चीफ जस्टिस ने कहा, यह किस तरह की मांग है? आपको कैसे लगता है कि लोग ऐसे संबंध का रजिस्ट्रेशन करवाना चाहेंगे? ऐसी याचिका हर्जाना लगा कर खारिज करनी चाहिए।
Written By–Vineet Attri