Delhi JNU Vivad Update: जएनयू के बाहर जमा हुए लोग, कहा-“ये लो हमारा वीज़ा और हमे भारत छोड़ना है, बताओ कहां जाए ?”

Delhi JNU Vivad Update

Delhi JNU Vivad Update: जेनयू में अब हालत ऐसे बन गए है लोग यूनिवर्सिटी के बाहर जमा हो रहे है…और वहां  कुछ लोग अपने साथ बाकायदा अपना पासपोर्ट साथ लाये है और बोल रहे है की ये लो हमारा वीज़ा और हमे भारत छोड़ना है, बताओ कहां जाए ?

उनका कहना है की जिस देश में हिन्दू विरोधी गद्दार रहते हो उस भारत में वो बिलकुल रहना नहीं चाहते है …..लोगो में आक्रोश इतना है की उन्होंने अब सामने से वामपंथियों को ललकारा है और सामने से ही चेतावनी दी है की अगर बाहर की जनता जेनयू में घुस गई तो अपने तरीके से उनको जवाब देगी….

अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा क्यों हुआ कि अचानक से लोगों का जमावड़ा जेएनयू के बाहर जमा होने लगा और वो इतने आक्रमक भी हो गए कि इन वामपंथियों छात्रों या यू कहे कि गद्दारों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने के लिए मजबूर भी होना पड़ा हैं।

Delhi JNU Vivad Update: आपको बता दें कि अभी कुछ दिनों पहले देश की राजधानी दिल्ली में बने सबसे चर्चित यूनिवर्सिटी जेएनयू से विचलित करने वाली तस्वीरें सामने आई थी जिसने सबको डरा कर रख दिया… इन तस्वीरों में वैसे ही नारे लिखे नजर आ रहे हैं। जो किसी जमाने में कश्मीरी पंडितों के लिए गए थे।

JNU में ब्राहम्णो और बनियो को बेहद खतरनाक मंसूबों के साथ भयावह चेतावनी दी गई…. जेएनयू की दीवारों पर लिखा हुआ है … ‘यहां खून बहेगा’, ‘ब्राह्मणों कैंपस छोड़ो’ जैसे दर्जनों नारे लिख गए हैं…

लेकिन, यहां सवाल उठना लाजिमी है कि देश की इतनी ‘गौरवशाली’ यूनिवर्सिटी JNU में ब्राह्मणों और बनियो के खिलाफ इतना जहर आया कहा से है ? कौन है जो इसके पीछे से अपना मकसद पूरा करना चाहता है ?

Delhi JNU Vivad Update: जेएनयू एक ऐसी संस्थान है जो शिक्षा के लिए कम और विवादों के लिए अधिक चर्चा में रहता है। इसे वामपंथियों और इस्लामिस्टों का गढ़ कहा जाए तो कतई गलत नहीं होगा। JNU पर हिंदू विरोधी और देश विरोधी होने के आरोप आए दिन लगते रहते हैं सो अलग। लेकिन अब इस संस्थान के सवर्ण विरोधी होने की बात भी सामने आई है। जिससे JNU में डर का माहौल है।

क्या आप इस बात पर यकीन कर सकते हैं की शिक्षा का एक ऐसा मंदिर जिसकी ख्याति दुनियाभर में फैली है और वहां के छात्र ब्राह्मणों के खिलाफ जहर घोलेंगे… देश के न जाने कितने वर्तमान नेताओं ने जिस जेएनयू से पढ़ाई की है…  वहां के छात्र ब्रह्मणो और बनियो से बदला लेने की बाते कर रहे हैं और उन्हें खुली चेतावनी दे रहे है और उनको डरा रहे है…

Delhi JNU Vivad Update: वामपंथी विचारधारा का गढ़ कहे जाने वाले जेएनयू में सिर्फ सवर्णों से ही घृणा करना नहीं सिखाया जाता है। स्त्रियों को पुरुषों से नफरत करना सिखाने के लिए फेमिनिज्म का ज्ञान बांटा जाता है…  मूल निवासियों के नाम पर लोगों के बीच भेदभाव करने के लिए आर्यों के आक्रमण की थ्योरी गढ़ी जाती है। हिंदू धर्म को हिकारत की नजर से देखना सिखाया जाता है।

अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर हिंदू देवी-देवताओं के अपमान के तरीके सिखाए जाते हैं। संवैधानिक अधिकारों के नाम पर देश विरोधी बातों को तर्कसम्मत घोषित करना सिखाया जाता है और, जब नफरत का कांटा अपने चरम पर पहुंच जाता है।

कभी-कभी ये वामपंथी छात्र सभी सीमाओं को लांघ जाते हैं। जेएनयू की हालिया तस्वीरें इसकी एक बानगी भर हैं और ये सब सिर्फ और सिर्फ वामपंथी विचारधारा के पोषण से हो रहा है।

जबसे जेनयू में ये घटना हुई है तबसे लोगो में बहुत गुस्सा है… यही नहीं अब लोगो की भीड़ जेनयू के कैंपस के बहार जाकर बवाल कर रही है…लोगों में ये गुस्सा साफ़ जाहिर करता है की अब ये सब बर्दाश नहीं किया जाएगा…

Delhi JNU Vivad Update: आज की तारिख में जेएनयू यूनिवर्सिटी का पढाई लिखाई से कोई सम्बन्ध नहीं है आजकल यहाँ देश को तोड़ने की शिक्षा मिल रही है..यहाँ एक युवा बन रहे हैं जो देश के खिलाफ है, देश विरोधी नारे लगाते हैं… जो दुर्गा माँ, स्वामी विवेकानंद जी का अपमान करते हैं…पाकिस्तान मैच जीतने पर जश्न मानते है, जहां आये दिन राष्ट्र विरोधी गतिविधियाँ चल रही हैं।

हालाँकि जिन लोगो ने जेनयू की दीवारों पर ये धमकिया लिखी थी वो अब तक गायब है या यूं कहे कि फरार है, लेकिन पुलिस शद्दत से उनकी तलाश में लगी हुई है….

जेएनयू की उस महिला प्रोफेसर के केबिन के दरवाजे पर भी ‘शाखा लौट जाओ’ का नारा लिखा गया है, जिसे नवंबर 2019 में वामपंथियों ने 3 दिन के लिए हिरासत में रखा था। ये नारे 30 नवंबर की रात को लिखे गए थे। इस घटना को लेकर अभी तक JNU प्रशासन की तरफ से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया ।

जातिसूचक धमकियों भरे ये नारे किसने लिखे थे ये अब तक पता नहीं चल सका है। ये सारे लिखे हुए नारे सोशल मीडिया पर वायरल हो गए।
ये कहना भी गलत नहीं होगा की अब जो है एक बड़ा खेल जेनयू में खेला जा रहा है, जंहा हिन्दू को हिन्दू के खिलाफ लड़ाने की साजिश चल रही है..

जहां अब विश्वविद्यालय में जातिवाद फैल रहा है……वहीं इस घटना के सामने आने के बाद सियासत भी तेज हो गई है, विश्वविद्यालय की वायरल हो रही तस्वीरों पर लोगों की तीखीं प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।

इस पूरे मामले पर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने घोर आपत्ति जताते हुए कहा है कि JNU की दीवारों पर ब्राह्मण और बनिया विरोधी नारे बहुत ही घातक है। नारे लिखने वाले ने देश की संस्कृति पर प्रहार किया है।

Delhi JNU Vivad Update: गीतकार मनोज मु शुक्ला ने इसको सनातन का अपमान बताया है। उन्होंने कहा कि “जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में बैठे वामपंथी सोच के लोग देश को खोखला करने का प्रयास कर रहे हैं और ऐसे सोच वालों से मुकाबला करने की जरूरत है।”

JNU विवाद की तुलना हिटलर के शासन काल से करते हुए उन्होंने कहा कि 1940 के आस पास जर्मनी में यहूदियों की हालत क्या थी, किस तरह से यहूदियों को दबाया जा रहा था और आज हालत वैसी ही है…

उन्होंने कहा की हमारी पहचान पर संकट है और हमारे अस्तिव पर संकट है। वामपंथी चाहते हैं कि हम चुपचाप सब कुछ सहते रहें और ऐसा नहीं हो सकता। उन्होंने आगे कहा कि तथाकथित बुद्धजीवी सवर्णों और ब्राह्मणों की बात नहीं करना चाहते।

दरअसल, ये वही जेएनयू है. जहां कुछ साल कन्हैया कुमार, उमर खालिद सरीखे छात्र नेता ‘आजादी’ के नारों से लेकर आतंकी अफजल की मौत का मातम मनाते थे। वैसे, ये तमाम चीजें जेएनयू में अभी भी बदस्तूर जारी हैं। इसमें फर्क महज इतना आया है कि जो चीजें पहले खुलेआम की जाती थीं। अब उन्हें अंदरखाने अंजाम दिया जाता है।

Delhi JNU Vivad Update: कन्हैया-खालिद जैसे कई छात्रों के भीतर का ये गुस्सा अब सोशल मीडिया या टीवी चैनलों से ज्यादा जेएनयू की दीवारों या शाहीन बाग जैसे सरकार विरोधी प्रदर्शनों में नजर आता है…..वही दूसरी तरफ हिन्दू रक्षा दल की अध्यक्ष पिंकी चौधरी ने कहा कि “वो लोग हमारे खिलाफ नारे लिखकर छिप गए थे, लेकिन हम डटकर खड़े हैं। जिसमें हिम्मत हो, हमसे आकर बात करें। हम लिखने वालों के बारे में पता कर रहे हैं।”

हिन्दू रक्षा दल ने आरोप लगाया कि नारे लेफ्ट के इशारे पर लिखे गए हैं। इनके हाथी जैसे दांत हैं, खाने के कुछ और दिखाने के कुछ और ये गतिविधियां देशविरोधी हैं, भारत विरोधी गतिविधियां करने वाले लोग भारत छोड़ें।

53 बरस पहले बना दिल्ली का JNU आज भी दुनिया के तमाम विकसित देशों की सूची में इतनी काबलियत रखता है कि उसे कोई नजरअंदाज नहीं कर सकता। ये ऐसा इकलौता ऐसा विश्विद्यालय है जिसने इस देश को नोबेल पुरस्कार विजेता दिए हैं  और सरकार में केंद्रीय मंत्री बनने वाले लोग भी दिए हैं।

Delhi JNU Vivad Update: देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी इसी JNU से निकलकर ही राजनीति का वो पाठ पढ़ा है जो सत्ता की ताकत अपने हाथों में लाने का गुर सिखाता है। यह संस्थान आज भी देश की ऐसी शान बना हुआ है। जिसके, लिए अब भी न जाने कितने युवाओं का ये सपना होता है कि उन्हें किसी भी तरह से JNU में एडमिशन मिल जाए।

वैसे तो JNU को छात्र-राजनीति का सबसे पुराना और मजबूत गढ़ माना जाता है और अब तक इसे वामपंथी विचारधारा के सबसे कारगर औजार की तरह ही इस्तेमाल किया जाता रहा है।

हालांकि, पिछले कुछ सालों में आरएसएस के आनुषंगिक संगठन विद्यार्थी परिषद ने यहां अपनी ताकत बढ़ाई है और उसी ताकत ने अब दो छात्र -संगठनों के बीच में प्रतिस्पर्द्धा को जनम दिया है पहले तो वामपंथियों का जेएनयू की राजनीति में एकछत्र राज हुआ करता था।

लेकिन आप सोचिये की ये कैसी मानसिकता है ?…आज ये ब्राह्मणो और बनियो को भारत छोड़ने के लिए धमकिया दे रहे है कल को कहेंगे हिंदू भारत छोड़ो….

ये भी पढ़ें…

Mathura Eidgah: ईदगाह के आगे हनुमान चालिसा के पाठ करने जाते हुए शख्स को किया गिरफ्तार,कई लोगों को प्रशासन ने किया नजरबंद
Delhi JNU Vivad: ब्राह्मण विवाद के बाद हिंदू रक्षा दल ने भी लगाए गेट पर ‘कम्युनिस्टों भारत छोड़ो’ वाले पोस्टर

By Atul Sharma

बेबाक लिखती है मेरी कलम, देशद्रोहियों की लेती है अच्छे से खबर, मेरी कलम ही मेरी पहचान है।